दानिय्येल 1:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)19 राजा नबूकदनेस्सर ने उन जवानों से बात-चीत की और उसे यह अनुभव हुआ कि दानिएल, हनन्याह, मीशाएल और अजर्याह उन सब जवानों में सर्वश्रेष्ठ हैं। अत: उसने उन्हें अपनी सेवा में नियुक्त कर दिया। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल19 राजा ने पाया कि उनमें से कोई भी युवक उतना अच्छा ही था जितने दानिय्येल, हनन्याह, मीशाएल और अजर्याक थे। सो वे चारों युवक राजा के सेवक बना दिये गये। अध्याय देखेंHindi Holy Bible19 और राजा उन से बातचीत करने लगा; और दानिय्येल, हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह के तुल्य उन सब में से कोई न ठहरा; इसलिये वे राजा के सम्मुख हाजिर रहने लगे। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)19 राजा उन से बातचीत करने लगा; और दानिय्येल, हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह के तुल्य उन सब में से कोई न ठहरा; इसलिये वे राजा के सम्मुख हाज़िर रहने लगे। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल19 राजा ने सब जवानों से बातें की और उसकी नजर में दानिएल, हननियाह, मिषाएल और अज़रियाह के बराबर कोई अन्य जवान न ठहरा; इसलिये वे राजा की सेवा में चुन लिये गए. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201919 और राजा उनसे बातचीत करने लगा; और दानिय्येल, हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह के तुल्य उन सब में से कोई न ठहरा; इसलिए वे राजा के सम्मुख हाजिर रहने लगे। अध्याय देखें |
अत: प्रभु ने मुझसे यों कहा: ‘ओ यिर्मयाह, यदि तू पश्चात्ताप करे और मेरे पास लौटे तो मैं तुझे पुन: स्वीकार करूंगा; तुझे फिर अपनी सेवा में लूंगा। यदि तू केवल मेरे अनमोल वचन बोलेगा, और निरर्थक वचन नहीं कहेगा, तो तू निस्सन्देह मेरा मुंह कहलाएगा! तब लोग तेरी ओर लौटेंगे, और तुझे उनके पास लौटना न पड़ेगा।
वे जवान होने चाहिए तथा उनमें किसी प्रकार का शारीरिक दोष न हो। वे देखने में सुन्दर हों और सब प्रकार से बुद्धिमान हों। वे ज्ञान से परिपूर्ण और विद्वान हों। वे राजभवन में सेवा करने के योग्य हों। जब वे बेबीलोन में आ जायें तब उन्हें कसदी कौम का साहित्य और भाषा सिखाना।’ मुख्य खोजा अशपनज ने राजा नबूकदनेस्सर के आदेश का पालन किया।
इसलिए मैं यह राजाज्ञा प्रसारित करता हूं : यदि किसी भी कौम, राष्ट्र और भाषा का व्यक्ति शद्रक, मेशक और अबेदनगो के परमेश्वर के विरुद्ध कुछ कहेगा, तो उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े किए जाएंगे, और उसका घर खण्डहर बना दिया जाएगा; क्योंकि उनके परमेश्वर के अतिरिक्त और कोई ईश्वर नहीं है जो इस ढंग से अपने सेवकों को बचा सके।’