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प्रकाशितवाक्य 1:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 उसके पैर भट्टी में तपाए हुए पीतल की तरह चमक रहे थे और उसकी वाणी समुद्र की तरह गर्जन कर रही थी।

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पवित्र बाइबल

15 उसके चरण भट्टी में अभी-अभी तपाए गए उत्तम काँसे के समान चमक रहे थे। उसका स्वर अनेक जलधाराओं के गर्जन के समान था।

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Hindi Holy Bible

15 और उसके पांव उत्तम पीतल के समान थे जो मानो भट्टी में तपाए गए हों; और उसका शब्द बहुत जल के शब्द की नाईं था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 उसके पाँव उत्तम पीतल के समान थे जो मानो भट्ठी में तपाया गया हो, और उसका शब्द बहुत जल के शब्द के समान था।

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नवीन हिंदी बाइबल

15 और उसके पैर चमकते हुए पीतल के समान थे मानो भट्ठी में तपाकर चमकाए गए हों, और उसकी आवाज़ बहुत सी जल-धाराओं की आवाज़ के समान थी।

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सरल हिन्दी बाइबल

15 पैर भट्टी में तपा कर चमकाए हुए कांसे की तरह तथा उनका शब्द प्रचंड लहरों की गर्जन-सा था.

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प्रकाशितवाक्य 1:15
11 क्रॉस रेफरेंस  

तब मैंने देखा कि पूर्व दिशा से इस्राएल के परमेश्‍वर का तेज आया। परमेश्‍वर के आगमन का स्‍वर सागरों के गर्जन के सदृश था। परमेश्‍वर के तेज से पृथ्‍वी ज्‍योतिर्मय हो गई।


उसका शरीर स्‍वर्णमणि के सदृश चमक रहा है। उसका रूप विद्युत की चमक के समान है। उसकी आंखें ज्‍वाला उगलती हुई मशालों के समान है। उसकी भुजाएँ और पैर चमकते हुए पीतल के सदृश हैं। उसके शब्‍दों की आवाज भीड़ की आवाज के समान भारी है।


मैंने तेजी से बहती हुई नदियों के निनाद और घोर मेघगर्जन की-सी आवाज स्‍वर्ग से आती हुई सुनी। मैं जो स्‍वर सुन रहा था, वह वीणा बजाने वाले वीणा-वादकों का-सा स्‍वर था।


तब मैंने एक विशाल जन-समुदाय की-सी आवाज, समुद्र की लहरों और गरजते हुए बादलों की प्रचंड आवाज को यह कहते हुए सुना, “प्रभु की स्‍तुति करो! हमारे सर्वशक्‍तिमान् प्रभु परमेश्‍वर ने राज्‍याधिकार ग्रहण किया है।


“थुआतीरा की कलीसिया के दूत को यह लिखो : “जिसकी आँखें अग्‍नि की तरह धधकती हैं और जिसके पैर पीतल की तरह चमकते हैं, उस परमेश्‍वर-पुत्र का सन्‍देश इस प्रकार है :


महासागर की प्रचण्‍ड लहरों से अधिक प्रचण्‍ड, ऊंचे पर विराजमान प्रभु शक्‍तिशाली है।


उनके पैर सीधे थे, और पांवों के तलुए बछड़े के खुरों के समान थे, और वे चमकाए हुए पीतल के समान चमक रहे थे।


जब परमेश्‍वर अपने दर्शन में मुझे वहां लाया तब मैंने एक आदमी को देखा। उसका रूप-रंग पीतल का था, और उसके हाथ में सन का फीता और नापने का बांस था। वह नगर के प्रवेश-द्वार पर खड़ा था।


यह सच है, कि राष्‍ट्र भयंकर बाढ़ की तरह दहाड़ रहे हैं; पर वे प्रभु की डांट से सिर पर पैर रखकर भागेंगे, जैसे पवन के सम्‍मुख पहाड़ी पर भूसा उड़ता है; जैसे बवन्‍डर से धूल उड़ती है।


जब वे चलते थे तब उनके पंखों की आवाज ऐसी सुनाई पड़ती थी मानो सागर का गर्जन हो, अथवा सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर का स्‍वर हो या सेना का कोलाहल हो। जब जीवधारी रुककर खड़े होते थे तब वे अपने पंख नीचे कर लेते थे।


इसके बाद मैंने एक दूसरे शक्‍तिशाली स्‍वर्गदूत को आकाश से उतरते देखा। वह मेघ लपेटे हुए था और उसके सिर पर इन्‍द्रधनुष शोभायमान था। उसका मुखमण्‍डल सूर्य की तरह चमक रहा था और उसके पैर अग्‍निस्‍तम्‍भ-जैसे थे।


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