9 ओ यरूशलेम नगरी! तू गला फाड़कर चिल्लाती क्यों है? क्या तेरे यहाँ कोई राजा नहीं है? क्या तेरे सलाहकार मर गए जिसके कारण तू गर्भवती स्त्री के समान प्रसव-पीड़ा से तड़प रही है?
9 अब तुम क्यों इतने ऊँचे स्वर में पुकार रहे हो? क्या तुम्हारा राजा जाता रहा है? क्या तुमने अपना मुखिया खो दिया है? तुम ऐसे तड़प रहे हो जैसे कोई स्त्री प्रसव के काल में तड़पती है।
9 तुम उच्च स्वर में क्यों चिल्ला रही हो, क्या तुम्हारा कोई राजा नहीं है? क्या तुम्हारा शासन करनेवाला नाश हो गया है, कि तुम जच्चा स्त्री के समान दर्द से छटपटा रही हो?
9 अब तू क्यों चिल्लाती है? क्या तुझ में कोई राजा नहीं रहा? क्या तेरा युक्ति करनेवाला नष्ट हो गया, जिससे जच्चा स्त्री के समान तुझे पीड़ा उठती है? (यिर्म. 8:19, यशा. 13:8)
मेरे नगर के निवासियों की, यरूशलेम के नागरिकों की करुण चीख- पुकार सुनाई दे रही है। सारे देश में एक छोर से दूसरे छोर तक, लोग कह रहे हैं, ‘क्या सियोन में प्रभु नहीं है? क्या सियोन का राजा सियोन को त्याग चुका है?’ प्रभु ने कहा, ‘इन लोगों ने अपनी मूर्ति-पूजा से, विदेशियों की निस्सार मूर्तियों की प्रतिष्ठा से मेरी क्रोधाग्नि क्यों भड़कायी?’
इसी प्रकार इस्राएली बहुत दिनों तक बिना राजा के निवास करेंगे। न उनका कोई शासक होगा, और न वे बलि चढ़ा सकेंगे। उनके न पूजा-स्तम्भ होंगे, और न एपोद और न गृह-देवताओं की मूर्तियाँ।
हमारा प्राण, प्रभु का अभिषिक्त राजा बन्दी बना लिया गया; और वह उनके गड्ढों में डाल दिया गया। हम अपने राजा के विषय में यह कहते थे: ‘हम महाराज की छत्रछाया में पृथ्वी के राष्ट्रों के मध्य जीवित रहेंगे।’
उनके आक्रमण की खबर बेबीलोन के राजा ने सुनी। यह सुनकर उसके हाथ-पैर सुन्न पड़ गए; उस पर आतंक छा गया। जैसे स्त्री बच्चे को जन्म देते समय पीड़ा से चीखती है, वैसे ही बेबीलोन का राजा पीड़ित है।
ओ यरूशलेम नगरी, लबानोन की निवासिनी! देवदार के जंगलों में अपना घोंसला बनानेवाली! जब तुझमें गर्भवती स्त्री की पीड़ाएं उठेंगी, जब तुझ पर दु:ख का पहाड़ टूटेगा तब तू क्या दर्द से नहीं चीखेगी?’
इसलिए मेरी कमर में पीड़ा है, गर्भवती स्त्री की तरह मुझे भी पीड़ा हो रही है। मैं ऐसे संकट में हूं कि मुझे सुनाई नहीं पड़ता, मैं इतना घबरा गया हूं कि मुझे दिखाई नहीं देता।
वे घबरा गए। सन्त्रास और पीड़ा ने उन्हें दबा लिया। वे प्रसूता के समान छटपटा रहे हैं। वे मुंह बाए एक-दूसरे को ताक रहे हैं। उनके चेहरे क्रोध से जल रहे हैं।
प्रसव निकट आने पर गर्भवती स्त्री को दु:ख होता है, क्योंकि उसका समय आ गया है; किन्तु शिशु को जन्म देने के बाद वह अपनी वेदना भूल जाती है, क्योंकि उसे आनन्द होता है कि संसार में एक मनुष्य का जन्म हुआ है।
वह मोआब के नगरों पर अधिकार कर लेगा। वह उसके गढ़ों को घेर लेगा। जैसे प्रसव के समय स्त्री का हृदय डर से कांपता है, वैसे ही उस दिन मोआब के योद्धाओं का हृदय डर से कांपेगा।
मैंने प्रसव-पीड़ा से कराहती हुई स्त्री की चीख सुनी। मुझे ऐसा लगा मानो यह कराह उस स्त्री की है, जो पहली बार बच्चे को जन्म दे रही है। यह चीख पुत्री सियोन की थी; वह हांफ रही थी, और हाथ फैलाए हुए कह रही थी, ‘मुझे बचाओ! मैं हत्यारों के हाथ में पड़ गई हूं; मैं बेहोश हो रही हूं।’
‘इसलिए, ओ याकूब, मेरे सेवक, मत डर। ओ इस्राएल, भयभीत मत हो। मैं-प्रभु कहता हूँ; मैं तुझको और तेरी संतान को, दूर देश से, जहां तू गुलाम है, उस देश से बचा कर लाऊंगा। तब याकूब लौटेगा, और सुख-चैन का जीवन बिताएगा; उस का कोई भी शत्रु उस को डरा नहीं सकेगा।