राजा नबूकदनेस्सर ने उसको परमेश्वर की शपथ दी थी कि वह उससे विद्रोह नहीं करेगा। तो भी उसने परमेश्वर की शपथ की उपेक्षा की और राजा नबूकदनेस्सर से विद्रोह किया। उसने इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर के प्रति अपने हृदय को कठोर बना लिया था। हठ से उसकी गर्दन ऐंठ गई थी, और वह प्रभु से विमुख हो गया था।
मैं मिस्र-निवासियों का हृदय हठीला कर दूंगा जिससे वे इस्राएलियों का पीछा करते हुए समुद्र के मध्य जाएँ। तब मैं फरओ, उसकी समस्त सेना, उसके रथों और घुड़सवारों को पराजित कर अपनी महिमा करूंगा।
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘जब तू मिस्र देश लौटेगा तब, देख, फरओ के सम्मुख उन सब आश्चर्यपूर्ण कार्यों को करना, जिनको करने का सामर्थ्य मैंने तुझे दिया है। किन्तु मैं उसका हृदय हठीला बनाऊंगा, और वह मेरे लोगों को नहीं जाने देगा।
मिस्र देश के जादूगरों ने भी अपने तन्त्र-मन्त्र से वैसा ही किया। अतएव फरओ का हृदय हठीला बना रहा। उसने मूसा और हारून की बातें नहीं सुनीं, जैसा प्रभु ने कहा था।
फरओ ने कहा, ‘मैं तुम्हें जाने दूंगा कि तुम अपने प्रभु परमेश्वर को निर्जन प्रदेश में बलि चढ़ाओ। परन्तु तुम अधिक दूर न जाना। तुम मेरे लिए निवेदन करो।’
उन्होंने परमेश्वर का सच्चा ज्ञान प्राप्त करना उचित नहीं समझा, इसलिए परमेश्वर ने उन्हें उनकी भ्रष्ट बुद्धि पर छोड़ दिया, जिससे वे अनुचित आचरण करने लगे।
किन्तु तुम अपने इस हठ और अपने हृदय के अपश्चात्ताप के कारण कोप के दिन के लिए अपने विरुद्ध कोप का संचय कर रहे हो, जब परमेश्वर का निष्पक्ष न्याय प्रकट होगा।
किन्तु हेश्बोन के राजा सीहोन ने हमें अपने पास से होकर नहीं जाने दिया; क्योंकि तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने उसकी आत्मा को कठोर, और हृदय को हठीला बना दिया था, जिससे वह उसे तुम्हारे हाथ में सौंप दे, जैसे वह आज भी है।
जैसा मिस्र देश के निवासियों तथा फरओ ने अपना हृदय कठोर कर लिया था वैसा तुम अपना हृदय कठोर क्यों करते हो? जब इस्राएलियों के परमेश्वर ने उन्हें उपहास का पात्र बना दिया तब क्या उन्होंने इस्राएलियों को नहीं जाने दिया था? क्या इस्राएली मिस्र देश से नहीं चले गए थे?