13 वह इसलिए खरीदा गया कि वह मुझे भयभीत करे, जिससे मैं मन्दिर में प्रवेश करूं, और यों परमेश्वर के प्रति पाप करूं। तब वे मेरा मजाक उड़ाने के लिए मुझे अपमानजनक नाम देते।
13 शमायाह को मुझे तंग करने और डराने के लिये भाड़े पर रखा गया था। वे यह चाहते थे कि डर कर छिपने के लिये मन्दिर में भाग कर मैं पाप करू ताकि मेरे शत्रुओं के पास मुझे लज्जित करने और बदनाम करने का कोई आधार हो।
13 शेमायाह को पैसे देकर मुझे डराने के लिए काम पर रखा गया था, कि मैं डरकर वही करूं, जिससे मैं परमेश्वर के विरुद्ध पाप कर बैठूं, और इसकी वजह से उन्हें मुझ पर दोष लगाने का मौका मिल जाए और मैं उनके लिए निंदा का पात्र बन जाऊं.
प्रभु, मैं अपने विरुद्ध अनेक लोगों की कानाफूसी सुनता हूँ। मेरे चहुं ओर आतंक का साम्राज्य है। लोग मेरे विरुद्ध यह कह रहे हैं: ‘आओ, हम उस पर दोष लगाएं; तब हम उसको अपराधी ठहरा देंगे।’ मेरे घनिष्ठ मित्र भी मेरे पतन की राह देख रहे हैं। वे कह रहे हैं, ‘शायद वह धोखा खाए। तब हम उसको अपने वश में कर लेंगे, और उससे बदला लेंगे।’
यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों ने आपस में कहा, ‘आओ, हम यिर्मयाह के विरुद्ध षड्यन्त्र रचें; क्योंकि यिर्मयाह के न रहने से पुरोहितों की व्यवस्था समाप्त नहीं हो जाएगी, और न बुद्धिमान आचार्यों के बुद्धिमत्तापूर्ण परामर्श, और न ही नबियों की नबूवत। आओ हम झूठे आरोप में यिर्मयाह को पकड़ें और मार डालें। अच्छा हो कि हम उसकी बात पर ध्यान न दें।’
उसमें यह लिखा था : ‘आसपास की कौमों में इस बात की चर्चा हो रही है, और गेशेम भी यह कह रहे हैं, कि आप और यहूदी कौम विद्रोह करने का षड्यन्त्र रच रहे हैं, क्योंकि आप इसी उद्देश्य से शहरपनाह का निर्माण कर रहे हैं। मुझे खबर मिली है कि आप यहूदी कौम के राजा भी बनना चाहते हैं।
लेकिन कायरों, अविश्वासियों, नीचों, हत्यारों, व्यभिचारियों, ओझों, मूर्तिपूजकों और हर प्रकार के मिथ्यावादियों का अंत यह होगा − धधकती आग और गन्धक के कुण्ड में द्वितीय मृत्यु!”
और तू, मानव, उनसे मत डरना, और न उनके कठोर शब्दों से घबराना, चाहे तेरे आसपास कांटे, ऊंटकंटारे हों और चाहे तुझे बिच्छुओं के बीच रहना पड़े। तू उनकी बातों से मत डरना, और न उनकी तीखी दृष्टि से हताश होना; क्योंकि वे विद्रोही कुल की सन्तान हैं।
तूने किसके डर से भयभीत होकर मुझ से झूठ कहा; मुझे स्मरण नहीं किया, मेरा विचार भी नहीं किया? निस्सन्देह मैं बहुत समय तक चुप रहा, इसलिए तूने मुझ से डरना छोड़ दिया।
तब बात मेरी समझ में आई कि परमेश्वर ने शमायाह को नबूवत के लिए नहीं भेजा था। तोबियाह और सनबल्लत ने उसको रुपयों से खरीद लिया था, इसलिए उसने मेरे विरुद्ध झूठी नबूवत की।