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तीतुस 1:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

16 वे परमेश्‍वर को जानने का दावा तो करते हैं, किन्‍तु अपने कर्मों द्वारा उसे अस्‍वीकार करते हैं। वे घृणित, अवज्ञाकारी और किसी भी भले काम के नितान्‍त अयोग्‍य हैं।

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पवित्र बाइबल

16 वे परमेश्वर को जानने का दावा करते हैं। किन्तु उनके कर्म दर्शाते हैं कि वे उसे जानते ही नहीं। वे घृणित और आज्ञा का उल्लंघन करने वाले हैं। तथा किसी भी अच्छे काम को करने में वे असमर्थ हैं।

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Hindi Holy Bible

16 वे कहते हैं, कि हम परमेश्वर को जानते हैं: परअपने कामों से उसका इन्कार करते हैं, क्योंकि वे घृणित और आज्ञा न मानने वाले हैं: और किसी अच्छे काम के योग्य नहीं॥

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

16 वे कहते हैं कि हम परमेश्‍वर को जानते हैं, पर अपने कामों से उसका इन्कार करते हैं; क्योंकि वे घृणित और आज्ञा न माननेवाले हैं, और किसी अच्छे काम के योग्य नहीं।

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नवीन हिंदी बाइबल

16 वे परमेश्‍वर को जानने का दावा तो करते हैं परंतु अपने कार्यों से उसका इनकार करते हैं। वे घृणित, आज्ञा न माननेवाले और किसी भले कार्य के योग्य नहीं हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

16 वे परमेश्वर को जानने का दावा तो अवश्य करते हैं परंतु उनके काम इसे गलत साबित करते हैं. वे घृणित, अवज्ञाकारी और किसी भी भले काम के योग्य नहीं हैं.

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तीतुस 1:16
27 क्रॉस रेफरेंस  

जो कहता है कि मैं उसे जानता हूँ किन्‍तु उसकी आज्ञाओं का पालन नहीं करता, वह झूठा है और उस में सत्‍य नहीं है।


स्‍वामी ने यह कहा, “ये लोग केवल मुंह से मेरी आराधना करते हैं, केवल ओंठों से मेरा सम्‍मान करते हैं; किन्‍तु इनका हृदय मुझसे दूर है। ये दूसरों के आदेश से मेरी भक्‍ति करते हैं; इनकी भक्‍ति रटी-रटाई, सीखी हुई है।


कोई निरर्थक तर्कों से आप लोगों को धोखा न दे। इन बातों के कारण परमेश्‍वर का क्रोध विद्रोही लोगों पर आ पड़ता है।


वे झुण्‍ड के झुण्‍ड तेरे पास आते हैं। वे मेरे निज लोगों के समान तेरे सामने बैठते हैं। वे तेरी बातें सुनते हैं, पर मेरे सन्‍देश के अनुसार आचरण नहीं करते। “वाह! कितने सुन्‍दर वचन हैं!” , वे मुंह से यह कहते हैं, किन्‍तु उनका हृदय स्‍वार्थ में डूबा हुआ है।


क्‍योंकि कुछ व्यक्‍ति आप लोगों के बीच छिप कर घुस आये हैं। इन धर्मद्रोही लोगों की दण्‍डाज्ञा प्राचीन काल से धर्मग्रन्‍थ में लिखी हुई है। ये धर्मद्रोही हमारे परमेश्‍वर की कृपा को विलासिता का बहाना बनाते और हमारे एकमात्र स्‍वामी एवं प्रभु येशु मसीह को अस्‍वीकार करते हैं।


उन्‍होंने परमेश्‍वर का सच्‍चा ज्ञान प्राप्‍त करना उचित नहीं समझा, इसलिए परमेश्‍वर ने उन्‍हें उनकी भ्रष्‍ट बुद्धि पर छोड़ दिया, जिससे वे अनुचित आचरण करने लगे।


लेकिन उस में न तो कोई अपवित्र वस्‍तु प्रवेश कर पायेगी और न कोई ऐसा व्यक्‍ति, जो घृणित काम करता या झूठ बोलता है। वे ही प्रवेश कर पायेंगे, जिनके नाम मेमने के जीवन-ग्रन्‍थ में अंकित हैं।


किन्‍तु शमूएल ने यह कहा : ‘जैसे प्रभु अपनी आज्ञा का पालन किये जाने पर प्रसन्न होता है, क्‍या वैसे वह अग्‍नि-बलि और पशुओं की बलि से प्रसन्न होता है? देख, प्रभु की आज्ञा मानना पशु की बलि चढ़ाने से श्रेष्‍ठ है! उसकी बात पर ध्‍यान देना मेढ़े की चर्बी चढ़ाने से उत्तम है।


लेकिन कायरों, अविश्‍वासियों, नीचों, हत्‍यारों, व्‍यभिचारियों, ओझों, मूर्तिपूजकों और हर प्रकार के मिथ्‍यावादियों का अंत यह होगा − धधकती आग और गन्‍धक के कुण्‍ड में द्वितीय मृत्‍यु!”


यदि कोई व्यक्‍ति अपने सम्‍बन्‍धियों की, विशेष कर अपने निजी परिवार की देख-रेख नहीं करता, वह विश्‍वास को त्‍याग चुका और अविश्‍वासी से भी बुरा है।


वे प्रतिदिन मुझे ढूंढ़ते हैं; वे मेरे मार्ग जानने की इच्‍छा प्रकट करते हैं; मानो वे धर्म-कर्म करनेवाला राष्‍ट्र हैं, जिसने अपने ईश्‍वर के न्‍याय-सिद्धान्‍तों का परित्‍याग नहीं किया है। वे मुझ से धर्म के नियम पूछते हैं। वे मुझ-परमेश्‍वर के समीप आते, और प्रसन्न होते हैं।


ओ याकूब के वंशजो, मेरी यह बात सुनो। तुम इस्राएल के नाम से पुकारे जाते हो, तुम यहूदा के वंश में उत्‍पन्न हुए हो। तुम प्रभु के नाम की शपथ खाते हो, तुम इस्राएल के परमेश्‍वर के नाम को स्‍मरण करते हो, पर सच्‍चाई से नहीं, धार्मिकता से नहीं।


शाऊल ने शमूएल से कहा, ‘मैंने पाप किया है। मैंने प्रभु की आज्ञा का, आपके वचन का, उल्‍लंघन किया। मैं सैनिकों से डर गया था। इसलिए मैंने उनकी बात सुनी।


तब उसके सम्‍मुख मनुष्‍य, जो जन्‍म से घृणास्‍पद और भ्रष्‍ट है, जो पाप को पानी की तरह पीता है, कितना अशुद्ध होगा!


हमें याद रहे कि व्‍यवस्‍था धर्मियों के लिए निर्धारित नहीं हुई, बल्‍कि उपद्रवी और निरंकुश लोगों के लिए, विधर्मियों और पापियों, नास्‍तिकों और धर्मविरोधियों, मातृ-पितृ-घातकों, हत्‍यारों,


यह परमेश्‍वर के शब्‍द सुननेवाले व्यक्‍ति की वाणी है, जो सर्वोच्‍च के ज्ञान को जाननेवाला ज्ञानी है, जो सर्वशक्‍तिमान के दर्शन को देखनेवाला दर्शी है, जो गिरता है, जिसकी आंखें खुली रहती हैं :


वे खोटी चांदी कहलाते हैं, क्‍योंकि प्रभु ने उनको त्‍याग दिया है।


संसार में कुछ मनुष्‍य हैं जो स्‍वयं को अपनी दृष्‍टि में शुद्ध मानते हैं; किन्‍तु वे गन्‍दे हैं। उनकी गन्‍दगी धुली नहीं है।


हमने प्रभु को अस्‍वीकार किया; उसके प्रति अपराध किया; अपने परमेश्‍वर का अनुसरण करना छोड़ दिया, उससे अपना मुंह फेर लिया। हमने अत्‍याचार और विरोध की बातें कहीं, हमने मन में झूठी बातें गढ़ीं, और उनको अपने मुंह से निकाला भी।


यद्यपि यरूशलेम-निवासी मुझ-जीवन्‍त परमेश्‍वर की शपथ खाते हैं, पर उनकी शपथ झूठी होती है।’


सच है कि तूने उनको रोपा है, और उन्‍होंने जड़ पकड़ ली है। वे दिन-प्रतिदिन बढ़ते हैं, और फलते- फूलते हैं। वे मुंह से तेरा नाम जपते हैं, पर हृदय से तुझको दूर रखते हैं।


जिससे परमेश्‍वर का भक्‍त सुयोग्‍य और हर-प्रकार के सत्‍कार्य के लिए उपयुक्‍त बन जाये।


लोगों को याद दिलाओ कि शासकों तथा अधिकारियों के अधीन रहना और उनकी आज्ञाओं का पालन करना उनका कर्त्तव्‍य है। वे हर प्रकार के सत्‍कर्म के लिए तत्‍पर रहें,


क्‍योंकि हम भी तो पहले नासमझ, अवज्ञाकारी, भटके हुए, हर प्रकार की वासनाओं और भोगों के वशीभूत थे। हम विद्वेष और ईष्‍र्या में जीवन बिताते थे। हम घृणित थे और एक दूसरे से बैर करते थे।


हमारे पर का पालन करें:

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