29 ‘हारून की पवित्र पोशाक उसके पश्चात् उसके पुत्रों एवं पौत्रों के उपयोग में आएगी। उसी पोशाक में उनका अभ्यंजन होगा, उन्हें पुरोहित पद पर अभिषिक्त किया जाएगा।
29 “उन विशेष वस्त्रों को सुरक्षित रखो जो हारून के लिए बने थे। ये वस्त्र उसके उत्तराधिकारी वंशजों के लिए होंगे। वे उन वस्त्रों को तब पहनेंगे जब याजक नियुक्त किए जाएँगे।
तुमने अपने मध्य में से प्रभु के पुरोहितों को हारून के वंशजों और लेवी वंशीय उप-पुरोहितों को निकाल दिया, और उनके स्थान पर मनमाने पुरोहित नियुक्त कर लिए, जैसे अन्य जातियां करती हैं। जो भी आदमी पुरोहित बनने के लिए एक बैल और सात मेढ़े लेकर तुम्हारे पास आता है, तुम उसका अभिषेक कर देते हो, और वह बछड़े की मूर्तियों का पुरोहित बन जाता है, जो ईश्वर नहीं है!
यह मांस इस्राएली समाज की ओर से हारून और उसके पुत्रों के लिए स्थायी देय-भाग होगा। यह पुरोहितों का वह भाग है, जो इस्राएली समाज द्वारा अपनी सहभागिता-बलि में से भेंट किया जाएगा। यह प्रभु को अर्पित उनकी भेंट है।
जैसे तू उनके पिता का अभ्यंजन करेगा, वैसे उनका भी अभ्यंजन करना जिससे वे पुरोहित के रूप में मेरी सेवा करें। उनका यह अभ्यंजन पीढ़ी से पीढ़ी तक उन्हें स्थायी पुरोहिताई का पात्र बनाता रहेगा।’
प्रभु हारून से फिर बोला, ‘मुझे चढ़ाई गई भेंटों का शेष भाग, इस्राएली समाज की समस्त पवित्र की हुई वस्तुएँ, मैंने तुझे प्रदान की हैं। मैंने उनको तेरा भाग और तेरे पुत्रों का स्थायी देय-भाग निर्धारित करके प्रदान किया है।
मंडली रक्त-प्रतिशोधी के हाथ से हत्यारे को मुक्त करेगी। मंडली उसे उस शरण-नगर वापस भेज देगी, जहाँ वह भाग गया था। वह तब तक उसमें निवास करेगा, जब तक महापुरोहित की मृत्यु न हो जाए, जिसका पवित्र तेल से अभ्यंजन किया गया है।