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एस्तेर 6:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 उस रात सम्राट क्षयर्ष सो न सका। उसने ‘इतिहास-ग्रन्‍थ’ लाने का आदेश दिया, जिसमें महत्‍वपूर्ण घटनाओं का वर्णन लिखा गया था। ये घटनाएँ सम्राट के सम्‍मुख पढ़ी गईं।

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पवित्र बाइबल

1 उस रात राजा सो नहीं पाया। सो उसने अपने एक दास से इतिहास की पुस्तक लाकर अपने सामने उसे पढ़ने को कहा। (राजाओं के इतिहास की पुस्तक में वह सब कुछ अंकित रहता है जो एक राजा के शासनकाल के दौरान घटित होता है।)

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Hindi Holy Bible

1 उस रात राजा को नींद नहीं आई, इसलिये उसकी आज्ञा से इतिहास की पुस्तक लाई गई, और पढ़कर राजा को सुनाई गई।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 उस रात राजा को नींद नहीं आई, इसलिये उसकी आज्ञा से इतिहास की पुस्तक लाई गई, और पढ़कर राजा को सुनाई गई।

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सरल हिन्दी बाइबल

1 उस रात राजा को नींद नहीं आई, तब उसने आदेश दिया, कि इतिहास की पुस्तक लायी जाए, कि उसे राजा के सामने वाचन किया जाए.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

1 उस रात राजा को नींद नहीं आई, इसलिए उसकी आज्ञा से इतिहास की पुस्तक लाई गई, और पढ़कर राजा को सुनाई गई।

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एस्तेर 6:1
12 क्रॉस रेफरेंस  

अब्राहम ने उस स्‍थान का नाम, ‘प्रभु प्रबन्‍ध करता है’ रखा। इसलिए आज तक यह कहा जाता है : ‘प्रभु के पहाड़ पर कोई प्रबन्‍ध होगा।’


उसके सामर्थ्य और पराक्रम के सब कार्यों का विवरण, तथा सम्राट द्वारा मोरदकय को प्रदान किए गए महान पद का पूर्ण विवरण मादय और फारस के राजाओं के इतिहास-ग्रन्‍थ में लिखा हुआ है।


जिन दिनों मोरदकय राजमहल के प्रवेश-द्वार पर बैठा करता था, सम्राट के दो खोजे−बिगताना और तेरेश−जो द्वारपाल थे, सम्राट क्षयर्ष से नाराज हो गए, और उन्‍होंने सम्राट पर प्रहार करने का षड्‍यन्‍त्र रचा।


मोरदकय को यह मालूम हो गया, और उसने षड्‍यन्‍त्र की सूचना रानी एस्‍तर को दे दी। रानी एस्‍तर ने मोरदकय के नाम से सम्राट को यह बता दिया।


सम्राट ने तत्‍काल षड्‍यन्‍त्र की खोजबीन की, और सूचना सच निकली। दोनों खोजे फांसी के खम्‍भों पर टांग दिये गए। इस षड्‍यन्‍त्र का विवरण ‘इतिहास ग्रन्‍थ’ में सम्राट के सम्‍मुख लिख लिया गया।


यदि महाराज की मुझ पर कृपादृष्‍टि हुई है, यदि महाराज उचित समझते हैं कि मेरे निवेदन और मांग को पूरा किया जाए तो महाराज और हामान कल फिर भोजन के लिए आएं, जो मैं आप दोनों के लिए तैयार करूंगी। कल मैं अपनी इच्‍छा प्रकट करूंगी, जैसा महाराज ने आदेश दिया है।’


जब दीन-हीन जन पानी ढूंढ़ेंगे, और उन्‍हें पानी नहीं मिलेगा; जब उनका तालु प्‍यास के कारण सूखेगा, तब मैं, इस्राएल का प्रभु परमेश्‍वर उनकी प्रार्थना का उत्तर दूंगा, मैं उन्‍हें नहीं त्‍यागूंगा।


राजा नबूकदनेस्‍सर के राज्‍य का दूसरा वर्ष था। उसने ऐसे स्‍वप्‍न और दृश्‍य देखे जिनके कारण उसकी आत्‍मा अशान्‍त हो गयी और उसकी आंखों से नींद उड़ गई।


तत्‍पश्‍चात् सम्राट दारा अपने महल में चला गया। उसने उस रात भोजन नहीं किया। उसने अपने मनोरंजन करनेवालों को मना कर दिया; अत: उस रात में उसके पास कोई नहीं आया। उसकी आंखों से नींद उड़ गई।


जो प्रभु के प्रति श्रद्धा-भक्‍ति रखते थे, उन्‍होंने आपस में बात की। प्रभु ने ध्‍यान दिया, उनकी बात सुनी। उसके सम्‍मुख एक स्‍मरण-पुस्‍तिका लिखी गई। इसमें उन लोगों के नाम लिखे गए, जो प्रभु का चिंतन करते थे।


अहा! कितना अगाध है परमेश्‍वर का वैभव, बुद्धि और ज्ञान! कितने दुर्बोध हैं उसके निर्णय! कितने रहस्‍यमय हैं उसके मार्ग!


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