11 महाराज, आप वह काम करने को कह रहे हैं, जे असम्भव है। बस राजा को उसके सपने के बारे में और उसके फल के बारे में देवता ही बता सकते हैं। किन्तु देवता तो लोगों के बीच नहीं रहते।”
आपके राज्य में एक ऐसा व्यक्ति है जिसमें पवित्र परमेश्वर का आत्मा निवास करता है। आपके पिता के राज्यकाल में एक ऐसी घटना घटी थी जिससे यह पता चला कि उस व्यक्ति में ज्योति और समझ है, देवताओं की बुद्धि के सदृश उसमें भी बुद्धि है। अत: आपके पिता राजा नबूकदनेस्सर ने उसको ज्योतिषियों, तांत्रिकों, कसदी पंडितों और शकुन विचारनेवालों का मुखिया बना दिया था;
परमेश्वर के मन्दिर का देवमूर्तियों से क्या समझौता? क्योंकि हम जीवन्त परमेश्वर के मन्दिर हैं, जैसा कि परमेश्वर ने कहा है : “मैं उन के बीच निवास करूँगा और उनके साथ चलूँगा। मैं उनका परमेश्वर होऊंगा और वे मेरी प्रजा होंगे।
येशु ने उसे उत्तर दिया, “जो मुझ से प्रेम करेंगे, वे मेरे वचन का पालन करेंगे और मेरा पिता उन से प्रेम करेगा और हम उनके पास आएँगे और उनके साथ निवास करेंगे।
वह सत्य का आत्मा है, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह उसे न तो देखता है और न जानता है। तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है और तुम में रहेगा।
सर्वोच्च और महान परमेश्वर, जिसका नाम पवित्र है, जो अनन्तकाल तक जीवित है, यह कहता है : ‘मैं उच्च और पवित्र स्थान में निवास करता हूं, पर मैं उसके साथ भी विद्यमान रहता हूं जिसकी आत्मा विदीर्ण और विनम्र है। मैं उस विनम्र व्यक्ति की आत्मा को संजीव करता हूं, और उसके विदीर्ण हृदय को पुनर्जीवित।
तब मुझे सिंहासन से एक गम्भीर वाणी यह कहते सुनाई पड़ी, “देखो, यह है मनुष्यों के बीच परमेश्वर का निवास! वह उनके बीच निवास करेगा। वे उसकी प्रजा होंगे और परमेश्वर स्वयं उनके बीच रह कर उनका अपना परमेश्वर होगा।
‘हे परमेश्वर, क्या तू मानव के साथ पृथ्वी पर रह सकता है? देख, ऊंचे से ऊंचा आकाश भी तुझे नहीं समा सकता। तब तू मेरे इस भवन में जिसको मैंने बनाया है, कैसे समाएगा?
सबेरे उसकी आत्मा व्याकुल थी। उसने दूत भेजकर अपने सब तान्त्रिकों और विद्वानों को बुलाया। फरओ ने उनको अपने स्वप्न सुनाए। पर कोई भी फरओ को उनका अर्थ न बता सका।
तू अपने अनेक टोने-टोटकों को, भारी-भारी तन्त्र-मन्त्र को, जिनका अभ्यास तू बचपन से कर रही है, अब उनको उपयोग में ला; सम्भवत: वे सफल हो जाएं, हो सकता है, तू उनसे आतंक फैला दे।