Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल

- विज्ञापनों -




यशायाह 44:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

10 कौन देवता की मूर्ति बनाता, अथवा उसको गढ़ता है, जब कि उससे किसी को लाभ नहीं होता?

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

10 इन झूठे देवताओं को कोई क्यों गढ़ेगा इन बेकार के बुतों को कोई क्यों ढ़ालेगा

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

10 किस ने देवता वा निष्फल मूरत ढाली है?

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

10 किस ने देवता या निष्फल मूरत ढाली है?

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

10 कौन है ऐसा निर्बुद्धि जिसने ऐसे देवता की रचना की या ऐसी मूर्ति बनाई, जो निर्जीव और निष्फल है?

अध्याय देखें प्रतिलिपि

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

10 किसने देवता या निष्फल मूरत ढाली है?

अध्याय देखें प्रतिलिपि




यशायाह 44:10
12 क्रॉस रेफरेंस  

अत: राजा यारोबआम ने सोच-विचार किया। तत्‍पश्‍चात् उसने बछड़े की दो स्‍वर्ण प्रतिमाएं बनाईं, और लोगों से यह कहा, ‘ओ इस्राएल प्रदेश के नागरिको! तुम बहुत बार यरूशलेम जा चुके हो। अब देखो! यह है तुम्‍हारा ईश्‍वर, जिसने तुम्‍हें मिस्र देश से बाहर निकाला था।’


राष्‍ट्रों की मूर्तियां सोना-चांदी हैं, वे मनुष्‍यों के हाथों का काम हैं!


क्‍या मूर्ति से जिसको कारीगर ढालता है, सुनार सोने से मढ़ता है, और जिसके लिए वह चांदी की जंजीरें ढालता है?


देखो, उनका अस्‍तित्‍व व्‍यर्थ है, उनके कार्य व्‍यर्थ हैं, उनकी ढली हुई मूर्तियाँ कोरी हवा हैं।


विजित कौमों में से बचे हुए लोगो, एकत्र हो। तुम-सब पास आओ। लकड़ी की मूर्ति ढोनेवालो, तुम मुझे नहीं जानते। तुम ऐसे देवता से प्रार्थना करते हो, जो तुम्‍हें नहीं बचा सकता।


उनकी ये मूर्तियां ककड़ी के खेत में खड़े फूस के पुतले के समान हैं; वे न बोल सकती हैं, और न चल ही सकती हैं। अत: उनको लाद कर ले जाते हैं। उनसे मत डरो, वे न तो तुम्‍हारा अनिष्‍ट कर सकती हैं, और न उनमें भलाई करने का सामर्थ्य ही है।’


हे प्रभु, तू ही मेरा बल और मेरा गढ़ है; संकट के समय मैं तेरी ही शरण में आता हूं। प्रभु, विश्‍व के कोने-कोने से, सब राष्‍ट्रों के लोग तेरे सम्‍मुख आएंगे, और यह कहेंगे : ‘निस्‍सन्‍देह, हमारे पूर्वजों को पैतृक अधिकार में असत्‍य के अतिरिक्‍त कुछ नहीं मिला; उन्‍हें निस्‍सार वस्‍तुएं प्राप्‍त हुई जो मनुष्‍य को लाभ नहीं पहुंचातीं।


राजा नबूकदनेस्‍सर ने सोने की एक विशाल मूर्ति बनवाई। वह प्राय: पचीस मीटर ऊंची और अढ़ाई मीटर चौड़ी थी। उसने मूर्ति को बेबीलोन देश के दूरा नामक मैदान में स्‍थापित किया।


नबूकदनेस्‍सर ने उनसे पूछा, ‘शद्रक, मेशक और अबेदनगो, क्‍या यह सच है कि तुम न तो मेरे देवताओं की सेवा-आराधना करते हो, और न मेरे द्वारा स्‍थापित स्‍वर्ण-मूर्ति के प्रति सम्‍मान प्रकट करते हो?


‘जब मूर्तिकार मूर्ति को ढालता है, अथवा पत्‍थर पर खोदकर मूर्ति बनाता है, तब मूर्तिकार को क्‍या मिलता है? मूर्ति केवल मूर्ति है, असत्‍य का स्रोत है। जब मूर्तिकार अपनी बनाई हुई गूंगी मूर्ति पर विश्‍वास करता है, तब उसे क्‍या मिलता है?


लेकिन आप देखते और सुनते हैं कि उस पौलुस ने न केवल इफिसुस में, बल्‍कि प्राय: समस्‍त आसिया में बहुत-से लोगों को समझा-बुझा कर बहका दिया है। उसका कहना है कि हाथ के बनाये हुए देवता, देवता नहीं हैं।


मूर्तियों को अर्पित मांस खाने के विषय में हम जानते हैं कि संसार में मूर्ति की कोई वास्‍तविकता नहीं है-एकमात्र परमेश्‍वर के अतिरिक्‍त कोई और परमेश्‍वर नहीं है।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों