16 ‘ओ मानव, तू लकड़ी की एक पट्टी ले, और उस पर यह लिख : “यह पट्टी यहूदा की और उसके साथी इस्राएल की सन्तान की है।” इसके बाद तू दूसरी पट्टी लेना, और उस पर यह लिखना : “यह पट्टी यूसुफ की अर्थात् एफ्रइम की तथा उसके साथी समस्त इस्राएल वंशियों की है।”
16 “मनुष्य के पुत्र, एक छड़ी लो और उस पर यह सन्देश लिखो: ‘यह छड़ी यहूदा और उसके मित्र इस्राएल के लोगों की है।’ तब दूसरी छड़ी लो और इस पर लिखो, ‘एप्रैम की यह छड़ी, यूसुफ और उसके मित्र इस्राएल के लोगों की है।’
16 हे मनुष्य के सन्तान, एक लकड़ी ले कर उस पर लिख, यहूदा की और उसके संगी इस्राएलियों की; तब दूसरी लकड़ी ले कर उस पर लिख, यूसुफ की अर्थात एप्रैम की, और उसके संगी इस्राएलियों की लकड़ी।
16 “हे मनुष्य के सन्तान, एक लकड़ी लेकर उस पर लिख, ‘यहूदा की और उसके संगी इस्राएलियों की;’ तब दूसरी लकड़ी लेकर उस पर लिख, ‘यूसुफ की अर्थात् एप्रैम की, और उसके संगी इस्राएलियों की लकड़ी।’
16 “हे मनुष्य के पुत्र, लकड़ी की एक लाठी लो और उस पर यह लिखो, ‘यहूदिया और इस्राएल से संबंधित लोग उसके साथ जुड़ गये हैं.’ तब लकड़ी की एक और लाठी लेकर उस पर लिखो, ‘योसेफ़ (एफ्राईम) और सब इस्राएली उसके साथ जुड़ गये हैं.’
16 “हे मनुष्य के सन्तान, एक लकड़ी लेकर उस पर लिख, ‘यहूदा की और उसके संगी इस्राएलियों की;’ तब दूसरी लकड़ी लेकर उस पर लिख, ‘यूसुफ की अर्थात् एप्रैम की, और उसके संगी इस्राएलियों की लकड़ी।’
उसने समस्त यहूदा तथा बिन्यामिन कुलों के सब लोगों को एकत्र किया। एफ्रइम तथा मनश्शे गोत्रों और शिमोन कुल के असंख्य लोग इस्राएल प्रदेश को त्यागकर राजा आसा के पास आ गए थे, और उसके राज्य में निवास करने लगे थे; क्योंकि उन्होंने अनुभव किया था कि प्रभु परमेश्वर राजा आसा के साथ है। राजा आसा ने इन लोगों को भी एकत्र किया।
अत: मैं भेड़-बकरियों के व्यापारियों के पास मजदूरी करने लगा और वध होने वाले रेवड़ का चरवाहा बन गया। मैं रेवड़ की भेड़-बकरियों को चराने लगा। मैंने दो लाठियां लीं। मैंने एक लाठी का नाम “कृपा” और दूसरी का नाम “एकता” रखा। मैं उनको लेकर भेड़-बकरियां चराने लगा।