एलीशा ने गेहजी से कहा, ‘तू तुरन्त तैयार हो। अपने हाथ में मेरी सोंटी ले, और अविलम्ब जा। यदि मार्ग में तुझे कोई परिचित व्यक्ति मिलेगा, तो तू उसका कुशल-मंगल पूछने के लिए मत रुकना। यदि मार्ग में कोई व्यक्ति तेरा कुशल-मंगल पूछेगा तो तू उत्तर देने के लिए मत रुकना। तू बालक के मुख पर मेरी सोंटी रख देना।’
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘अपने साथ इस्राएलियों के कुछ धर्मवृद्धों को लेकर लोगों के आगे-आगे जा। तू अपने हाथ में उस लाठी को लेकर जाना जिससे तूने नील नदी पर प्रहार किया था।
देख, वहाँ मैं तेरे सम्मुख होरेब पर्वत की चट्टान पर खड़ा रहूँगा। तू चट्टान पर प्रहार करना। तब उससे जल निकलेगा कि लोग उसे पी सकें।’ मूसा ने इस्राएलियों के धर्मवृद्धों की आंखों के सामने ऐसा ही किया।
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘हारून से कहना : अपनी लाठी ले और अपने हाथ को मिस्र देश के समस्त जल अर्थात् नदियों, नहरों, तालाबों और जल-कुण्डों पर उठा कि जल रक्त बन जाए। तब समस्त मिस्र देश में, लकड़ी और पत्थरों के जलपात्रों का जल रक्त बन जाएगा।’
‘जब फरओ तुमसे कहेगा, “अपने कथन के प्रमाण में आश्चर्यपूर्ण कार्य दिखाओ” , तब तू हारून से कहना, “अपनी लाठी उठा और उसे फरओ के सम्मुख फेंक कि वह लाठी अजगर बन जाए।” ’
मैं, सेनाओं का प्रभु, उन पर चाबुक से प्रहार करूंगा; जैसा मैंने ओरेब चट्टान पर मिद्यानी सेना के विरुद्ध किया था। जैसा मैंने लाल सागर पर डंडे से प्रहार किया था वैसा ही अब मैं फरात नदी पर उसको उठाऊंगा।
प्रभु, तू अपने अश्वों पर, अपने विजयी रथों पर क्यों सवार है? क्या तेरा कोप सरिताओं के प्रति है? क्या तू नदियों से नाराज है? क्या तू समुद्र से क्रुद्ध है?
मूसा ने अपना हाथ ऊपर उठाया और अपनी लाठी से दो बार चट्टान पर प्रहार किया। तब अपार जल बाहर फूट कर निकल पड़ा! इस्राएली जनसमुदाय और उनके पशुओं ने पानी पिया।
प्रभु ने यहोशुअ से कहा, ‘अपने हाथ के भाले से ऐ नगर की ओर संकेत कर; क्योंकि मैंने नगर को तेरे अधिकार में सौंप दिया है।’ अत: यहोशुअ ने अपने हाथ के भाले से ऐ नगर की ओर संकेत किया।