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मत्ती 7:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 “सँकरे द्वार से प्रवेश करो। चौड़ा है वह फाटक और विस्‍तृत है वह मार्ग, जो विनाश की ओर ले जाता है। उस पर चलने वालों की संख्‍या बड़ी है।

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पवित्र बाइबल

13 “सूक्ष्म मार्ग से प्रवेश करो। यह मैं तुम्हें इसलिये बता रहा हूँ क्योंकि चौड़ा द्वार और बड़ा मार्ग तो विनाश की ओर ले जाता है। बहुत से लोग हैं जो उस पर चल रहे हैं।

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Hindi Holy Bible

13 सकेत फाटक से प्रवेश करो, क्योंकि चौड़ा है वह फाटक और चाकल है वह मार्ग जो विनाश को पहुंचाता है; और बहुतेरे हैं जो उस से प्रवेश करते हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 “सकेत फाटक से प्रवेश करो, क्योंकि चौड़ा है वह फाटक और सरल है वह मार्ग जो विनाश को पहुँचाता है; और बहुत से हैं जो उस से प्रवेश करते हैं।

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नवीन हिंदी बाइबल

13 “सकरे फाटक से प्रवेश करो, क्योंकि विशाल है वह फाटक और चौड़ा है वह मार्ग, जो विनाश की ओर ले जाता है, और उसमें प्रवेश करनेवाले बहुत हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

13 “संकरे द्वार में से प्रवेश करो क्योंकि विशाल है वह द्वार और चौड़ा है वह मार्ग, जो विनाश तक ले जाता है और अनेक हैं, जो इसमें से प्रवेश करते हैं.

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मत्ती 7:13
38 क्रॉस रेफरेंस  

परमेश्‍वर ने पृथ्‍वी को देखा कि वह भ्रष्‍ट हो गई है; क्‍योंकि समस्‍त प्राणियों ने पृथ्‍वी पर अपना आचरण भ्रष्‍ट कर लिया था।


प्रभु ने देखा कि पृथ्‍वी पर मनुष्‍य का दुराचार बढ़ गया है, और उसके मन के सारे विचार निरन्‍तर बुराई के लिए ही होते हैं।


एक ऐसा भी मार्ग है जो मनुष्‍य को उचित प्रतीत होता है; किन्‍तु वह पथिक को मृत्‍यु के द्वार पर पहुंचाता है।


उसके घर का मार्ग अधोलोक को जाता है, वह अपने प्रेमी को कबर में ले जाती है।


तब तुझे समझ आ जाएगी और तू जीवित रहेगा, तू समझ के मार्ग पर चलेगा।’


यदि स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने हममें से कुछ लोगों को बचाया न होता तो सदोम नगर की तरह, गमोरा नगर के समान हम भी नष्‍ट हो जाते।


वहां एक राजमार्ग होगा, वह ‘पवित्र मार्ग’ कहलाएगा। कोई अपवित्र प्राणी उस पर नहीं चलेगा। मूर्ख उस पर पैर भी नहीं रख सकेंगे।


दुर्जन मनुष्‍य अपने मार्ग को छोड़ दे, और अधार्मिक व्यक्‍ति अपने बुरे विचारों को। वह प्रभु की ओर लौटे, जिससे प्रभु उस पर दया करे। वह हमारे परमेश्‍वर के पास आए; क्‍योंकि प्रभु उसे पूर्णत: क्षमा करेगा।


“ढोंगी शास्‍त्रियो और फरीसियो! धिक्‍कार है तुम्‍हें! तुम मनुष्‍यों के लिए स्‍वर्ग-राज्‍य का द्वार बन्‍द कर देते हो; न तो तुम स्‍वयं प्रवेश करते हो और न प्रवेश करने वालों को प्रवेश करने देते हो।


“तब राजा अपनी बायीं ओर के लोगों से कहेगा, ‘शापित लोगो! मुझ से दूर हो और उस अनन्‍त आग में जा पड़ो, जो शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार की गयी है;


और ये अनन्‍त दण्‍ड भोगने जाएँगे, परन्‍तु धर्मी जन शाश्‍वत जीवन में प्रवेश करेंगे।”


“पश्‍चात्ताप करो, क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य निकट आ गया है।”


पश्‍चात्ताप का उचित फल उत्‍पन्न करो


किन्‍तु सँकरा है वह द्वार और संकीर्ण है वह मार्ग, जो जीवन की ओर ले जाता है। जो उसे पाते हैं, उनकी संख्‍या थोड़ी है।


“इसी तरह तुम में से जो व्यक्‍ति अपना सब कुछ नहीं त्‍याग देता, वह मेरा शिष्‍य नहीं हो सकता।


वे पुरुष येशु से विदा हो ही रहे थे कि पतरस ने येशु से कहा, “स्‍वामी! यह हमारे लिए कितना अच्‍छा है कि हम यहाँ हैं! हम तीन तम्‍बू खड़ा करें−एक आपके लिए, एक मूसा के लिए और एक एलियाह के लिए।” उसे पता नहीं था कि वह क्‍या कह रहा है।


मैं ही द्वार हूँ। यदि कोई मुझ से हो कर प्रवेश करेगा तो उसे मुक्‍ति प्राप्‍त होगी। वह भीतर-बाहर आया-जाया करेगा और उसे चरागाह मिलेगा।


येशु ने कहा, “मार्ग, सत्‍य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।


अत: आप लोग पश्‍चात्ताप करें और परमेश्‍वर के पास लौट आयें, जिससे आपके पाप मिट जायें


यदि परमेश्‍वर ने अपना क्रोध प्रदर्शित करने तथा अपना सामर्थ्य प्रकट करने के उद्देश्‍य से बहुत धैर्य से कोप के उन पात्रों को सहन किया, जो विनाश के लिए तैयार थे, तो कौन आपत्ति कर सकता है?


इस युग-संसार के देवता ने अविश्‍वासियों का मन इतना अन्‍धा कर दिया है कि वे परमेश्‍वर के प्रतिरूप, अर्थात् मसीह के तेजोमय शुभ समाचार की ज्‍योति को देखने में असमर्थ हैं।


इसलिए दूसरों के बीच में से निकल कर अलग हो जाओ— यह प्रभु का कहना है। और किसी अपवित्र वस्‍तु का स्‍पर्श मत करो, तब मैं तुम्‍हें अपनाऊंगा।


जो लोग येशु मसीह के हैं, उन्‍होंने वासनाओं तथा कामनाओं सहित अपने शारीरिक स्‍वभाव को क्रूस पर चढ़ा दिया है।


उन लोगों का अन्‍त सर्वनाश है। वे भोजन को अपना ईश्‍वर बना लेते हैं और ऐसी बातों पर गर्व करते हैं, जिन पर लज्‍जा करनी चाहिए। उनका मन संसार की वस्‍तुओं में लगा हुआ है।


हम जानते हैं कि हम परमेश्‍वर के हैं, जब कि समस्‍त संसार उस दुष्‍ट के वश में है।


तब वह विशालकाय पंखदार सर्प-वह पुराना साँप, जो दोष लगाने वाला शैतान कहलाता और सारे संसार को भटकाता है-अपने दूतों के साथ पृथ्‍वी पर पटक दिया गया।


पृथ्‍वी के वे सब निवासी पशु की पूजा करेंगे, जिनके नाम वध किये हुए मेमने के जीवन-ग्रन्‍थ में संसार के प्रारन्‍भ से अंकित नहीं हैं।


जिसका नाम जीवन-ग्रन्‍थ में लिखा हुआ नहीं मिला, वह अग्‍निकुण्‍ड में डाल दिया गया।


और अगाध गर्त्त में डाल दिया। उसने अगाध गर्त्त बन्‍द कर उस पर मोहर लगायी, जिससे वह सर्प एक हजार वर्ष पूरे हो जाने तक राष्‍ट्रों को नहीं बहकाये। इसके बाद थोड़े समय के लिए उसे छोड़ दिया जाना आवश्‍यक है।


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