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दानिय्येल 3:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 राजा नबूकदनेस्‍सर ने सोने की एक विशाल मूर्ति बनवाई। वह प्राय: पचीस मीटर ऊंची और अढ़ाई मीटर चौड़ी थी। उसने मूर्ति को बेबीलोन देश के दूरा नामक मैदान में स्‍थापित किया।

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पवित्र बाइबल

1 राजा नबूकदनेस्सर ने सोने की एक प्रतिमा बनवा रखी थी। वह प्रतिमा साठ हाथ ऊँची और छ: हाथ चौड़ी थी। नबूकदनेस्सर ने उस प्रतिमा को बाबुल प्रदेश में दूरा के मैदान में स्थापित कर दिया

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Hindi Holy Bible

1 नबूकदनेस्सर राजा ने सोने की एक मूरत बनवाई, जिनकी ऊंचाई साठ हाथ, और चौड़ाई छ: हाथ की थी। और उसने उसको बाबुल के प्रान्त के दूरा नाम मैदान में खड़ा कराया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 नबूकदनेस्सर राजा ने सोने की एक मूरत बनवाई, जिसकी ऊँचाई साठ हाथ, और चौड़ाई छ: हाथ की थी। उसने उसको बेबीलोन के प्रान्त के दूरा नामक मैदान में खड़ा कराया।

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सरल हिन्दी बाइबल

1 राजा नबूकदनेज्ज़र ने एक सोने की मूर्ति बनवाई, जिसकी ऊंचाई लगभग 25 मीटर और चौड़ाई अढ़ाई मीटर थी, और उसने उसे बाबेल प्रदेश में दूरा के मैदान में स्थापित किया.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

1 नबूकदनेस्सर राजा ने सोने की एक मूरत बनवाई, जिसकी ऊँचाई साठ हाथ, और चौड़ाई छः हाथ की थी। और उसने उसको बाबेल के प्रान्त के दूरा नामक मैदान में खड़ा कराया।

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दानिय्येल 3:1
29 क्रॉस रेफरेंस  

अत: राजा यारोबआम ने सोच-विचार किया। तत्‍पश्‍चात् उसने बछड़े की दो स्‍वर्ण प्रतिमाएं बनाईं, और लोगों से यह कहा, ‘ओ इस्राएल प्रदेश के नागरिको! तुम बहुत बार यरूशलेम जा चुके हो। अब देखो! यह है तुम्‍हारा ईश्‍वर, जिसने तुम्‍हें मिस्र देश से बाहर निकाला था।’


सम्राट क्षयर्ष भारतवर्ष से इथियोपिआ देश तक एक सौ सत्ताईस प्रदेशों पर राज्‍य करता था। उसके राज्‍यकाल में यह घटना घटी :


राष्‍ट्रों की मूर्तियां सोना और चांदी हैं: वे मनुष्‍य के हाथों का काम हैं।


तुम चांदी के देवता न बनाना कि तुम मेरे साथ उनकी भी आराधना करो; और न अपने लिए स्‍वर्ण-देवता बनाना।


अत: मूसा प्रभु के पास लौटे। मूसा ने कहा, ‘आह! इन लोगों ने घोर पाप किया है। इन्‍होंने अपने लिए सोने का देवता बनाया है।


उस दिन मनुष्‍य सोने-चांदी की मूर्तियों को, जो उन्‍होंने पूजा करने के लिए बनाई थीं, छछून्‍दरों और चमगादड़ों के सामने फेंक देंगे;


तुम देवी-देवताओं की सोना-चांदी से मढ़ी हुई मूर्तियां अशुद्ध करोगे, और उन्‍हें कचरे की तरह फेंक दोगे। तुम उनसे यह कहोगे, “हटो यहां से।”


मूर्ति पूजक थैली से सोना निकालते, और तराजू पर चांदी तौलते। वे सुनार को काम पर लगाते, और वह सोना-चांदी की एक मूर्ति बना देता है। तब वे उसके सम्‍मुख भूमि पर लेटकर उसकी वंदना करते, उसकी पूजा करते हैं।


मूर्तियों के आभूषण के लिए तर्शीश देश से चांदी की पत्तियां और उफाज देश से सोना लाया जाता है। मूर्तियां कारीगर के हाथों का काम है, सुनार के हाथों की कारीगरी है। मूर्तियों के वस्‍त्र नीले और बैंगनी रंग के हैं। पर यह सब कुशल कारीगर के हाथ से बनाई गई है।


क्‍या मनुष्‍य अपने लिए देवताओं की रचना कर सकता है? क्‍या ऐसे देवता ईश्‍वर हो सकते हैं? निस्‍सन्‍देह नहीं।’


राजा नबूकदनेस्‍सर ने दानिएल को अपने दरबार में उच्‍च पद पर नियुक्‍त किया और उसे अनेक बहुमूल्‍य उपहार दिए। उसने दानिएल को बेबीलोन देश के समस्‍त क्षेत्र पर शासक नियुक्‍त कर दिया और उसे बेबीलोन की दरबारी विद्वान-मंडली का अध्‍यक्ष बना दिया।


दानिएल के निवेदन पर राजा नबूकदनेस्‍सर ने शद्रक, मेशक और अबेदनगो को बेबीलोन देश के शासन-कार्यों की व्‍यवस्‍था करने के लिए नियुक्‍त किया। पर स्‍वयं दानिएल राजदरबार में ही रहता था।


नबूकदनेस्‍सर ने उनसे पूछा, ‘शद्रक, मेशक और अबेदनगो, क्‍या यह सच है कि तुम न तो मेरे देवताओं की सेवा-आराधना करते हो, और न मेरे द्वारा स्‍थापित स्‍वर्ण-मूर्ति के प्रति सम्‍मान प्रकट करते हो?


तब राजा नबूकदनेस्‍सर ने बेबीलोन देश में शद्रक, मेशक और अबेदनगो की पदोन्नति कर दी।


तुमने स्‍वर्ग में विराजमान अधिपति के प्रति अहंकार में सिर उठाया और उसके मन्‍दिर के पवित्र पात्र तुम्‍हारे सम्‍मुख प्रस्‍तुत किए गए, और तुमने, तुम्‍हारे सामन्‍तों ने, तुम्‍हारी रानियों और रखेलों ने उन पात्रों में शराब डाल कर पी। तुमने शराब पीकर चांदी-सोना, पीतल, लोहे, लकड़ी और पाषाण के देवताओं की मूर्तियों की स्‍तुति की, जो न तो देख सकती हैं, न सुन सकती हैं, और न कुछ समझती ही हैं। ओ बेलशस्‍सर! जिस परमेश्‍वर के हाथ में तुम्‍हारे प्राण हैं, जो तुम्‍हारे जीवन को अपने नियंत्रण में रखता है, उसका सम्‍मान तुमने नहीं किया।


वे शराब पीकर स्‍वर्ण, चांदी, पीतल, लोहे, लकड़ी और पाषाण की देवताओं की मूर्तियों की स्‍तुति करने लगे।


वह नहीं जानती थी कि मैं ही उसको अन्न, अंगूर-रस और तेल देता था। मैंने ही उसके सोना-चांदी की समृद्धि की थी, जिसको उन्‍होंने बअल देवता के लिए प्रयुक्‍त किया।


तुम राजा चुनते हो, पर मेरे माध्‍यम से नहीं। तुम शासक नियुक्‍त करते हो, पर बिना मेरी जानकारी के। तुम अपने ही विनाश के लिए सोना-चांदी की मूर्तियाँ बनाते हो।


धिक्‍कार है तुझे! तू लकड़ी की प्रतिमा से कहता है “जाग!” तू गूंगे पत्‍थर से कहता है : “उठ!” क्‍या यह तुझे सिखा सकता है? यद्यपि उस पर सोना-चांदी मढ़ा है, तथापि उसमें प्राण कहाँ है?’


यदि हम परमेश्‍वर की संतान हैं, तो हमें यह नहीं समझना चाहिए कि परमात्‍मा सोने, चाँदी या पत्‍थर की मूर्ति के सदृश है, जो मनुष्‍य की कला तथा कल्‍पना की उपज है।


लेकिन आप देखते और सुनते हैं कि उस पौलुस ने न केवल इफिसुस में, बल्‍कि प्राय: समस्‍त आसिया में बहुत-से लोगों को समझा-बुझा कर बहका दिया है। उसका कहना है कि हाथ के बनाये हुए देवता, देवता नहीं हैं।


‘तू उनके देवताओं की मूर्तियाँ आग में जला डालना। मूर्तियों पर मढ़े हुए सोना-चांदी का लालच मत करना, और न उसको लेना। ऐसा न हो कि तू मूर्तियों के फन्‍दे में फंस जाए, क्‍योंकि यह तेरे प्रभु परमेश्‍वर के लिए घृणित बात है।


शेष मनुष्‍यों ने-जो इन विपत्तियों द्वारा नहीं मारे गये थे-अपने हाथों के कर्मों के लिए पश्‍चात्ताप नहीं किया। वे भूत-प्रेतों की पूजा करते रहे और सोना, चाँदी, पीतल, पत्‍थर और लकड़ी की उन देवमूर्तियों की भी, जो न तो देख सकती हैं, न सुन और चल सकती हैं।


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