30 इस प्रकार याजकों और लेवियों ने एक समारोह के द्वारा अपने अपने को शुद्ध किया। फिर एक समारोह के द्वारा उन्होंने लोगों, द्वारों और यरूशलेम के परकोटे को भी शुद्ध किया।
जब भोज-उत्सव के दिन समाप्त हो जाते, तब अय्यूब सन्देश भेजता और अपने पुत्रों को बुलवाकर उनको शुद्ध करता था। वह उनकी शुद्धि के लिए सबेरे उठता और अपने सात पुत्रों की गिनती के अनुसार, सात अग्नि-बलि चढ़ाता था, क्योंकि अय्यूब सोचता था, ‘यह हो सकता है कि मेरे पुत्रों ने पाप किया हो, और अपने हृदय में ईश-निन्दा की हो।’ अय्यूब प्रत्येक भोज-उत्सव पर हर बार ऐसा ही किया करता था।
तब निष्कासन से लौटे हुए इस्राएलियों ने उसका मांस खाया। उनके साथ उन लोगों ने भी खाया, जिन्होंने इस्राएली कौम के परमेश्वर ‘प्रभु’ की आराधना करने के लिए उस देश की जातियों की अशुद्धता से स्वयं को बचा कर रखा था।
राजा हिजकियाह ने उनसे कहा, ‘ओ लेवी-वंशजो, मेरी बात सुनो। अब तुम स्वयं को तथा अपने पूर्वजों के प्रभु परमेश्वर के भवन को शुद्ध करो, और पवित्र स्थान से गन्दगी को दूर करो।
प्रत्येक महापुरोहित मनुष्यों में से चुना जाता है और परमेश्वर-सम्बन्धी बातों में मनुष्यों का प्रतिनिधि नियुक्त किया जाता है, जिससे वह भेंट और पापों के प्रायश्चित की बलि चढ़ाये।
तत्पश्चात् मैंने उपपुरोहितों को आदेश दिया कि वे अपने को शुद्ध करें और प्रवेश-द्वारों पर पहरा देने के लिए वहां जाएं, जिससे विश्राम-दिवस की पवित्रता भंग न हो। हे परमेश्वर, मेरी भलाई के लिए यह कार्य भी स्मरण रखना; और अपने अत्यन्त करुणामय स्वभाव के अनुरूप मुझ पर दया करना।
किन्तु बलि-पशुओं की खाल उतारने के लिए पुरोहितों की संख्या कम पड़ गई। अत: उनके भाई-बन्धु उप-पुरोहितों ने काम पूरा करने में उनकी सहायता की। अन्य पुरोहितों ने भी काम पूरा करने के लिए स्वयं को शुद्ध किया। स्वयं को शुद्ध करने का उत्साह उप-पुरोहितों में पुरोहितों की अपेक्षा अधिक था।
याकूब ने अपने परिवार और उन सब लोगों से जो उसके साथ थे, कहा, ‘तुम्हारे मध्य में अन्य जातियों के देवताओं की मूर्तियाँ हैं। उन्हें हटा दो और अपने आपको शुद्ध करो। अपने वस्त्रों को बदल डालो।
बेत-गिलगाल नगर से, गेबा और अज्मावेत के क्षेत्रों से भी गायक एकत्र हुए; क्योंकि गायकों ने यरूशलेम के आसपास के क्षेत्रों में अपनी-अपनी बस्ती बसा ली थी।