अपने सेवक से जिसको मनुष्य सर्वथा तुच्छ समझते हैं, जिससे राष्ट्र घृणा करते हैं, जो शासकों का गुलाम है, उससे प्रभु इस्राएल का मुक्तिदाता और उसका पवित्र परमेश्वर यों कहता है : ‘तुझे देखकर राजा अपने सिंहासन से खड़े हो जाएंगे, सामन्त तेरे सम्मुख भूमि पर लेटकर तुझे साष्टांग प्रणाम करेंगे, क्योंकि मैं-प्रभु ने, जो सच्चा परमेश्वर हूं, जो इस्राएल का पवित्र परमेश्वर हूं, तुझे मनोनीत किया है।’
लोगों ने उससे घृणा की; उन्होंने उसको त्याग दिया। वह दु:खी मनुष्य था, केवल पीड़ा से उसकी पहचान थी। उसको देखते ही लोग अपना मुख फेर लेते थे। हम ने उससे घृणा की और उसका मूल्य नहीं जाना।
मैं तुम्हारे लिए पवित्र स्थान बनूंगा; पर इस्राएली राष्ट्र के दोनों राज-परिवारों के लिए ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान तथा यरूशलेम-निवासियों के लिए जाल और फन्दा बनूंगा।
राजा हेरोदेस ने येशु की चर्चा सुनी, क्योंकि उनका नाम प्रसिद्ध हो गया था। लोग कहते थे, “योहन बपतिस्मादाता मृतकों में से जी उठे हैं, इसलिए उनमें ये चमत्कारिक शक्तियाँ क्रियाशील हैं।”
क्या यह वही बढ़ई नहीं है जो मरियम का पुत्र और याकूब, योसेस, यहूदा और शिमोन का भाई है? क्या इसकी बहिनें हमारे बीच नहीं रहती हैं?” इस प्रकार लोगों को येशु के विषय में भ्रम हो गया।