12 तुम्हारा शासक अंधेरे में अपने कंधे पर अपना सामान उठाएगा और चला जाएगा। तुम दीवार को फोड़ोगे और वह उससे निकल जाएगा। उसकी आंखों पर पट्टी बांधी जाएगी, ताकि वह अपने देश को न देख सके।
12 तुम्हारा प्रमुख दीवार में छेद करेगा और रात को गुप्त रूप से निकल भागेगा। वह अपने मुख को ढक लेगा जिससे लोग उसे पहचानेंगे नहीं। उसकी आँखे, यह देखने के लायक नहीं होंगी कि वह कहाँ जा रहा है।
12 उनके बीच में जो प्रधान है, सो अन्धेरे में अपने कंधे पर बोझ उठाए हुए निकलेगा; वह अपना सामान निकालने के लिये भीत को फोड़ेगा, और अपना मुंह ढांपे रहेगा कि उसको भूमि न देख पड़े।
12 उनके बीच में जो प्रधान है, वह अन्धेरे में अपने कंधे पर बोझ उठाए हुए निकलेगा; वह अपना सामान निकालने के लिये दीवार को फोड़ेगा, और अपना मुँह ढाँपे रहेगा कि उसको भूमि न देख पड़े।
12 “उनके बीच का राजकुमार शाम के समय अपने सामान को अपने कंधों पर रखकर चला जाएगा, और दीवार में एक बड़ा छेद बनाया जाएगा, ताकि वह उसमें से निकलकर जा सके. वह अपना चेहरा ढांक लेगा ताकि उसे भूमि न दिखे.
12 उनके बीच में जो प्रधान है, वह अंधेरे में अपने कंधे पर बोझ उठाए हुए निकलेगा; वह अपना सामान निकालने के लिये दीवार को फोड़ेगा, और अपना मुँह ढाँपे रहेगा कि उसको भूमि न देख पड़े।
तब शहरपनाह में दरार की गई। जब यहूदा प्रदेश के राजा सिदकियाह ने यह देखा, तब उसने और उसके सशस्त्र अंगरक्षकों ने नगर को छोड़ दिया। वे रात में दो दीवारों के मध्यवर्ती दरवाजे के मार्ग से निकल गए। यह दरवाजा राज-उद्यान के समीप था। यद्यपि कसदी सैनिक नगर को चारों ओर से घेरे हुए थे, तो भी वे यर्दन नदी की सूखी घाटी की ओर निकल गए।
अत: वे सीरियाई सेना के पड़ाव पर जाने के लिए सन्ध्या समय उठे। परन्तु जब वे पड़ाव की सीमा पर पहुंचे तब उन्होंने देखा कि पड़ाव में एक भी सैनिक नहीं है!
प्रभु यों कहता है, ‘बुरे अंजीर फलों के समान, जो इतने बुरे हैं कि खाए भी नहीं जा सकते, मैं यहूदा प्रदेश के राजा सिदकियाह, सामंतों और यरूशलेम के बचे हुए निवासियों तथा मिस्र देश के रहनेवालों के साथ बुरा व्यवहार करूंगा।
वह मुझे बन्दी बनाकर बेबीलोन ले जाएगा। जब तक प्रभु मेरी सुधि न लेगा, मैं वहां बन्दी रहूंगा। तुम यह भी कहते हो, “यह प्रभु की वाणी है।” यद्यपि मैं कसदी सेना के आक्रमण का मुकाबला करूंगा तो भी मुझे सफलता नहीं मिलेगी?’ तब प्रभु की ओर से यह सन्देश नबी यिर्मयाह को मिला।
तब राजा सिदकियाह ने यिर्मयाह को अपने महल में बुलवाया, और वह उनसे मिला। उसने अपने महल में गुप्त रूप से यिर्मयाह से पुछा, ‘क्या आप को प्रभु का कोई सन्देश मिला है?’ यिर्मयाह बोले, ‘निस्सन्देह, मिला है।’ फिर आगे यिर्मयाह ने कहा, ‘आप निश्चय ही बेबीलोन के राजा के हाथ में सौंपे जाएंगे।’
जब यहूदा प्रदेश के राजा सिदकियाह और उसके सैनिकों ने देखा, तब वे भागे। वे रातों-रात राज-उद्यान के मार्ग से नगर के दोनों दीवारों के मध्य के दरवाजे से निकले, और अराबाह घाटी की ओर बढ़े।
नगर की शहरपनाह में दरार की गई और वहां से सब सैनिक भागने लगे। राज-उद्यान के समीप एक द्वार था। यह द्वार शहरपनाह की दोनों दीवारों के बीच था। सिदकियाह के सैनिक इस द्वार से रात के समय नगर के बाहर निकल गए, यद्यपि कसदी सेना नगर के चारों ओर घेरा डाल कर पड़ी हुई थी। सिदकियाह और उसके सैनिक अराबाह की ओर गए।
इस प्रकार, तू दिन के समय उनकी आंखों के सामने अपना सामान बांध लेना, मानो यह निष्कासन का सामान है। और जैसे लोग सामान लादकर निष्कासन में जाते हैं, वैसे ही तू संध्या समय उनकी आंखों के सामने अपने निवास-स्थान से निकल कर जाना।
उनके सामने ही अपना सामान कंधे पर उठाना और अंधकार में चले जाना। निष्कासित होनेवाले बंदी के समान तू अपनी आंखों पर पट्टी बांध लेना ताकि निष्कासित होते समय तू अपने देश को न देख सके; क्योंकि मैंने तुझको इस्राएली कुल के लिए एक चिह्न ठहराया है।’