19 मैं उनको एक हृदय और एक मन दूंगा, और उनके भीतर नयी आत्मा प्रतिष्ठित करूंगा। मैं उनका पत्थर का हृदय हटा दूंगा और उसके बदले में उनको सजीव हृदय दूंगा,
19 मैं उन्हें एक साथ लाऊँगा और उन्हें एक व्यक्ति सा बनाऊँगा। मैं उनमें नयी आत्मा भरूँगा। मैं उनके पत्थर के हृदय को दूर करुँगा और उसके स्थान पर सच्चा हृदय दूँगा।
19 और मैं उनका हृदय एक कर दूँगा; और उनके भीतर नई आत्मा उत्पन्न करूँगा, और उनकी देह में से पत्थर का सा हृदय निकालकर उन्हें माँस का हृदय दूँगा, (यहे. 36:26)
तूने हृदय से पश्चात्ताप किया। तूने मेरे सम्मुख, अपने प्रभु के सम्मुख, स्वयं को विनम्र बनाया। तूने यह सुना कि मैंने इस स्थान के विरुद्ध, इसके निवासियों के विरुद्ध यह कहा है, कि मैं उनको घृणा और उपहास का पात्र बना दूंगा। तब तूने पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने वस्त्र फाड़े, और मेरे सम्मुख रोया। सुन, मैं-प्रभु, यह कहता हूँ : मैंने तेरी प्रार्थना सुनी।
यहूदा प्रदेश में भी परमेश्वर ने अपना सामर्थ्य प्रकट किया और निवासियों को एकमत किया कि वे राजा हिजकियाह और उसके उच्चाधिकारियों की राजाज्ञा को मानें, जो उन्होंने प्रभु की वाणी के अनुसार दी थी।
मैं उन को ऐसा हृदय दूंगा, जिससे वे मुझे जानेंगे कि मैं ही प्रभु हूं। मैं उनका परमेश्वर हूंगा, और वे मेरे निज लोग होंगे, क्योंकि वे सच्चे हृदय से मेरे पास लौटे आएंगे।’
प्रभु यों कहता है : ‘उन दिनों के पश्चात् मैं इस्राएली जनता से यह विधान स्थापित करूंगा: मैं उनके मन में अपनी व्यवस्था प्रतिष्ठित करूंगा, और मैं उसको उनके हृदय पर लिखूंगा। मैं उनका परमेश्वर होऊंगा, और वे मेरे निज लोग होंगे।
तुमने मेरे विरुद्ध अनेक कुकर्म किए हैं। उन-सब को अपने से दूर करो; और तब अपने भीतर नया हृदय और नई आत्मा धारण करो। ‘ओ इस्राएल के कुल, तू क्यों मरना चाहता है?
‘मैं अपना आत्मा तुममें प्रतिष्ठित करूंगा, और तुम जीवित हो जाओगे! मैं तुम्हें तुम्हारे अपने देश में पुन: बसाऊंगा। तब तुम्हें अनुभव होगा कि मैंने, तुम्हारे प्रभु ने ही यह कहा था; और मैंने अपने वचन के अनुसार उसको पूरा भी किया है।’ प्रभु की यह वाणी है।
उन्होंने अपने हृदय को पत्थर बना लिया ताकि वे स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु की व्यवस्था को न मानें, और न उसके सन्देश को सुनें, जो उसने अपने आत्मा के द्वारा प्राचीन काल के नबियों के माध्यम से दिए थे। अत: स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का भयंकर क्रोध उन पर भड़क उठा।
परन्तु ‘सहायक’, अर्थात् पवित्र आत्मा, जिसे पिता मेरे नाम पर भेजेगा, तुम्हें सब कुछ सिखाएगा। जो कुछ मैंने तुम से कहा है, वह उसका स्मरण तुम्हें कराएगा।
परमेश्वर ने अपनी उस प्रजा को, जिसे उसने अपनाया, नहीं त्यागा है। क्या आप नहीं जानते कि धर्मग्रन्थ नबी एलीयाह के विषय में क्या कहता है, जब वह परमेश्वर के सामने इस्राएल पर अभियोग लगाते हैं?—
भाइयो और बहिनो! हमारे प्रभु येशु मसीह के नाम पर मैं आप लोगों से यह अनुरोध करता हूँ-आप लोग एकमत हो कर दलबन्दी से दूर रहें। आप एक-दूसरे से मेल-मिलाप करें और हृदय तथा मन से पूर्ण रूप से एक हो जायें।
आप लोग निश्चय ही मसीह का वह पत्र हैं, जिसे उन्होंने हमारी सेवा द्वारा लिखवाया है। वह पत्र स्याही से नहीं, बल्कि जीवन्त परमेश्वर के आत्मा से, पत्थर की पट्टियों पर नहीं, बल्कि मानव हृदय की पट्टियों पर लिखा हुआ है।
प्रभु परमेश्वर तेरे लोगों का और उनके वंशजों का हृदय विनम्र बनाएगा कि वे अपने प्रभु परमेश्वर को सम्पूर्ण हृदय से, सम्पूर्ण प्राण से प्रेम कर सकें और जीवित रहें।