19 ‘ओ मानव, यदि मैं उस अधर्मी देश के मनुष्य और पशु दोनों को नष्ट करने के लिए उस पर महामारी का प्रकोप रूपी प्याला उण्डेलूं, क्रोध में आकर वहां खून की नदियां बहाऊं,
19 परमेश्वर ने कहा, “या, मैं उस देश के विरुद्ध महामारी भेज सकता हूँ। मैं उन लोगों पर अपने क्रोध की वर्षा करूँगा। मैं सभी मनुष्यों और जानवरों को उस देश से हटा दूँगा।
अत: गाद दाऊद के पास आया। उसने यह बात दाऊद को बताई। उसने दाऊद से कहा, ‘क्या आप चाहते हैं कि आपके देश में तीन वर्ष तक अकाल पड़े? या आप तीन महीने तक अपने बैरियों के कारण, जो आपका पीछा करेंगे, भागते रहें? अथवा क्या आप पसन्द करेंगे कि आपके देश पर तीन दिन तक महामारी का प्रकोप हो? अब आप सोच-विचार कर निर्णय दीजिए कि मैं लौट कर अपने भेजने वाले को उत्तर दूँ।’
इस प्रकार दाऊद ने महामारी के प्रकोप को चुना। गेहूँ की फसल का समय था। प्रभु ने इस्राएल देश पर महामारी भेजी। महामारी सबेरे से आरम्भ हुई और निर्धारित समय तक फैली रही। दान नगर से बएरशेबा क्षेत्र तक बसे हुए लोगों में से सत्तर हजार व्यक्ति मर गए।
‘जब इस देश में अकाल पड़ेगा, महामारी फैलेगी, फसल में गेरुआ कीड़ा लगेगा, पाला पड़ेगा, टिड्डी-दल का आक्रमण होगा अथवा फसल में कीड़े लगेंगे; जब उनके शत्रु उनको किसी नगर में घेर लेंगे, अथवा महामारी या रोग का उन पर हमला होगा,
“हे परमेश्वर, तेरा नाम इस भवन में प्रतिष्ठित है। अत: जब हम पर अनिष्ट का बादल छाएगा, जब हम पर शत्रु की तलवार का प्रहार होगा, हम पर महामारी और अकाल की छाया पड़ेगी, अथवा जब तू हमें न्यायपूर्ण दण्ड देगा, तब हम तेरे इस भवन में तेरे सम्मुख खड़े होंगे, और अपने संकट में तेरी दुहाई देंगे। तब प्रभु, तू हमारी प्रार्थना सुनेगा, और हमें बचाएगा।”
‘जब इस देश में अकाल पड़ेगा, महामारी फैलेगी, फसल में गेरुआ कीड़ा लगेगा, पाला पड़ेगा, टिड्डी-दल का आक्रमण होगा अथवा फसल में कीड़े लगेंगे; जब उनके शत्रु उनको किसी नगर में घेर लेंगे अथवा विपत्ति या रोग का उन पर हमला होगा,
जब मैं आकाश के झरोखे बन्द कर दूंगा, और इस देश में वर्षा नहीं होगी; अथवा जब मेरे आदेश से टिड्डियां इस देश की फसल चट कर जाएंगी, अथवा जब मैं अपने निज लोगों के मध्य महामारियां भेजूंगा,
उस रात प्रभु का एक दूत बाहर निकला। वह असीरियाई सेना के पड़ाव में गया, और उसने वहां एक लाख पचासी हजार सैनिकों का वध कर दिया। जब सबेरा हुआ तब लोगों ने देखा कि शव पड़े हैं!
यद्यपि ये उपवास करते हैं, तो भी मैं इनकी दुहाई नहीं सुनूंगा। यद्यपि ये मुझे अग्नि-बलि और अन्न-बलि चढ़ाते हैं, तो भी मैं इन लोगों को स्वीकार नहीं करूंगा। मैं इन लोगों को तलवार से मौत के घाट उतार दूंगा, इनको अकाल और महामारी से मिटा दूंगा।’
जो मनुष्य इस नगर में ठहरेगा, वह तलवार, अकाल और महामारी से मार डाला जाएगा। किन्तु जो मनुष्य इस नगर से बाहर निकलेगा, और तुम लोगों को घेरनेवाली कसदी सेना के सामने अपने हथियार डाल देगा, वह जीवित रहेगा। युद्ध की लूट की तरह उसका प्राण बच जाएगा।
और वहां ये तीन धार्मिक व्यक्ति हों, तो मेरे जीवन की सौगन्ध! वे अपने धार्मिक आचरण के कारण केवल अपने ही प्राण बचा पाएंगे, अपने पुत्रों या पुत्रियों के नहीं।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
और वहां नूह, दानिएल और अय्यूब हों तो मेरे जीवन की सौगन्ध! वे अपने धार्मिक आचरण के कारण अपने पुत्र या पुत्री के प्राण नहीं, केवल अपने ही प्राण बचा पाएंगे।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
‘स्वामी-प्रभु यों कहता है : मैं यरूशलेम नगर को दण्ड देने के लिए उस पर चार विपत्तियां भेजूंगा : शत्रु की तलवार, अकाल, खूंखार पशु और महामारी। ये चारों विपत्तियां वहां से मनुष्य और पशु दोनों को नष्ट कर देंगी।
मैं अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा तुझ पर करूंगा, मैं तुझे अपने क्रोध से भस्म कर दूंगा। मैं तुझ को उन लोगों के हाथ में सौंप दूंगा, जो खून करने में हिचकते नहीं, जो हत्या करने वाले कुशल सैनिक हैं।
मैं महामारी और रक्तपात के रूप में उसको दण्ड दूंगा। मैं उस पर, उसके असंख्य सैनिक-दलों पर और उसके साथ ही अनेक जातियों पर मूसलाधार वर्षा करूंगा। मैं उन पर ओले, आग और गन्धक की वर्षा करूंगा।
‘तेरी आबादी का एक-तिहाई भाग महामारी से मर जाएगा। वे तेरे सामने अकाल से मर जाएंगे। आबादी का दूसरा एक-तिहाई भाग नगर के चारों ओर शत्रु की तलवार से मारा जाएगा, और शेष तीसरे भाग को मैं सब दिशाओं में बिखेर दूंगा, और तलवार खींच कर उनका पीछा करूंगा।
‘अब, मैं तुझ पर अपना क्रोध उण्डेलूंगा, तेरे प्रति अपनी क्रोधाग्नि भड़काऊंगा। तेरे आचरण के अनुरूप तेरा न्याय करूंगा और तेरे घृणित कार्यों के लिए तुझे दण्ड दूंगा।
‘मैंने जैसे मिस्र देश में महामारियाँ भेजी थीं, वैसे तुम पर भी भेजीं; मैंने तलवार से तुम्हारे जवानों को मार डाला तुम्हारे घोड़ों को लुटा दिया, मैंने तुम्हारे सैनिक-शिविरों को अग्नि से फूंक दिया; और दुर्गंध तुम्हारी नाकों में भर गई। फिर भी तुम मेरी ओर नहीं लौटे।’ प्रभु ने यह कहा है।
मैं महामारी के द्वारा इनको मार डालूंगा, और इनको उत्तराधिकार से वंचित करूँगा। किन्तु मैं तुझे एक ऐसे राष्ट्र का पिता बनाऊंगा जो इन इस्राएलियों से अधिक महान् और बलवान राष्ट्र होगा।’