15 एस्तर मोरदकय के चाचा अबीहइल की बेटी थी। मोरदकय ने उसको गोद लिया था और उसको अपनी बेटी की तरह पाला था। जब उसकी बारी आई तब उसने अपनी ओर से रनिवास से कुछ भी ले जाना अस्वीकार कर दिया। वह केवल वे ही वस्तुएं ले गई जिनको ले जाने की सलाह राज-खोजा हेगय ने दी थी। जिस-जिस व्यक्ति ने एस्तर को देखा उसने उसको पसन्द किया।
15 जब एस्तेर की राजा के पास जाने की बारी आई तो उसने कुछ नहीं पूछा। उसने राजा के खोजे, हेगे से, जो रनवास का अधिकारी था, वह यह चाहा कि वह उसे बता दे कि वह अपने साथ क्या ले जाये? एस्तेर वह लड़की थी जिसे मोर्दकै ने गोद ले लिया था और जो उसके चाचा अबीहैल की पुत्री थी। एस्तेर को जो भी देखता, उसे पंसद करता था।
15 जब मोर्दकै के चाचा अबीहैल की बेटी एस्तेर, जिस को मोर्दकै ने बेटी मान कर रखा था, उसकी बारी आई कि राजा के पास जाए, तब जो कुछ स्त्रियों के रखवाले राजा के खोजे हेगे ने उसके लिये ठहराया था, उस से अधिक उसने और कुछ न मांगा। और जितनों ने एस्तेर को देखा, वे सब उस से प्रसन्न हुए।
15 जब मोर्दकै के चाचा अबीहैल की बेटी एस्तेर, जिसको मोर्दकै ने बेटी मानकर रखा था, उसकी बारी आई कि राजा के पास जाए, तब जो कुछ स्त्रियों के प्रबन्धक राजा के खोजे हेगे ने उसके लिये ठहराया था, उससे अधिक उसने और कुछ न माँगा। जितनों ने एस्तेर को देखा, वे सब उससे प्रसन्न हुए।
15 जब मोरदकय के चाचा अबीहाइल की पुत्री एस्तेर की बारी आई, जिसका मोरदकय ने अपनी ही पुत्री सदृश पालन पोषण किया था, वह राजा की उपस्थिति में प्रस्तुत हुई. उसने राजा के खोजा हेगाइ द्वारा, जो स्त्रियों का प्रभारी था, दिये परामर्श के अतिरिक्त अपने लिए कुछ भी याचना नहीं की. जिस किसी ने एस्तेर को देखा, हर एक को वह सुंदर लगी.
15 जब मोर्दकै के चाचा अबीहैल की बेटी एस्तेर, जिसको मोर्दकै ने बेटी मानकर रखा था, उसकी बारी आई कि राजा के पास जाए, तब जो कुछ स्त्रियों के प्रबन्धक राजा के खोजे हेगे ने उसके लिये ठहराया था, उससे अधिक उसने और कुछ न माँगा। जितनों ने एस्तेर को देखा, वे सब उससे प्रसन्न हुए।
कन्या सम्राट के महल में शाम को प्रवेश करती थी और सबेरे वहाँ से निकलकर दूसरे रनिवास में चली जाती थी। यह दूसरा रनिवास राज-खोजा शाशगज के अधिकार में था। शाशगज सम्राट की रखेलों की देखभाल करता था। जब कन्या सम्राट को पसन्द आती थी, तब वह दूसरी बार उसके महल में जाती थी। सम्राट उसको नाम लेकर बुलाता था; अन्यथा नहीं।
महाराज अपने साम्राज्य के सब प्रदेशों में उच्चाधिकारी नियुक्त करें जो सुन्दर कुंवारी कन्याओं को शूशनगढ़ के रनिवास में लाएंगे और उनको महाराज की रानियों के प्रबन्धक खोजा हेगय को सौंप देंगे। कन्याओं को शृंगार का सामान दिया जाए।
उसी दिन सम्राट क्षयर्ष ने यहूदी कौम के शत्रु हामान की जागीर रानी एस्तर को दे दी। एस्तर ने सम्राट को बता दिया कि मोरदकय उसका चचेरा भाई है। अत: वह सम्राट का उच्चाधिकारी नियुक्त हो गया।
तोभी मेरी कपोती, मेरी सर्वांग सुन्दरी, तू अद्वितीय है। तू अपनी मां की दुलारी, अपनी जननी की निष्कलंक कन्या है। सभी कन्याओं ने, रानियों और उप-पत्नियों ने भी तुझे देखकर धन्य कहा; उन्होंने तेरे रूप की प्रशंसा की :
उसने सब विपत्तियों से उसको छुड़ाया और उसे मिस्र देश के राजा फरओ की दृष्टि में प्रिय तथा बुद्धिमान् बना दिया। फरओ ने यूसुफ को मिस्र का तथा अपने समस्त राजभवन का अधिकारी नियुक्त किया।