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प्रकाशितवाक्य 10:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

10 मैंने स्‍वर्गदूत के हाथ से पुस्‍तिका ले ली और खायी। वह मेरे मुँह में मधु-जैसी मीठी लगी, किन्‍तु जब मैं उसे खा चुका, तो मेरा पेट कड़ुवा हो गया।

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पवित्र बाइबल

10 फिर उस स्वर्गदूत के हाथ से मैंने वह छोटी सी पोथी ले ली और मैंने उसे खा लिया। मेरे मुख में यह शहद सी मीठी लगी किन्तु मैं जब उसे खा चुका तो मेरा पेट कड़वा हो गया।

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Hindi Holy Bible

10 सो मैं वह छोटी पुस्तक उस स्वर्गदूत के हाथ से ले कर खा गया, वह मेरे मुंह में मधु सी मीठी तो लगी, पर जब मैं उसे खा गया, तो मेरा पेट कड़वा हो गया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

10 अत: मैं वह छोटी पुस्तक उस स्वर्गदूत के हाथ से लेकर खा गया। वह मेरे मुँह में मधु सी मीठी तो लगी, पर जब मैं उसे खा गया, तो मेरा पेट कड़वा हो गया।

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नवीन हिंदी बाइबल

10 तब मैंने वह छोटी पुस्तक स्वर्गदूत के हाथ से ली और उसे खा गया। वह मेरे मुँह में शहद जैसी मीठी लगी पर जब मैं उसे खा गया तो मेरा पेट कड़वा हो गया।

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सरल हिन्दी बाइबल

10 मैंने स्वर्गदूत से वह पुस्तिका लेकर खा ली. मुझे वह मुंह में तो शहद के समान मीठी लगी किंतु खा लेने पर मेरा उदर खट्टा हो गया.

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प्रकाशितवाक्य 10:10
9 क्रॉस रेफरेंस  

मेरा मनन-चिन्‍तन प्रभु को प्रिय लगे, क्‍योंकि मैं प्रभु में आनन्‍द मनाता हूं।


तेरे वचन मेरी जीभ को कितने स्‍वादिष्‍ट लगते हैं! वे मेरे मुंह में मधु से अधिक मीठे हैं।


वे सोने से अधिक चाहने योग्‍य हैं; शुद्ध सोने से भी अधिक वांछनीय हैं; वे मधु से अधिक मधुर हैं; मधुकोष से टपकती मधु की बूंदों से भी अधिक मधुर हैं।


मीठे वचन मधु की तरह हैं जो प्राण को मीठा लगता है, जो शरीर को स्‍वस्‍थ रखता है।


उसने पुस्‍तक मेरे सामने खोल दी। उसके दोनों पृष्‍ठों पर लिखा हुआ था। मैंने पढ़ा, उस पर विलाप और शोक-गीत लिखे हुए थे। उस पर धिक्‍कार के शब्‍द लिखे हुए थे।


तब आत्‍मा मुझे उठा कर ले गया। मैं मन ही मन जल रहा था, और मेरी आत्‍मा कटुता से भर गई थी। मैं चला गया, और प्रभु का हाथ मुझ पर प्रबल था।


उसने मुझसे फिर कहा, ‘मानव, जो पुस्‍तक मैं तुझको खाने के लिए दे रहा हूं, इसे खा और इससे अपना पेट भर।’ अत: मैंने उसको खा लिया। वह मुझे अपने मुंह में शहद से अधिक मीठी लगी।


तब मुझ से कहा गया, “तुम्‍हें फिर प्रजातियों, राष्‍ट्रों, भाषाओं और बहुत-से राजाओं के विषय में नबूवत करनी है।”


इसलिए मैंने स्‍वर्गदूत के पास जाकर उस से निवेदन किया कि वह मुझे पुस्‍तिका दे दे। उसने कहा, “इसे ले लो और खाओ। यह तुम्‍हारे पेट में कड़ुवी, किन्‍तु तुम्‍हारे मुँह में मधु-जैसी मीठी लगेगी।”


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