उसने अपने जाति-भाई-बन्धुओं तथा सामरी सेना के सम्मुख यह कहा, ‘ये शक्तिहीन यहूदी क्या कर रहे हैं? क्या ये अपने बल पर पुनर्निर्माण करने में सफल होंगे? क्या ये फिर चढ़ावा चढ़ाएंगे? क्या ये एक दिन में काम समाप्त कर लेंगे? क्या ये मलवों में दबे हुए बेकाम पत्थरों को निकाल कर उन्हें शहरपनाह की दीवार में फिर लगाएंगे?’
आओ, हम उनसे चतुराई से व्यवहार करें। ऐसा न हो कि वे बढ़ते जाएं और जब हम पर युद्ध आ पड़े तब वे हमारे बैरियों से जा मिलें, हमारे विरुद्ध लड़ें और देश से भाग जाएं।’
मैं तो वध के लिए ले जाये जानेवाले मेमने के सदृश उनके दुष्कर्मों से अनजान था। मैं नहीं जानता था कि उन्होंने मेरे विरुद्ध कुचक्र रचा है। वे कहते थे, ‘न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी! यिर्मयाह को इस पृथ्वी से, जीव-लोक से मिटा दें कि उसका नाम भी शेष न रहे।’
‘क्या यह संभव है कि सूर्य, चन्द्रमा और तारों के ये निश्चित नियम मेरे सम्मुख से टल जाएं? यदि यह संभव है तो इस्राएल के वंशज भी मेरे सामने से एक राष्ट्र के रूप में सदा के लिए विलुप्त हो जाएंगे।’
मोआब राष्ट्र की कीर्ति नष्ट हो गई। शत्रु हेश्बोन नगर में उसके विरुद्ध अहित की योजनाएं बना रहे हैं। वे कह रहे हैं, “आओ, हम मोआब को राष्ट्र न बनने दें।” ओ मदमेन नगर, तू भी सुनसान बनाया जाएगा, शत्रु की तलवार तेरा पीछा करेगी।
यह राजा सर्वोच्च परमेश्वर की निन्दा करेगा, और उसके भक्तों को पीस डालेगा। यह निर्धारित पर्व-कालों और विधि-विधानों को बदलने का प्रयत्न करेगा; सर्वोच्च परमेश्वर के भक्त साढ़े तीन वर्ष तक इसके हाथ में सौंप दिए जाएंगे।