18 किन्तु उसका पिता, जिसने गरीबों पर अत्याचार किया, अपने जाति-भाई-बहिनों को लूटा, और जनता में भलाई का काम नहीं किया, निस्सन्देह अपने कुकर्मों का फल भोगेगा: वह निश्चय ही मरेगा।
18 पिता लोगों को चोट पहुँचा सकता है और चीज़ें चुरा सकता है! वह मेरे लोगों के लिये कभी कुछ अच्छा कार्य नहीं कर सकता। वह पिता अपने पापों के कारण मरेगा। किन्तु पुत्र अपने पिता के पापों के लिये दण्डित नहीं होगा।
यदि मैं दुर्जन से यह कहूंगा, “तू अपने दुष्कर्म के कारण निश्चय मरेगा” और तू उसको चेतावनी नहीं देगा, और न उसको अपना कुमार्ग छोड़ने के लिए सावधान करेगा कि वह चेतावनी सुनकर अपना प्राण बचा ले, तो, ओ मानव, सुन, वह दुर्जन अपने दुष्कर्मों के कारण तो मरेगा ही, परन्तु मैं उसकी मृत्यु का दोष तेरे माथे ही मढूंगा।
यदि कोई धार्मिक व्यक्ति अपने धर्म के आचरण से विमुख हो जाता है और अधर्म के काम करता है, तो वह अपने इस पाप के कारण निस्सन्देह मरेगा। जो पाप वह करता है, उसका फल मृत्यु है।
किन्तु दूसरी ओर, जब धार्मिक व्यक्ति अपने सदाचरण को छोड़कर अधर्म के काम करने लगता है, वह दुर्जन के समान दुराचरण करने लगता है, तो क्या ऐसा व्यक्ति जीवित रहेगा? न्याय के दिन उसका एक भी पुण्य कर्म स्मरण नहीं किया जाएगा। उसने मेरे प्रति विश्वासघात किया है, इसलिए वह दोषी है। उसने पाप किया है; अत: वह निस्सन्देह मरेगा।
केवल पाप करनेवाला प्राणी ही मरेगा। पिता के अधर्म का फल पुत्र कदापि नहीं भोगेगा, और न ही पुत्र के अधर्म का दण्ड पिता को मिलेगा। किन्तु धार्मिक व्यक्ति को उसके धर्म का फल और दुर्जन को उसके पाप का फल मिलेगा।
यदि तुम किसी प्रदेश में गरीबों पर अत्याचार होते देखो, यदि तुम वहाँ न्याय और धर्म का गला घोंटा जाता हुआ देखो, तो आश्चर्य मत करना; क्योंकि एक अधिकारी के ऊपर उससे बड़ा अधिकारी होता है और उससे भी ऊपर उच्च अधिकारी होता है।
वह कुकर्म में हाथ नहीं डालता। वह रुपया ब्याज पर नहीं देता, और न सूदखोरी करता है। वह मेरे आदेशों का पालन करता है, और मेरी संविधियों के अनुसार आचरण करता है। ऐसा पुत्र अपने पिता के कुकर्मों के कारण नहीं मरेगा; बल्कि वह निस्सन्देह जीवित रहेगा।
‘किन्तु तुम प्रश्न करते हो, “पुत्र अपने पिता के अधर्म का दण्ड क्यों न भोगे?” सुनो, यदि पुत्र ने न्याय और धर्म के अनुरूप आचरण किया है, और वह मेरी संविधियों का पालन करने के लिए सदा तत्पर था तो वह निस्सन्देह जीवित रहेगा।