20 जैसी प्रभु ने मूसा और हारून को आज्ञा दी थी, उन्होंने वैसा ही किया। हारून ने फरओ और उसके दरबारियों के सम्मुख अपनी लाठी उठाई और नील नदी के जल पर प्रहार किया। नील नदी का समस्त जल रक्त बन गया।
20 इसलिए मूसा और हारून ने यहोवा का जैसा आदेश था, वैसा किया। उसने लाठी को उठाया और नील नदी के पानी पर मारा। उसने यह फ़िरौन और उसके अधिकारियों के सामने किया। फिर नदी का सारा जल खून में बदल गया।
20 तब मूसा और हारून ने यहोवा की आज्ञा ही के अनुसार किया, अर्थात उसने लाठी को उठा कर फिरौन और उसके कर्मचारियों के देखते नील नदी के जल पर मारा, और नदी का सब जल लोहू बन गया।
20 तब मूसा और हारून ने यहोवा की आज्ञा के अनुसार किया, अर्थात् उसने लाठी को उठाकर फ़िरौन और उसके कर्मचारियों के देखते नील नदी के जल पर मारा, और नदी का सब जल लहू बन गया।
20 तब मूसा और हारून ने यहोवा की आज्ञा के अनुसार किया। हारून ने फ़िरौन और उसके कर्मचारियों की आँखों के सामने लाठी को उठाकर नील नदी के पानी पर मारा, और नदी का सारा पानी लहू बन गया।
20 मोशेह तथा अहरोन ने वैसा ही किया, जैसा याहवेह ने उनसे कहा. उन्होंने लाठी उठाई और नील नदी के जल पर मारा. फ़रोह एवं उसके सेवक यह सब देख रहे थे. एकदम नील नदी का पूरा पानी लहू बन गया.
एलीशा ने गेहजी से कहा, ‘तू तुरन्त तैयार हो। अपने हाथ में मेरी सोंटी ले, और अविलम्ब जा। यदि मार्ग में तुझे कोई परिचित व्यक्ति मिलेगा, तो तू उसका कुशल-मंगल पूछने के लिए मत रुकना। यदि मार्ग में कोई व्यक्ति तेरा कुशल-मंगल पूछेगा तो तू उत्तर देने के लिए मत रुकना। तू बालक के मुख पर मेरी सोंटी रख देना।’
यदि वे इन दोनों चिह्नों पर भी विश्वास न करें, और तेरी बात को न सुनें तो तू नील नदी का जल लेना और उसे सूखी भूमि पर उण्डेलना। जो जल तू नील नदी से लेगा, वह सूखी भूमि पर रक्त बन जाएगा।’
अत: मूसा और हारून फरओ के पास गए। जैसी प्रभु ने उन्हें आज्ञा दी थी, वैसा ही उन्होंने किया। हारून ने फरओ और उसके दरबारियों के सम्मुख अपनी लाठी फेंकी। वह अजगर बन गई।
प्रभु, तू अपने अश्वों पर, अपने विजयी रथों पर क्यों सवार है? क्या तेरा कोप सरिताओं के प्रति है? क्या तू नदियों से नाराज है? क्या तू समुद्र से क्रुद्ध है?