Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल

- विज्ञापनों -




नीतिवचन 29:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 छड़ी की मार और डांट-डपट से मनुष्‍य को ज्ञान प्राप्‍त होता है; परन्‍तु जिस बच्‍चे को माता-पिता हाथ नहीं लगाते, वह उनके कलंक का कारण बनता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

15 दण्ड और डाँट से सुबुद्धि मिलती है किन्तु यदि माता—पिता मनचाहा करने को खुला छोड़ दे, तो वह निज माता का लज्जा बनेगा।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

15 छड़ी और डांट से बुद्धि प्राप्त होती है, परन्तु जो लड़का यों ही छोड़ा जाता है वह अपनी माता की लज्जा का कारण होता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 छड़ी और डाँट से बुद्धि प्राप्‍त होती है, परन्तु जो लड़का योंही छोड़ा जाता है वह अपनी माता की लज्जा का कारण होता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

नवीन हिंदी बाइबल

15 छड़ी और ताड़ना से बुद्धि प्राप्‍त होती है, परंतु जिस बच्‍चे को मनमानी करने की छूट दी जाती है वह अपनी माता की लज्‍जा का कारण होता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

15 ज्ञानोदय के साधन हैं डांट और छड़ी, किंतु जिस बालक पर ये प्रयुक्त न हुए हों, वह माता की लज्जा का कारण हो जाता है.

अध्याय देखें प्रतिलिपि




नीतिवचन 29:15
13 क्रॉस रेफरेंस  

उसके पिता ने जीवन-भर उसके कार्यों में हस्‍तक्षेप नहीं किया था। पिता ने यह भी नहीं पूछा था, ‘तू ऐसा कार्य क्‍यों करता है?’ वह बहुत सुन्‍दर भी था। अबशालोम के बाद उसका जन्‍म हुआ था।


राजा सुलेमान के नीतिवचन : बुद्धिमती संतान के कारण पिता आनन्‍दित रहता है; पर मूर्ख संतान से मां को दु:ख होता है।


ग्रीष्‍म ऋतु में, अपने आहार की व्‍यवस्‍था करनेवाला मनुष्‍य बुद्धिमान है; पर, जो मनुष्‍य फसल की कटाई के समय सोता है, वह निंदा का कारण बनता है।


जो पिता अपने पुत्र को दण्‍ड नहीं देता, वह उससे प्रेम नहीं करता; क्‍योंकि जो पिता अपने पुत्र से प्रेम करता है, वह पुत्र को अनुशासित करने में देर नहीं करता।


मूर्ख संतान अपने पिता के दु:ख का कारण बनती है; पिता नासमझ संतान से आनन्‍द नहीं पाता।


मुर्ख संतान अपने पिता के दु:ख का कारण है; उसकी जननी उसके कारण दु:खित रहती है।


जब तक बच्‍चों के सुधार की आशा है, उनको ताड़ना देकर सुधारो; उनको न सुधारना मानो उनको विनाश के गड्ढे में डालना है।


बालक के हृदय में मूढ़ता की गांठ होती है, पर अनुशासन की छड़ी उस को खोलकर उसे दूर कर देती है।


बच्‍चे को उस मार्ग की शिक्षा दो जिस पर उसको चलना चाहिए; और वह बुढ़ापे में भी उससे नहीं हटेगा।


पिता, अपने पुत्र को अनुशासन में रख, तब वह तुझे सुख-चैन से रहने देगा; वह तेरे हृदय को आनन्‍द देगा।


यदि मालिक गुलाम को बचपन से ही लाड़-प्‍यार से पालता है, तो गुलाम बड़ा होने पर उसकी धन-सम्‍पत्ति का उत्तराधिकारी बन बैठता है।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों