अत: हजाएल एलीशा से भेंट करने के लिए गया। वह अपने साथ चालीस ऊंटों पर दमिश्क नगर की सब प्रकार की उत्तम वस्तुएं उपहार में ले गया। हजाएल एलीशा के पास पहुंचा। वह उनके सम्मुख खड़ा हुआ। उसने कहा, ‘आपके पुत्र, सीरिया देश के महाराज बेन-हदद ने मुझे आपके पास यह पूछने के लिए भेजा है: “क्या मैं इस बीमारी से मुक्त हूंगा?” ’
तुमने मुट्ठी भर जौ और चन्द रोटी के टुकड़ो के लिए मेरे निज लोगों के सम्मुख मुझे अपवित्र किया है। तुम ऐसे लोगों को मार डालती हो, जिन्हें मरना नहीं चाहिए; और ऐसे लोगों को जीवित रखती हो, जिन्हें जीवित नहीं रहना चाहिए। तुम मेरी जनता से झूठ बोलती हो, जो झूठ सुनना पसन्द करती है।
और निरन्तर झगड़े उत्पन्न होते हैं। यह सब ऐसे लोगों के योग्य है, जिनका मन विकृत और सत्य से वंचित हो गया है और यह समझते हैं कि भक्ति लाभ का एक साधन है।