उसने प्रभु के वचन की प्रेरणा से वेदी के विरोध में पुकार कर कहा, ‘ओ वेदी, ओ वेदी! प्रभु यों कहता है : “देख, दाऊद के वंश में एक पुत्र उत्पन्न होगा। उसका नाम योशियाह होगा। जो पहाड़ी शिखर की वेदी के पुरोहित तेरे लिए सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाते हैं, वह उनको तुझ पर बलि करेगा, और मनुष्यों की अस्थियाँ तुझ पर जलाई जाएंगी।” ’
ओ इस्राएली राष्ट्र, तेरे मृतक जीवित होंगे, उनका मृत शरीर लाशों के मध्य से उठेगा। ओ मिट्टी में दफनाए गए मृत लोगो, जागो, और जयजयकार करो! प्रभु, तेरी यह ओस ज्योतिर्मय ओस है। तू उसको मृत-लोक पर बरसाएगा, और मृतक जीवित हो जाएंगे!
तब प्रभु ने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, ये हड्डियां मानो इस्राएल के सब वंशज हैं। देख, वे कहते हैं, “हमारी हड्डियां सूख गईं। हमारी आशा टूट गई। हम पूर्णत: नष्ट हो चुके हैं।”
अत: तू उनको मेरा यह सन्देश सुना। तू उनसे यह नबूवत करना, स्वामी-प्रभु यों कहता है : ओ मेरे निज लोगो, मैं तुम्हारी कबरें खोलूंगा और उनमें से तुमको निकालूंगा। मैं तुमको तुम्हारे देश इस्राएल में वापस लाऊंगा।
तब प्रभु ने मुझे आदेश दिया, ‘ओ मानव, नबूवत कर! तू जीवन के सांस को मेरा यह सन्देश सुना। तू उससे यह कहना : ओ जीवन के सांस, तुझसे स्वामी-प्रभु यों कहता है : चारों पवनों से आ, और इन शवों में प्राण फूंक कि ये जीवित हो जाएं।’
‘लाठी ले! तू अपने साथ अपने भाई हारून तथा इस्राएली मंडली को एकत्र कर, और उनकी आंखों के सामने चट्टान को आदेश दे कि वह अपना जल प्रदान करे। इस प्रकार तू उनके लिए चट्टान से जल बाहर निकालेगा, और मंडली के जनसमुदाय तथा उनके पशुओं को पानी पिलाएगा।’
येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ : यदि तुम विश्वास करो और सन्देह न करो, तो तुम न केवल वह करोगे, जो मैंने अंजीर के पेड़ के साथ किया है; परन्तु यदि तुम इस पहाड़ से यह कहोगे, ‘उठ और समुद्र में जा गिर’, तो वैसा ही हो जाएगा।