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नीतिवचन 13:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 जो मनुष्‍य परमेश्‍वर के वचन को तुच्‍छ समझता है, वह स्‍वयं अपने विनाश का कारण बनता है! पर प्रभु की आज्ञाओं का आदर करनेवाला पुरस्‍कार पाएगा!

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पवित्र बाइबल

13 जो जन शिक्षा का अनादर करता है, उसको इसका मूल्य चुकाना पड़ेगा। किन्तु जो शिक्षा का आदर करता है, वह तो इसका प्रतिफल पाता है।

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Hindi Holy Bible

13 जो वचन को तुच्छ जानता, वह नाश हो जाता है, परन्तु आज्ञा के डरवैये को अच्छा फल मिलता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 जो वचन को तुच्छ जानता, वह नष्‍ट हो जाता है, परन्तु आज्ञा के डरवैये को अच्छा फल मिलता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

13 जो शिक्षा को तुच्छ जानता है, वह नष्‍ट हो जाता है; परंतु आज्ञा का आदर करनेवाले को अच्छा फल मिलता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

13 वह, जो शिक्षा को तुच्छ दृष्टि से देखता है, स्वयं अपना विनाश आमंत्रित करता है, किंतु वह, जो आदेश का सम्मान करता है, उत्कृष्ट प्रतिफल प्राप्‍त करता है.

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नीतिवचन 13:13
26 क्रॉस रेफरेंस  

उसने मुझ-प्रभु के वचन का तिरस्‍कार किया है, उसने मेरी आज्ञा का उल्‍लंघन किया है। ऐसा व्यक्‍ति अपने लोगों में से अवश्‍य नष्‍ट किया जाएगा। उसका अधर्म उसी पर होगा।’


आप लोग सावधान रहें जिससे आप अपने परिश्रम का फल न खो बैठें, बल्‍कि अपना पूरा पुरस्‍कार प्राप्‍त करें।


किन्‍तु वे परमेश्‍वर के सन्‍देश-वाहकों का मजाक उड़ाते रहे। उन्‍होंने परमेश्‍वर के सन्‍देश को तुच्‍छ समझा; उसके नबियों की हंसी की। तब अन्‍त में प्रभु की क्रोधाग्‍नि अपने निज लोगों पर भड़क उठी; और उसको बुझाने का किसी में सामर्थ्य न था: कोई इलाज न रह गया।


प्रभु, तेरी व्‍यवस्‍था के प्रेमियों को अपार शांति मिलती है, उन्‍हें कोई बाधा नहीं होती।


लेकिन इस्राएल के वंशजों ने निर्जन प्रदेश में मुझ से विद्रोह किया। उन्‍होंने मेरी संविधियों के अनुरूप आचरण नहीं किया, बल्‍कि मेरे न्‍याय-सिद्धान्‍तों को ताक पर रख दिया, जिनके अनुरूप आचरण करने से मनुष्‍य जीवित रहता है। उन्‍होंने मेरे विश्राम-दिवस की घोर उपेक्षा कर उसको अपवित्र कर दिया। ‘अत: मैंने सोचा कि मैं उनको निर्जन प्रदेश में दण्‍ड देने के लिए उन पर अपनी क्रोधाग्‍नि की वर्षा करूंगा और उनको पूर्णत: नष्‍ट कर दूंगा।


इनके द्वारा तेरा सेवक सावधान भी किया जाता है; इनका पालन करना बहुत लाभप्रद है।


क्‍योंकि उन्‍होंने मेरे न्‍याय-सिद्धान्‍तों की उपेक्षा की, मेरी संविधियों के अनुसार आचरण नहीं किया, और मेरे विश्राम-दिवस को अपवित्र किया है। निर्जन प्रदेश में भी उन्‍होंने मूर्तियों पर मन लगाया।


क्‍योंकि उन्‍होंने मेरे न्‍याय-सिद्धान्‍तों का पालन नहीं किया; उन्‍होंने मेरी संविधियों के अनुरूप आचरण नहीं किया। उन्‍होंने मेरे विश्राम-दिवस को अपवित्र किया। उनकी आंखें अपने पूर्वजों की इष्‍ट मूर्तियों पर लगी रहीं।


प्रभु कहता है : ‘इन सबको स्‍वयं मेरे हाथों ने बनाया है, अत: ये सब वस्‍तुएँ मेरी ही हैं। पर मैं उस मनुष्‍य पर ध्‍यान दूंगा, जो विनम्र है जो आत्‍मा में पीड़ित है जो मेरे वचन में श्रद्धा रखता है।


अनिष्‍ट पापी मनुष्‍य के पीछे लगा रहता है; किन्‍तु धार्मिक व्यक्‍ति को समृद्धि प्राप्‍त होती है।


तुमने मेरी सलाह की उपेक्षा की, और मेरी चेतावनी को अनसुना किया।


प्रभु अपने श्रद्धालु भक्‍तों को, बड़े-छोटे सब को आशिष देगा।


पर अब्राहम ने उससे कहा, ‘जब वे मूसा और नबियों की नहीं सुनते, तब यदि मुरदों में से कोई जी उठे, तो वे उसकी बात भी नहीं मानेंगे।’ ”


जो प्रभु के प्रति श्रद्धा-भक्‍ति रखते थे, उन्‍होंने आपस में बात की। प्रभु ने ध्‍यान दिया, उनकी बात सुनी। उसके सम्‍मुख एक स्‍मरण-पुस्‍तिका लिखी गई। इसमें उन लोगों के नाम लिखे गए, जो प्रभु का चिंतन करते थे।


खुश हो और आनन्‍द मनाओ; क्‍योंकि स्‍वर्ग में तुम्‍हें महान पुरस्‍कार प्राप्‍त होगा। तुम्‍हारे पहले के नबियों पर भी उन्‍होंने इसी तरह अत्‍याचार किया था।


तब अजर्याह बेन-होशाया, योहानान बेन-कारेह तथा अन्‍य ढीठ लोगों ने यिर्मयाह को उत्तर दिया, ‘आप झूठ बोल रहे हैं। हमारे प्रभु परमेश्‍वर ने आप को यह कहने के लिए नहीं भेजा है कि मिस्र देश में बसने के लिए मत जाओ।


इसलिए आइए, हम अपने परमेश्‍वर से प्रतिज्ञा करें और आपके तथा परमेश्‍वर की आज्ञा के प्रति श्रद्धा-भक्‍ति रखने वालों के परामर्श के अनुसार इन विदेशी पत्‍नियों और उनकी सन्‍तान को अपने समाज से निकाल दें। यह कार्य व्‍यवस्‍था के अनुसार किया जाए।


फरओ के कर्मचारियों में से जो व्यक्‍ति प्रभु के वचन का भय मानता था, उसने अपने सेवकों और पशुओं को घरों के भीतर भगा दिया,


जब आशा पूरी होने में विलम्‍ब होता है तब हृदय उदास हो जाता है; पर इच्‍छा की पूर्ति का अर्थ है : जीवन-वृक्ष!


जो मनुष्‍य परमेश्‍वर की आज्ञा का पालन करता है; वह अपने प्राण की रक्षा करता है; प्रभु के वचन की उपेक्षा करनेवाला निस्‍सन्‍देह मर जाता है।


अपनी भूलों का ज्ञान किसे हो सकता है? तू प्रभु, मुझे गुप्‍त दोषों से मुक्‍त कर।


जब मनुष्‍य प्रभु के वचन पर ध्‍यान देता है, तब वह सफल होता है; धन्‍य है वह मनुष्‍य जो प्रभु पर भरोसा करता है।


हमारे पर का पालन करें:

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