11 मैं उनको दण्ड दूंगा जिससे इस्राएली कुल मेरा अनुसरण करना न छोड़े, और मेरे पास से दूर न हो, और न अनेक प्रकार के अपराध कर स्वयं को अशुद्ध करे। तब वे मेरे निज लोग होंगे, और मैं उनका परमेश्वर हूंगा,’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
11 क्यों क्योंकि इस प्रकार वे नबी मेरे लोगों को मुझसे दूर ले जाना बन्द कर देंगे। इस प्रकार मेरे लोग अपने पापों से गन्दा होना बन्द कर देंगे। तब वे मेरे विशेष लोग होंगे और मैं उनका परमेश्वर होऊँगा।’” मेरे स्वामी यहोवा ने वह सब बातें कहीं।
11 ताकि इस्राएल का घराना आगे को मेरे पीछे हो लेना न छोड़े और न अपने भांति भांति के अपराधों के द्वारा आगे को अशुद्ध बने; वरन वे मेरी प्रजा बनें और मैं उनका परमेश्वर ठहरूं, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
11 ताकि इस्राएल का घराना आगे को मेरे पीछे हो लेना न छोड़े और न अपने भाँति भाँति के अपराधों के द्वारा आगे को अशुद्ध बने; वरन् वे मेरी प्रजा बनें और मैं उनका परमेश्वर ठहरूँ, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।”
11 तब इस्राएल के लोग मुझसे अलग न होंगे, और न ही वे फिर कभी अपने सब पापों के द्वारा अपने आपको दूषित करेंगे. वे मेरे लोग होंगे, और मैं उनका परमेश्वर होऊंगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’ ”
11 ताकि इस्राएल का घराना आगे को मेरे पीछे हो लेना न छोड़े और न अपने भाँति-भाँति के अपराधों के द्वारा आगे को अशुद्ध बने; वरन् वे मेरी प्रजा बनें और मैं उनका परमेश्वर ठहरूँ, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।”
वे घृणित मूर्तियों की पूजा कर स्वयं को अशुद्ध नहीं करेंगे, और न ही मेरी आज्ञाओं का उल्लंघन कर किसी पाप से स्वयं को अपवित्र करेंगे। उन्होंने अपना धर्म त्याग दिया था और यों पाप किया था। मैं उनको धर्म-त्याग के पाप से छुड़ाऊंगा, और उनको शुद्ध करूंगा। तब वे मेरे निज लोग होंगे, और मैं उनका परमेश्वर होऊंगा।
यह भूमि मेरे अभिषिक्त पुरोहितों के लिए होगी, जो सादोक के वंशज हैं। जब इस्राएली मुझे छोड़कर अन्य देवी-देवताओं के पीछे भटक गए थे, और उनके साथ लेवी कुल के पुरोहित भी भटक गए थे, तब मेरे ये पुरोहित मेरी सेवा करते रहे।
किन्तु लेवी कुल के संबंध में मेरा यह कथन है: जब इस्राएली राष्ट्र मुझे छोड़ कर अन्य देवताओं के पीछे भटक गया था, तब उसके साथ लेवी कुल के पुरोहित भी मुझसे दूर भटक गए थे। निस्सन्देह वे अपने अधर्म का दण्ड भोगेंगे।
पर नहीं, वे तो एक उत्तम स्वदेश अर्थात् स्वर्ग की खोज में लगे हुए थे; इसलिए परमेश्वर को उन लोगों का परमेश्वर कहलाने में लज्जा नहीं होती। उसने तो उनके लिए एक नगर का निर्माण किया है।
‘किन्तु लेवी कुल के पुरोहित, जो सादोक के वंशज हैं, मेरी सेवा करने के लिए मेरे समीप आएंगे। ये सादोक के वंशज मेरी सेवा में बलि-पशु की चर्बी और रक्त चढ़ाएंगे। जब इस्राएली मुझे छोड़कर भटक गए थे, तब सादोक-वंशीय पुरोहित ही मेरे पवित्र स्थान में सेवा-कार्य करते रहे। मैं, स्वामी-प्रभु यही कहता हूँ।
प्रभु यों कहता है : ‘उन दिनों के पश्चात् मैं इस्राएली जनता से यह विधान स्थापित करूंगा: मैं उनके मन में अपनी व्यवस्था प्रतिष्ठित करूंगा, और मैं उसको उनके हृदय पर लिखूंगा। मैं उनका परमेश्वर होऊंगा, और वे मेरे निज लोग होंगे।
मैंने यह विधान तुम्हारे पूर्वजों को उस समय सुनाया था, जब मैंने उनको मिस्र देश की गुलामी से, लोहे की भट्टी से बाहर निकाला था, और उन से यह कहा था, “जो मैं तुम से कहता हूं, यदि उस को तुम मानोगे, मेरी प्रत्येक आज्ञा का पालन करोगे, तो तुम मेरे निज लोग कहलाओगे, और मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊंगा।”
प्रभु यह कहता है : वह समय बीत जाने के बाद मैं इस्राएल के लिए यह विधान निर्धारित करूँगा-मैं अपने नियम उनके मन में रख दूँगा, मैं उन्हें उनके हृदय पर अंकित करूँगा। मैं उनका परमेश्वर होऊंगा और वे मेरी प्रजा होंगे।
जैसे भट्ठी में चांदी शुद्ध की जाती है, वैसे ही मैं इस एक तिहाई आबादी को आग में झोंक कर उसे शुद्ध करूंगा। जैसे सोना परखा जाता है वैसे ही मैं उनको परखूंगा। वे मेरे नाम की दुहाई देंगे, और मैं उनको उत्तर दूंगा। मैं यह कहूंगा, “ये मेरे निज लोग हैं” , और वे यह कहेंगे, “प्रभु ही हमारा परमेश्वर है।” ’
‘मेरे निज लोग भटकी हुई भेड़ें हैं। उनके चरवाहों ने उनको भटका दिया है। वे उनको पहाड़ों पर भटकाते रहे। भेड़ें एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ पर गईं, और वे अपने बाड़ों को भूल गईं।
अत: स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु इन नबियों के विषय में यह कहता है: ‘मैं इनको कड़वी से कड़वी वस्तु खाने को दूंगा; मैं इनको पीने के लिए विष दूंगा। क्योंकि यरूशलेम के इन नबियों ने सारे देश में अधर्म फैलाया है।’
मैं अपने और तेरे मध्य तथा तेरे पश्चात् तेरे वंश की पीढ़ी के मध्य अपना शाश्वत विधान स्थापित करता हूं कि मैं तेरा और तेरे पश्चात् तेरे वंश का परमेश्वर रहूंगा।
मैं उन को ऐसा हृदय दूंगा, जिससे वे मुझे जानेंगे कि मैं ही प्रभु हूं। मैं उनका परमेश्वर हूंगा, और वे मेरे निज लोग होंगे, क्योंकि वे सच्चे हृदय से मेरे पास लौटे आएंगे।’