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फिलेमोन 1:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

14 किन्‍तु तुम्‍हारी सहमति के बिना मैंने कुछ नहीं करना चाहा जिससे तुम यह उपकार लाचारी से नहीं, बल्‍कि स्‍वेच्‍छा से करो।

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पवित्र बाइबल

14 किन्तु तेरी अनुमति के बिना मैं कुछ भी करना नहीं चाहता ताकि तेरा कोई उत्तम कर्म किसी विवशता से नहीं बल्कि स्वयं अपनी इच्छा से ही हो।

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Hindi Holy Bible

14 पर मैं ने तेरी इच्छा बिना कुछ भी करना न चाहा कि तेरी यह कृपा दबाव से नहीं पर आनन्द से हो।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

14 पर मैं ने तेरी इच्छा बिना कुछ भी करना न चाहा, कि तेरी यह कृपा दबाव से नहीं पर आनन्द से हो।

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नवीन हिंदी बाइबल

14 परंतु तेरी सहमति के बिना मैंने कुछ करना न चाहा ताकि तेरी भलाई विवशता से नहीं बल्कि अपनी इच्छा से हो।

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सरल हिन्दी बाइबल

14 किंतु मैंने तुम्हारी सलाह के बिना कुछ भी करना उचित न समझा कि तुम्हारी उदारता मजबूरीवश नहीं परंतु अपनी इच्छा से हो.

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फिलेमोन 1:14
10 क्रॉस रेफरेंस  

हे मेरे परमेश्‍वर! मैं जानता हूं, तू हृदय को परखता है। तू निष्‍कपट हृदय के व्यक्‍ति से प्रसन्न होता है। मैं निष्‍कपट हृदय से यह सब भेंट स्‍वेच्‍छापूर्वक तुझे अर्पित करता हूँ। अब मैंने तेरे निज लोगों को भी देखा जिन्‍होंने आनन्‍दपूर्वक स्‍वेच्‍छा से तुझे भेंट चढ़ाई।


जब आप युद्ध में विजय प्राप्‍त करते हैं, तब आपकी प्रजा स्‍वेच्‍छा से स्‍वयं को अर्पित करती है। आप पवित्रता से सुशोभित हैं। उषा कल के गर्भ से ओस की बूंद के सदृश तरुणाई आपको प्राप्‍त होती है।


यदि मैं अपनी इच्‍छा से यह करता, तो मुझे पुरस्‍कार का अधिकार होता। किन्‍तु मैं अपनी इच्‍छा से यह नहीं करता। मुझे जो कार्य सौंपा गया है, मैं उसे पूरा करता हूँ।


क्‍या यह कभी सुनने में आया कि कोई अपने खर्च से सेना में सेवा करता है? कौन अंगूर-उद्यान लगा कर उसका फल नहीं खाता? कौन पालतू पशु पालकर उन पशुओं का दूध नहीं पीता?


आपके विश्‍वास पर मनमाना अधिकार जताना हमारा उद्देश्‍य नहीं है। हम आप लोगों की सुख-शान्‍ति के लिए आपके सहयोगी हैं और आप लोग तो यों भी विश्‍वास में दृढ़ हैं।


यदि दान देने की उत्‍सुकता है, तो सामर्थ्य के अनुसार जो कुछ भी दिया जाए, वह परमेश्‍वर को ग्राह्य है। किसी से यह आशा नहीं की जाती है कि वह अपने सामर्थ्य से अधिक दान दे।


इसलिए मैंने भाइयों से यह अनुरोध करना आवश्‍यक समझा कि वे पहले आप के यहाँ आएँ और ऐसा प्रबन्‍ध करें कि आपने जो भेंट देने की प्रतिज्ञा की है, वह मेरे पहुँचने से पहले तैयार हो और वह भेंट आपकी कृपणता का नहीं, बल्‍कि आपकी उदारता का प्रमाण हो।


हर एक ने अपने मन में जितना निश्‍चित किया है, उतना ही दे। वह अनिच्‍छा से अथवा लाचारी से ऐसा न करे, क्‍योंकि “परमेश्‍वर प्रसन्नता से देने वाले को प्‍यार करता है।”


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