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गिनती 10:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

29 मूसा ने अपने ससुर होबाब से, जो मिद्यानी रऊएल का पुत्र था, कहा, ‘हम उस स्‍थान की ओर प्रस्‍थान कर रहे हैं, जिसके विषय में प्रभु ने कहा है, “मैं उसको तुम्‍हें दूंगा।” आप भी हमारे साथ चलिए। हम आप की भलाई करेंगे; क्‍योंकि प्रभु ने इस्राएल की भलाई करने का वचन दिया है।’

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पवित्र बाइबल

29 रूएल का पुत्र होबाब मिद्यानी था। (रूएल मूसा का ससुर था।) मूसा ने होबाब से कहा, “हम लोग उस देश की यात्रा कर रहे हैं जिसे परमेस्वर ने हम लोगों को देने का वचन दिया है। इसलिए हम लोगों के साथा आओ, हम लोग तुम्हारे साथ अच्छा व्यवहार करेंगे। परमेस्वर ने इस्राएल के लोगों को अच्छी चीजें देने का वचन दिया है।”

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Hindi Holy Bible

29 और मूसा ने अपने ससुर रूएल मिद्यानी के पुत्र होबाब से कहा, हम लोग उस स्थान की यात्रा करते हैं जिसके विषय में यहोवा ने कहा है, कि मैं उसे तुम को दूंगा; सो तू भी हमारे संग चल, और हम तेरी भलाई करेंगे; क्योंकि यहोवा ने इस्त्राएल के विषय में भला ही कहा है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

29 मूसा ने अपने ससुर रूएल मिद्यानी के पुत्र होबाब से कहा, “हम लोग उस स्थान की यात्रा करते हैं जिसके विषय में यहोवा ने कहा है कि मैं उसे तुम को दूँगा; इसलिये तू भी हमारे संग चल, और हम तेरी भलाई करेंगे; क्योंकि यहोवा ने इस्राएल के विषय में भला ही कहा है।”

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सरल हिन्दी बाइबल

29 अंत में मोशेह ने अपनी पत्नी के भाई, होबाब से, अर्थात् अपने मिदियानी ससुर रियुएल के पुत्र से कहा, “हम उस स्थान की ओर आगे बढ़ रहे हैं, जिसका वर्णन याहवेह ने इन शब्दों में किया था: ‘यह मैं तुम्हें दे दूंगा.’ तुम भी हमारे साथ आ जाओ. हम तुम्हारा ध्यान रखेंगे; क्योंकि याहवेह ने इस्राएल की भलाई की प्रतिज्ञा की है.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

29 मूसा ने अपने ससुर रूएल मिद्यानी के पुत्र होबाब से कहा, “हम लोग उस स्थान की यात्रा करते हैं जिसके विषय में यहोवा ने कहा है, ‘मैं उसे तुम को दूँगा’; इसलिए तू भी हमारे संग चल, और हम तेरी भलाई करेंगे; क्योंकि यहोवा ने इस्राएल के विषय में भला ही कहा है।”

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गिनती 10:29
31 क्रॉस रेफरेंस  

प्रभु ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, ‘मैं यह देश तेरे वंश को दूँगा।’ अत: अब्राम ने प्रभु के लिए, जिसने उन्‍हें दर्शन दिया था, वहाँ एक वेदी बनाई।


यह सारा देश, जो तू देख रहा है, मैं तुझे और तेरे वंश को युग-युगान्‍त के लिए दूँगा।


प्रभु ने उसी दिन अब्राम के साथ विधान का संबंध स्‍थापित किया। उसने कहा, ‘मैं तेरे वंश को यह देश, अर्थात् मिस्र देश की नदी से महानदी फरात तक की भूमि देता हूं,


मैं तुझे और तेरे पश्‍चात् तेरे वंश को स्‍थायी अधिकार के लिए समस्‍त कनान देश दूँगा, जिस पर अभी तू प्रवासी है। मैं उनका भी परमेश्‍वर हूँगा।’


तूने कहा था, “मैं तेरे साथ भलाई करूँगा, और तेरे वंश को समुद्र के रेतकणों के सदृश असंख्‍य बनाऊंगा, जिनका अधिकता के कारण गिनना असम्‍भव होता है।” ’


पृथ्‍वी के लोगो, प्रभु का जयघोष करो!


परखकर देखो कि प्रभु कितना भला है। धन्‍य है वह व्यक्‍ति जो प्रभु की शरण में आता है।


आओ, हम प्रभु का जय-जयकार करें; अपने उद्धार की चट्टान का जयघोष करें।


मूसा के ससुर, मिद्यान देश के पुरोहित यित्रो ने उन सब कार्यों के विषय में सुना जो परमेश्‍वर ने मूसा और अपने निज लोग इस्राएल के लिए किये थे। यित्रो ने सुना कि प्रभु इस्राएलियों को मिस्र देश से निकाल लाया है।


तत्‍पश्‍चात् मूसा के ससुर यित्रो ने परमेश्‍वर को अग्‍नि-बलि एवं पशु-बलि चढ़ाई। हारून तथा इस्राएल के सब धर्मवृद्ध मूसा के ससुर के साथ परमेश्‍वर के सम्‍मुख रोटी खाने आए।


मूसा ने अपने ससुर को विदा किया। यित्रो अपने देश चला गया।


वे अपने पिता रूएल के पास आईं। उसने पूछा, ‘आज तुम लोग इतने शीघ्र कैसे आ गईं?’


मूसा रूएल के साथ रहने को सहमत हो गए। उसने मूसा के साथ अपनी पुत्री सिप्‍पोरा का विवाह कर दिया।


एक दिन मूसा अपने ससुर यित्रो, मिद्यान देश के पुरोहित, की भेड़-बकरियां चरा रहे थे। वह उन्‍हें निर्जन प्रदेश की पश्‍चिम दिशा में ले गए। वह परमेश्‍वर के पर्वत होरेब के पास आए।


मैं मिस्र-निवासियों के हाथ से उन्‍हें मुक्‍त करने के लिए, इस देश से निकालकर उन्‍हें एक अच्‍छे और विशाल देश में, ऐसे देश में जहां दूध और शहद की नदियां बहती हैं, अर्थात् कनानी, हित्ती, अमोरी, परिज्‍जी, हिव्‍वी और यबूसी जातियों के देश में ले जाने के लिए उतर आया हूं।


मैंने उनके साथ अपना विधान स्‍थापित किया कि मैं उनको कनान देश प्रदान करूंगा, जिसमें वे प्रवासी होकर निवास करते थे।


देश-देश के लोग वहाँ जाएंगे और यह कहेंगे : ‘आओ, हम प्रभु के पर्वत पर चढ़ें; आओ, हम याकूब के परमेश्‍वर के भवन की ओर चलें, ताकि प्रभु हमें अपना मार्ग सिखाए, और हम उसके सिखाए हुए मार्ग पर चलें।’ सियोन पर्वत से प्रभु की व्‍यवस्‍था प्रकट होगी, यरूशलेम नगर से ही प्रभु का शब्‍द सुनाई देगा।


वे सियोन की ओर उन्‍मुख हो, यह पूछेंगे, “सियोन का मार्ग कौन-सा है?” वे परस्‍पर यह कहेंगे, “आओ, हम प्रभु के साथ शाश्‍वत विधान स्‍थापित करें, जो कभी भुलाया न जा सकेगा। आओ, हम प्रभु से मेल-मिलाप कर लें।”


जब-जब इस्राएल वंशियों ने अपने-अपने दल के साथ प्रस्‍थान किया, तब-तब उनका प्रस्‍थान-क्रम यही था।


परमेश्‍वर मनुष्‍य नहीं है कि वह झूठ बोले, और न वह मनुष्‍य का पुत्र है कि पश्‍चात्ताप करे! जो उसने कहा, क्‍या वह उसको न करे? जो वह बोले, क्‍या वह उसको पूर्ण न करे?


इस देश में परमेश्‍वर ने उन्‍हें विरासत के रूप में पैर रखने को भी जगह नहीं दी; किन्‍तु उसने प्रतिज्ञा की कि मैं यह देश तुम्‍हारे अधिकार में और तुम्‍हारे पश्‍चात् तुम्‍हारे वंश के अधिकार में कर दूंगा, यद्यपि उस समय अब्राहम के कोई सन्‍तान नहीं थी।


तेरा प्रभु परमेश्‍वर तेरे लोगों को उस देश में लाएगा जिस पर उनके पूर्वजों का अधिकार था, ताकि वे उस पर पुन: अधिकार करें। वह उनके पूर्वजों से अधिक उन्‍हें समृद्ध और असंख्‍य करेगा।


इसलिए तू उसकी संविधियों और आज्ञाओं का पालन करना, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूं, जिससे तेरा और तेरे पश्‍चात् तेरी सन्‍तान का भला हो, और तू उस देश में दीर्घ जीवन व्‍यतीत करे, जिसको तेरा प्रभु परमेश्‍वर सदा के लिए तुझे प्रदान कर रहा है।’


और शाश्‍वत जीवन की आशा का आधार है। सत्‍यवादी परमेश्‍वर ने अनादि काल से इस जीवन की प्रतिज्ञा की थी।


वह इन दो अपरिवर्तनीय कार्यों, अर्थात् प्रतिज्ञा और शपथ में, झूठा प्रमाणित नहीं हो सकता। इस से हमें, जिन्‍होंने परमेश्‍वर की शरण ली है, यह प्रबल प्रेरणा मिलती है कि हमें जो आशा दिलायी गयी है, हम उसे धारण किये रहें।


आत्‍मा तथा वधू, दोनों कहते हैं, “आइए।” जो सुनता है, वह उत्तर दे, “आइए।” जो प्‍यासा है, वह आये। जो चाहता है, वह उपहार में संजीवन जल ग्रहण करे।


मूसा का ससुर होबाब केनी जाति का था। उसके वंशज यहूदा-वंशीय लोगों के साथ खजूर के नगर से यहूदा के निर्जन प्रदेश में गए। यह अराद नगर के निकट नेगेब प्रदेश में है। वे वहाँ के निवासियों के साथ। रहने लगे।


केनी जाति के हेबर नामक पुरुष ने अन्‍य केनी-वंशजों से संबंध-विच्‍छेद कर लिया था। वह मूसा के ससुर होबाब के पुत्रों के गोत्र से भी अलग हो गया था। उसने केदश के समीप स-अन्नीम के बांजवृक्ष के पास पड़ाव डाला था।


शाऊल ने केनी जाति के लोगों से कहा, ‘जाओ, अमालेकियों के मध्‍य से निकल जाओ। यहाँ से चले जाओ। ऐसा न हो कि मैं अमालेकियों के साथ तुम्‍हारा भी अन्‍त कर दूँ। जब इस्राएली मिस्र देश से बाहर निकले थे तब तुमने उनके साथ प्रेमपूर्ण व्‍यवहार किया था।’ अत: केनी अमालेकियों के मध्‍य से निकलकर चले गए।


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