21 इसलिए मैं और अधिक राष्ट्रों को पराजित नहीं करूँगा, और न ही इस्राएल के लोगों का रास्ता साफ करुँगा। वे राष्ट्र उन दिनों भी उस प्रदेश में थे जब यहोशू मरा था और मैं उन राष्ट्रों को उस प्रदेश में रहने दूँगा।
तो तुम निश्चय जान लो कि प्रभु परमेश्वर तुम्हारे सम्मुख से इन जातियों को फिर नहीं निकालेगा। जब तक तुम इस उत्तम देश में, जो प्रभु परमेश्वर ने तुम्हें प्रदान किया है, नष्ट नहीं हो जाओगे, तब तक वे तुम्हारे लिए जाल और फन्दा बनी रहेंगी। वे तुम्हारी आँखों में किरकिरी के सदृश और पसलियों में कांटे के समान चुभेंगी।
इसलिए, अब मैं यह कहता हूँ : मैं तुम्हारे लिए इस देश के निवासियों को नहीं निकालूँगा। वे तुम्हारे बैरी हो जाएँगे। उनके देवता तुम्हारे लिए फन्दा बन जाएँगे।’
क्योंकि उन्होंने मेरे न्याय-सिद्धान्तों का पालन नहीं किया; उन्होंने मेरी संविधियों के अनुरूप आचरण नहीं किया। उन्होंने मेरे विश्राम-दिवस को अपवित्र किया। उनकी आंखें अपने पूर्वजों की इष्ट मूर्तियों पर लगी रहीं।
प्रभु ने इन जातियों को छोड़ दिया था : पलिश्ती जाति के पांच नगर-राज्य, समस्त कनानी जाति, सीदोनी जाति, और हिव्वी जाति, जो बअल-हेर्मोन पहाड़ से हमात के प्रवेश-मार्ग तक लबानोन पहाड़ पर रहती थी।
देखो, मैं उन समस्त जातियों की भूमि को जिन्हें मैं यर्दन नदी से पश्चिम में भूमध्य-सागर तक नष्ट कर चुका हूँ या जो बच गए हैं, तुम्हारे पैतृक-अधिकार के लिए सब कुलों में बांट चुका हूँ।
जो जातियाँ बच गई हैं, उन्हें प्रभु परमेश्वर पीछे हटा देगा, तुम्हारी आंखों के सामने से निकाल देगा, और तुम उनकी भूमि पर अधिकार कर लोगे, जैसा प्रभु परमेश्वर ने तुमसे कहा है।
इस्राएली लोगों ने यहोशुअ की मृत्यु के पश्चात् प्रभु से यह पूछा : ‘हममें से कौन कुल सर्वप्रथम कनान देश के निवासियों पर चढ़ाई करेगा, और उनसे युद्ध करेगा?’
प्रभु ने इन जातियों को छोड़ दिया था, जिससे इनके द्वारा इस्राएलियों की उस पीढ़ी की परीक्षा ली जा सके, जिसे कनान के किसी भी युद्ध का व्यावहारिक ज्ञान नहीं था।