7 उसके देवताओं की मूर्तियों के टुकड़े-टुकड़े किए जाएंगे। उसकी वेश्यावृत्ति के उपहार आग में झोंके जाएंगे। मैं उसके देवताओं की प्रतिमाओं को चूर-चूर करूंगा। उसने वेश्यावृत्ति की कमाई से उन्हें एकत्र किया था, अत: वेश्यावृत्ति की कमाई के सदृश उनका विनाश भी होगा!’
7 उसके सारे मूर्ति टुकड़ों मे तोड़ दिये जायेंगे। सारा धन, जो भी इसने कमाया है, आग से भस्म होगा और मैं इसके झूठे देवताओं की मूर्तियों को नष्ट कर दूँगा क्योंकि शोमरोन से ये वस्तुएँ मेरे प्रति सच्चा न रहकर के पाई। सो ये सारी वस्तुएँ दूसरों के पास चली जायेंगी। ऐसे लोगों के पास जो मेरे प्रति सच्चे नहीं हैं।
7 उसकी सब खुदी हुई मूरतें टुकड़े टुकड़े की जाएंगी; और जो कुछ उसने छिनाला कर के कमाया है वह आग से भस्म किया जाएगा, और उसकी सब प्रतिमाओं को मैं चकनाचूर करूंगा; क्योंकि छिनाले ही की कमाई से उसने उसको संचय किया है, और वह फिर छिनाले की सी कमाई हो जाएगी॥
7 उसकी सब खुदी हुई मूरतें टुकड़े टुकड़े की जाएँगी; और जो कुछ उस ने छिनाला करके कमाया है वह आग से भस्म किया जाएगा, और उसकी सब प्रतिमाओं को मैं चकनाचूर करूँगा; क्योंकि छिनाले ही की कमाई से उस ने उनका संचय किया है, और वह फिर छिनाले की सी कमाई हो जाएगी।
7 उसकी सब मूर्तियां टुकड़े-टुकड़े कर दी जाएंगी; उसके मंदिर के सब भेटों को आग में जला दिया जाएगा; मैं उसकी सब मूर्तियों को नष्ट कर दूंगा. क्योंकि उसने अपनी भेटों को वेश्यावृत्ति करके प्राप्त किया है, और वेश्यावृत्ति के मजदूरी के रूप में वे फिर उपयोग में लाई जाएंगी.”
7 उसकी सब खुदी हुई मूरतें टुकड़े-टुकड़े की जाएँगी; और जो कुछ उसने छिनाला करके कमाया है वह आग से भस्म किया जाएगा, और उसकी सब प्रतिमाओं को मैं चकनाचूर करूँगा; क्योंकि छिनाले ही की कमाई से उसने उसको इकट्ठा किया है, और वह फिर छिनाले की सी कमाई हो जाएगी।
पर्व के समाप्त होने के पश्चात् सब इस्राएली, जो उस समय यरूशलेम में उपस्थित थे, यहूदा प्रदेश के नगरों में गए। उन्होंने यहूदा और बिन्यामिन कुल-क्षेत्रों तथा एफ्रइम और मनश्शे गोत्र के क्षेत्रों में प्रतिष्ठित अशेराह देवी के पूजा-स्तम्भ, देवताओं की मूर्तियाँ, पहाड़ी शिखर की वेदियां तथा अन्य वेदियां ध्वस्त कर दीं। उन्होंने स्तम्भों के टुकड़े-टुकड़े कर दिए, मूर्तियों को काट दिया, मन्दिर और वेदियों को नष्ट कर दिया। तब इस्राएली राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति अपने नगर को, अपने भूमि-क्षेत्र को लौट गया।
सत्तर वर्ष के पश्चात् प्रभु सोर नगर की सुधि लेगा, और सोर अपना पुराना आजीविका का साधन अपनाएगा पृथ्वी के समस्त राज्यों के साथ व्यापार सम्बन्ध स्थापित करेगा।
अत: याकूब के अधर्म का प्रायश्चित यों किया जाएगा, उसके पाप के विमोचन का यह परिणाम होगा : वह चूना बनाने के पत्थरों की तरह वेदियों के सब पत्थरों को चूर-चूर करेगा; अशेराह देवी की मूर्तियाँ और सूर्य देवता के स्तम्भ खड़े नहीं रहेंगे।
तुम्हारे जितने आबाद नगर हैं, वे सब उजड़ जाएंगे, तुम्हारे पहाड़ी शिखर के पूजागृह खण्डहर हो जाएंगे, और यों तुम्हारी वेदियां उजाड़ और ध्वस्त हो जाएंगी, तुम्हारी मूर्तियां तोड़ी जाएंगी, तुम्हारी सूर्य की प्रतिमाएं टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगी, और यों तुम्हारे हाथ की ये रचनाएं भूमि की सतह से मिट जाएंगी।
जिन अंगूर-उद्यानों और अंजीर-कुंजों के विषय में उसने यह कहा था, ‘यह मेरी कमाई है, मेरे प्रेमियों ने मुझे यह उपहार में दिया है’, उनको मैं उजाड़ दूंगा, जंगल बना दूंगा, जंगली जानवर उनको चर जाएंगे।
उनकी मां वेश्या थी; उनकी जननी निर्लज्ज थी। उनकी मां ने यह कहा था, ‘मैं अपने प्रेमियों के साथ अभिसार करूंगी। वे ही तो मुझे रोटी देते हैं, पीने को पानी देते हैं; ऊन, पटसन, तेल और पेय भी उन्हीं की कृपा से मुझे प्राप्त होते हैं।’
उन्होंने मेरे निज लोगों पर चिट्ठी डालकर उनको आपस में बांट लिया था। वे वेश्या से सम्भोग करते और उसके बदले में एक लड़का देते; वे शराब पीते, और उसका मूल्य एक लड़की देकर चुकाते थे।
मैं तुम्हारे पहाड़ी शिखर के पूजा-गृहों को गिरा दूंगा, तुम्हारी धूप-वेदियों को नष्ट कर दूंगा। तुम्हारे देवताओं की ध्वस्त मूर्तियों पर तुम्हारे शव फेंकूंगा। मेरा प्राण तुमसे घृणा करेगा।
तू मन्नत के चढ़ावे के लिए अपने प्रभु परमेश्वर के गृह में वेश्या-वृत्ति की कमाई अथवा पुरुष-गमन की आमदनी मत लाना; क्योंकि ये दोनों प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में घृणास्पद हैं।
मैंने तुम्हारी पापमय वस्तु, बछड़े की मूर्ति, जिसको तुमने बनाया था, ली और उसको आग में फेंक दिया, उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए। मैंने उसको अच्छे से पीसा जब तक वह पिसकर चूर्ण न हो गई। तब मैंने उसके चूर्ण को पहाड़ से नीचे बहने वाली नदी में फेंक दिया।
क्योंकि सभी राष्ट्रों ने उसके व्यभिचार की तीखी मदिरा पी ली है, पृथ्वी के राजाओं ने उसके साथ व्यभिचार किया है और पृथ्वी के व्यापारी उसके अपार वैभव से धनी हो गये हैं।”
अगले दिन सबेरे वे सोकर उठे। उन्होंने देखा कि दागोन देवता की मूर्ति प्रभु की मंजूषा के सामने औंधे मुँह भूमि पर पड़ी हुई है। उसके सिर तथा दोनों हाथ कटे हुए देहरी पर पड़े हैं। मूर्ति का धड़ ही शेष रह गया है।