यहेजकेल 14:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)3 ‘ओ मानव, इन लोगों ने अपने-अपने देवता की मूर्ति अपने हृदय में प्रतिष्ठित कर रखी है। इन्होंने धर्म-मार्ग पर चलने के पूर्व ही अपने सम्मुख अधर्म के रोड़े डाल रखे हैं, तो क्या ये ठोकर नहीं खाएंगे? ये मेरी इच्छा जानने के लिए तेरे पास आए हैं। क्या मैं इन को उत्तर दूंगा? कदापि नहीं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल3 “मनुष्य के पुत्र, ये व्यक्ति तुमसे बातें करने आए हैं। वे चाहते थे कि तुम मुझसे राय लो। किन्तु वे व्यक्ति अब तक अपनी गन्दी देवमूर्तियों को रखे हैं। वे उन चीजों को रखते हैं जो उनसे पाप कराती हैं। वे अब तक उन मूर्तियों की पूजा करते हैं। इसलिये वे मेरे पास राय लेने क्यों आते हैं क्या मुझे उनके प्रश्नों के उत्तर देने चाहिए नहीं! अध्याय देखेंHindi Holy Bible3 हे मनुष्य के सन्तान, इन पुरुषों ने तो अपनी मूरतें अपने मन में स्थापित कीं, और अपने अधर्म की ठोकर अपने साम्हने रखी है; फिर क्या वे मुझ से कुछ भी पूछने पाएंगे? अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)3 “हे मनुष्य के सन्तान, इन पुरुषों ने तो अपनी मूरतें अपने मन में स्थापित कीं, और अपने अधर्म की ठोकर अपने सामने रखी है; फिर क्या वे मुझ से कुछ भी पूछने पाएँगे? अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल3 “हे मनुष्य के पुत्र, ये लोग अपने हृदय में मूर्तियों को बसा रखे हैं और अपने चेहरे के सामने दुष्टता के ठोकर के पत्थर रखे हुए हैं. क्या मैं इन्हें मुझसे जानकारी लेने की अनुमति दूं? अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20193 “हे मनुष्य के सन्तान, इन पुरुषों ने तो अपनी मूरतें अपने मन में स्थापित की, और अपने अधर्म की ठोकर अपने सामने रखी है; फिर क्या वे मुझसे कुछ भी पूछने पाएँगे? अध्याय देखें |
तू इन्हें यह बात बता, और इनसे कह, स्वामी-प्रभु यों कहता है, ‘इस्राएली कुल का जो व्यक्ति अपने देवता की मूर्ति अपने हृदय में प्रतिष्ठित करेगा, और यों धर्म-मार्ग पर चलने के पूर्व अपने सम्मुख अधर्म के रोड़े डालेगा, और मेरी इच्छा जानने के लिए नबी के पास आएगा, तो उसको मैं अपने ढंग से उत्तर दूंगा : वह अपनी असंख्य मूर्तियों के अनुरूप अपार दण्ड पाएगा।
जब तुम इन मूर्तियों के सामने उपहार-भेंट चढ़ाते हो, जब तुम अपने पुत्रों की अग्नि-बलि चढ़ाते हो, तब इस मूर्ति-पूजा के कारण तुम आज तक स्वयं को अशुद्ध करते हो। ऐसे घृणित काम करने के पश्चात् भी तुम आशा करते हो कि मैं तुम्हारे प्रश्नों के उत्तर में तुम पर अपनी इच्छा प्रकट करूंगा? ओ इस्राएल के वंशजो, मुझे अपने जीवन की सौगन्ध है, तुम मेरी इच्छा नहीं जान सकोगे।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
‘इसी प्रकार यदि धार्मिक मनुष्य अपने सन्मार्ग से विमुख हो जाए और अधर्म करने लगे, और मैं उसको रोकने के लिए उसके आगे बाधाएँ उत्पन्न करूं, तो वह निस्सन्देह मर जाएगा। अब, क्योंकि तूने उस धार्मिक मनुष्य को चेतावनी नहीं दी थी, इसलिए वह अपने पाप में मरा और उसके सत्कर्मों को स्मरण नहीं किया गया, अत: मैं उसकी मृत्यु का दोष तेरे माथे ही मढूंगा।
तुम्हारे ये बचे हुए लोग उन राष्ट्रों में मुझे स्मरण करेंगे, जहाँ वे बन्दी बनकर निष्कासित हुए थे। वे याद करेंगे कि मैंने उनको दण्ड दिया था, क्योंकि उन दिनों में उनके हृदय की निष्ठा मेरे प्रति नहीं रही थी। और उन्होंने मेरी ओर से आंखें हटा ली थीं, और उन्होंने अन्य देवताओं की मूर्तियों पर कामनापूर्ण दृष्टि की थी। वे यह अनुभव कर अपने घृणित कार्यों के लिए स्वयं अपनी दृष्टि में घृणित ठहरेंगे, और कहेंगे कि उन्होंने कितने दुष्कर्म किये हैं।
उन्होंने सड़कों पर अपनी चांदी की मूर्तियां फेंक दी हैं। उनकी सोने की मूर्तियां अशुद्ध वस्तुएं हो गई हैं। ये सोना-चांदी की मूर्तियाँ उनके प्रभु के कोप-दिवस पर उनको संकट से नहीं बचा सकीं। वे उनकी भूख को तृप्त नहीं कर सकीं और न उनका पेट भर सकीं। वास्तव में ये मूर्तियां ही तो उनके अधर्म का कारण हैं।