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नहेम्याह 12:27 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

27 जब यरूशलेम की शहरपनाह की प्रतिष्‍ठा का समय आया, तब जगह-जगह उपपुरोहितों को ढूंढ़ा गया, ताकि उनको यरूशलेम में लाया जाए और शहरपनाह की प्रतिष्‍ठा का पर्व आनन्‍द-उल्‍लास से परमेश्‍वर को धन्‍यवाद देते हुए, झांझ, सारंगी, और वीणा के साथ गीत-भजन गाते हुए मनाया जाए।

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पवित्र बाइबल

27 लोगों ने यरूशलेम की दीवार का समर्पण किया। उन्होंने सभी लेवियों को यरूशलेम में बुलाया। सो लेवी जिस किसी नगर में भी रह रहे थे, वहाँ से वे आये। यरूशलेम की दीवार के समर्पण को मनाने के लिए वे यरूशलेम आये। परमेश्वर को धन्यवाद देने और स्तुतिगीत गाने के लिए लेवीवंशी वहाँ आये। उन्होंने अपनी झाँझ, सारंगी और वीणाएँ बजाईं।

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Hindi Holy Bible

27 और यरूशलेम की शहरपनाह की प्रतिष्ठा के समय लेवीय अपने सब स्थानों में ढूंढ़े गए, कि यरूशलेम को पहुंचाए जाएं, जिस से आनन्द और धन्यवाद कर के और झांझ, सारंगी और वीणा बजाकर, और गाकर उसकी प्रतिष्ठा करें।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

27 यरूशलेम की शहरपनाह की प्रतिष्‍ठा के समय लेवीय अपने सब स्थानों में ढूँढ़े गए कि यरूशलेम को पहुँचाए जाएँ, जिससे आनन्द और धन्यवाद करके और झाँझ, सारंगी और वीणा बजाकर, और गाकर उसकी प्रतिष्‍ठा करें।

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सरल हिन्दी बाइबल

27 येरूशलेम की शहरपनाह की प्रतिष्ठा के लिए उन्होंने सभी स्थानों से लेवियों को ढूंढ़ निकाला कि उन्हें येरूशलेम लाया जा सके, कि वे इस प्रतिष्ठा के उत्सव को आनंद में झांझों, सारंगी और वीणा बजाकर और धन्यवाद के गीतों को गाकर मना सकें.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

27 यरूशलेम की शहरपनाह की प्रतिष्ठा के समय लेवीय अपने सब स्थानों में ढूँढ़े गए, कि यरूशलेम को पहुँचाए जाएँ, जिससे आनन्द और धन्यवाद करके और झाँझ, सारंगी और वीणा बजाकर, और गाकर उसकी प्रतिष्ठा करें।

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नहेम्याह 12:27
34 क्रॉस रेफरेंस  

किसी ने यह बात राजा दाऊद को बताई, ‘प्रभु परमेश्‍वर ने अपनी मंजूषा के कारण ओबेद-एदोम के परिवार, तथा उसके पास जो कुछ है, उस पर आशिष की है।’ अत: दाऊद गया। वह आनन्‍द के साथ परमेश्‍वर की मंजूषा ओबेद-एदोम के घर से दाऊदपुर में ले आया।


राजा सुलेमान ने सहभागिता-बलि में प्रभु को बाईस हजार बैल, और एक लाख बीस हजार भेड़ें चढ़ाई। इस प्रकार राजा और इस्राएली लोगों ने प्रभु के भवन को प्रभु की महिमा के लिए अर्पित किया।


दाऊद और सब इस्राएली परमेश्‍वर के सम्‍मुख वीणा, सारंगी, डफ, झांझ और तुरहियों की ताल पर पूरे उत्‍साह से नाच रहे थे।


दाऊद ने उनसे यह कहा, ‘आप लोग लेवी पितृकुल के अगुए हैं। आप अपने आपको तथा अपने चचेरे भाई-बन्‍धुओं को शुद्ध करें। आप-सब इस्राएल के प्रभु परमेश्‍वर की मंजूषा को उठाकर उस स्‍थान पर लाएंगे जिसको मैंने मंजूषा के लिए तैयार किया है।


दाऊद ने उप-पुरोहितों के अगुओं को यह आदेश दिया कि वे अपने चचेरे भाई-बन्‍धुओं को गायक और वादक के पद पर नियुक्‍त करें। ये संगीतकार सारंगी, वीणा और झांझ बजाएंगे और उच्‍च स्‍वर में आनन्‍दपूर्वक गाएंगे।


यों सब इस्राएली प्रभु की विधान-मंजूषा को उठाकर ले चले। वे जय-जयकार कर रहे थे। वे नरसिंगे और तुरहियां फूंक रहे थे। वे झांझ बजा रहे थे। वे सारंगी और वीणा पर राग-रागिनियां बजा रहे थे।


तत्‍पश्‍चात् दाऊद ने हारून वंश के पुरोहितों तथा लेवी कुल के उपपुरोहितों को एकत्र किया:


हेमान और यदूतून के पास बजाने के लिए तुरहियां और झांझ थे। इनके अतिरिक्‍त पवित्र राग बजाने के लिए अन्‍य वाद्य यन्‍त्र भी थे। यदूतून के पुत्र द्वार पर नियुक्‍त थे।


आसाफ उनका अगुआ था। ये आसाफ के सहायक थे: जकर्याह, येईएल, शमीरामोट, यहीएल, मत्तित्‍याह, एलीआब, बनायाह, ओबेद-एदोम और यईएल। ये सारंगी और वीणा बजाते थे। आसाफ झांझ बजाता था।


चार हजार द्वारपाल और चार हजार गायक होंगे। ये गायक प्रभु की स्‍तुति के लिए बनाए गए मेरे वाद्ययन्‍त्रों पर प्रभु की स्‍तुति गाएंगे।’


हेब्रोन के वंशजों में यरियाह मुखिया था। (दाऊद के राज्‍य-काल के चालीसवें वर्ष हेब्रोन वंशजों के पारिवारिक इतिहास की खोज की गई थी। तब महाशक्‍तिशाली पुरुषों के नामों का पता चला। ये गिलआद क्षेत्र के गेजेर नगर के थे।)


जैसा कि राजा दाऊद, राजा दाऊद के द्रष्‍टा गाद तथा नबी नातान ने आदेश दिया था कि प्रभु के भवन में उप-पुरोहित स्‍तुति-गान के लिए नियुक्‍त किए जाएंगे और उनके हाथों में वाद्य-यन्‍त्र−झांझ, सारंगी और वीणा−रहेंगे, वैसा राजा हिजकियाह ने किया; क्‍योंकि स्‍वयं परमेश्‍वर ने इस प्रथा का आदेश अपने नबियों के माध्‍यम से दिया था।


इसके पश्‍चात् राजा हिजकियाह और उसके उच्‍चाधिकारियों ने उप-पुरोहितों को आदेश दिया कि वे राजा दाऊद तथा द्रष्‍टा आसाफ के रचे हुए गीतों से प्रभु का स्‍तुति-गान करें। अत: उप-पुरोहितों ने हर्ष और उल्‍लास से स्‍तुति-गान गाए, और राजा तथा उसके साथ उपस्‍थित आराधकों ने प्रभु के सम्‍मुख सिर झुकाकर आराधना की।


जब आराधक प्रभु की स्‍तुति और धन्‍यवाद में गीत गाते थे, तब उनके स्‍वर में स्‍वर मिलाकर ये गायक भी गाते और तुरही बजाने वाले पुरोहित तुरही बजाते थे। इस प्रकार गीत और संगीत में ताल-मेल बैठाना गायकों और इन पुरोहितों का काम था। अत: जब पुरोहित पवित्र स्‍थान से बाहर निकले, और जब तुरही और झांझ तथा अन्‍य वाद्य-यन्‍त्रों पर प्रभु की स्‍तुति में यह गीत गूंजा : ‘क्‍योंकि प्रभु भला है, और उसकी करुणा सदा की है,’ तब भवन, प्रभु का भवन एक मेघ से भर गया।


पुरोहित अपने निर्धारित स्‍थान पर सेवा-कार्य के लिए खड़े थे। लेवीय उपपुरोहित भी अपने-अपने हाथों में वाद्य-यन्‍त्र लिए हुए खड़े थे। ये वाद्य-यन्‍त्र राजा दाऊद ने प्रभु की महिमा के लिए, उसके नाम का गुणगान करने के लिए बनाए थे। जब राजा दाऊद का यह स्‍तुति-गान ‘प्रभु की करुणा सदा की है’ होता था, तब उपपुरोहित वाद्य-यन्‍त्र बजाते थे। अत: उपपुरोहितों ने वाद्य-यन्‍त्र बजाए। दूसरी ओर पुरोहित तुरहियां बजाते रहे। सब इस्राएली पास खड़े रहे।


तब इस्राएलियों, पुरोहितों, उपपुरोहितों और निष्‍कासन से लौटे हुए सब लोगों ने परमेश्‍वर के भवन का प्रतिष्‍ठापन- पर्व आनन्‍द-उल्‍लास से मनाया।


यहूदा प्रदेश के अन्‍य नगरों में शेष इस्राएली जनता, पुरोहित, और उपपुरोहित अपनी-अपनी निज पैतृक भूमि पर रहते थे।


उस समय लोगों ने बड़ी-बड़ी बलि चढ़ाई, और आनन्‍द मनाया; क्‍योंकि परमेश्‍वर ने उन्‍हें बहुत आनन्‍द मनाने का अवसर प्रदान किया था। स्‍त्रियों और बच्‍चों ने भी आनन्‍द मनाया। यरूशलेम का आनन्‍द-स्‍वर दूर-दूर तक सुनाई दे रहा था।


इस प्रकार समस्‍त धर्मसभा ने, अर्थात् उन सब लोगों ने, जो निष्‍कासन से लौटे थे, मण्‍डप बनाए और वे उनमें पर्व मनाने के लिए रहने लगे। यहोशुअ बेन-नून के समय से अब तक इस्राएलियों ने इस प्रकार पर्व नहीं मनाया था। अत: लोगों ने खूब उत्‍साह से यह पर्व मनाया।


वे नृत्‍य से प्रभु के नाम की स्‍तुति करें, डफ और सितार पर उसके लिए राग बजाएँ।


प्रभु, मैं तेरा गुणगान करूंगा; क्‍योंकि तूने मुझे ऊपर खींचा, और मेरे शत्रुओं को मुझपर हंसने नहीं दिया।


तू अपने पुत्र-पुत्रियों, सेवक-सेविकाओं, तथा तेरे नगर में रहने वाले लेवीय जन, तेरे मध्‍य में रहने वाले प्रवासियों, पितृहीनों, और विधवाओं के साथ, अपने प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख उस स्‍थान में आनन्‍द मनाना, जिसको तेरा प्रभु परमेश्‍वर स्‍वयं चुनेगा और अपने नाम को वहां प्रतिष्‍ठित करेगा।


‘उसके बाद शास्‍त्री सैनिकों से कहेंगे, “ऐसा कौन व्यक्‍ति है, जिसने नया घर बनाया, पर उसका गृह-प्रवेश नहीं हुआ? वह अपने घर लौट जाए। ऐसा न हो कि वह युद्ध में मर जाए, और दूसरा व्यक्‍ति गृह-प्रवेश करे।


आप लोग प्रभु में हर समय आनन्‍दित रहें। मैं फिर कहता हूँ, आनन्‍दित रहें।


जब मेमना पुस्‍तक ले चुका, तब चार प्राणी तथा चौबीस धर्मवृद्ध मेमने के सामने गिर पड़े। प्रत्‍येक धर्मवृद्ध के हाथ में वीणा थी और धूप से भरे स्‍वर्ण पात्र भी-ये सन्‍तों की प्रार्थनाएँ हैं।


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