25 ‘ओ मानव, वह दिन अवश्य आएगा, जब मैं उनका गढ़, जो उनके हर्ष और गौरव का प्रतीक है, उनका पवित्र स्थान जो उनकी आंखों का तारा और प्राण-प्रिय है, और उनके पुत्र-पुत्रियाँ छीन लूंगा।
25-26 “मनुष्य के पुत्र, मैं उस सुरक्षित स्थान यरूशलेम को लोगों से ले लूँगा। वह सुन्दर स्थान उनको आनन्दित करता है। उन्हें उस स्थान को देखने का प्रेम है। वे सचमुच उस स्थान से प्रेम करते हैं। किन्तु उस समय मैं नगर और उनके बच्चों को उन लोगों से ले लूँगा। बचने वालों में से एक यरूशलेम के बारे में बुरा सन्देश लेकर तुम्हारे पास आएगा।
25 और हे मनुष्य के सन्तान, क्या यह सच नहीं, कि जिस दिन मैं उनका दृढ़ गढ़, उनकी शोभा, और हर्ष का कारण, और उनके बेटे-बेटियां जो उनकी शोभा, उनकी आंखों का आनन्द, और मन की चाह हैं, उन को मैं उन से ले लूंगा,
25 “हे मनुष्य के सन्तान, क्या यह सच नहीं, कि जिस दिन मैं उनका दृढ़ गढ़, उनकी शोभा, और हर्ष का कारण और उनके बेटे–बेटियाँ जो उनकी शोभा, उनकी आँखों का आनन्द, और मन की चाह हैं, उनको मैं उनसे ले लूँगा,
25 “और हे मनुष्य के पुत्र, जिस दिन मैं उनके दृढ़ गढ़, उनका आनंद और महिमा, उनके आंखों की खुशी, उनके हृदय की इच्छा, और साथ ही साथ उनके बेटे और बेटियों को छीन लूंगा—
25 “हे मनुष्य के सन्तान, क्या यह सच नहीं, कि जिस दिन मैं उनका दृढ़ गढ़, उनकी शोभा, और हर्ष का कारण, और उनके बेटे-बेटियाँ जो उनकी शोभा, उनकी आँखों का आनन्द, और मन की चाह हैं, उनको मैं उनसे ले लूँगा,
“ओ मानव, तू इस्राएल के वंशजों से यह कह, स्वामी-प्रभु यों कहता है: मेरा पवित्र स्थान तुम्हारे लिए अत्यन्त प्रिय है। वह तुम्हारी आंखों का तारा है। तुम्हारा प्राण-प्रिय है। तुम उसके बल पर गर्व करते हो। मैं अपने उस पवित्र स्थान को अशुद्ध कर दूंगा। जिन पुत्र-पुत्रियों को तुम वहां छोड़ आए हो, वे शत्रु की तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: ‘देख, मैं उन को दण्ड दूंगा। उनके जवान तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे। उनके पुत्र-पुत्रियां अकाल में भूख से मर जाएंगे।
तेरे पुत्र और पुत्रियाँ दूसरी जाति के हाथ में सौंप दिए जाएंगे। तेरी आंखें दिन भर उनकी प्रतीक्षा करते-करते थक जाएंगी। उनको रोकने की शक्ति तेरे हाथ में नहीं होगी।
उसने शत्रु के सदृश धनुष चढ़ाया; उसने बैरी के समान हाथ बढ़ाया; और सियोन की पुत्री के तम्बू में हमारी आंखों में प्रिय लोगों को मार डाला। उसने अग्नि के सदृश अपने क्रोध की मदिरा उण्डेल दी।
जिस दिन यरूशलेम से भागा हुआ आदमी मेरे पास आया, उससे पूर्व सन्धया के समय प्रभु की सामर्थ्य मुझ पर प्रबल हुई थी, और जब वह मनुष्य सबेरे मुझ से मिला, तब प्रभु ने उसी समय मेरा मुंह खोल दिया। प्रभु की सामर्थ्य से मेरा मुंह खुल गया और मेरा गूंगापन दूर हो गया।