एज्रा 6:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)3 सम्राट कुस्रू ने अपने शासन-काल के प्रथम वर्ष में यरूशलेम नगर में स्थित परमेश्वर के भवन के सम्बन्ध में यह राजाज्ञा प्रसारित की : जहां बलि-पशु चढ़ाए जाते थे, जहां अग्नि-बलि लाई जाती थी, वहां, उसी स्थान पर भवन का पुनर्निर्माण किया जाए। उसकी ऊंचाई सत्ताईस मीटर होगी, और चौड़ाई सत्ताईस मीटर। अध्याय देखेंपवित्र बाइबल3 कुस्रू के राजा होने के प्रथम वर्ष में कुस्रू ने यरूशलेम में परमेश्वर के मन्दिर के लिये एक आदेश दिया। आदेश यह था: परमेश्वर का मन्दिर फिर से बनने दो। यह बलि भेंट करने का स्थान होगा। इसकी नींव को बनने दो। मन्दिर साठ हाथ ऊँचा और साठ हाथ चौड़ा होना चाहिए। अध्याय देखेंHindi Holy Bible3 कि राजा कुस्रू के पहिले वर्ष में उसी कुस्रू राजा ने यह आज्ञा दी, कि परमेश्वर के भवन के विष्य जो यरूशलेम में है, अर्थात वह भवन जिस में बलिदान किए जाते थे, वह बनाया जाए और उसकी नेव दृढ़ता से डाली जाए, उसकी ऊंचाई और चौड़ाई साठ साठ हाथ की हों; अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)3 “राजा कुस्रू के पहले वर्ष में उसी कुस्रू राजा ने यह आज्ञा दी, कि परमेश्वर के भवन के विषय जो यरूशलेम में है, अर्थात् वह भवन जिसमें बलिदान किए जाते थे, वह बनाया जाए और उसकी नींव दृढ़ता से डाली जाए, उसकी ऊँचाई और चौड़ाई साठ साठ हाथ की हो; अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल3 राजा कोरेश के शासन के प्रथम वर्ष में राजा कोरेश ने यह राजाज्ञा प्रसारित की: येरूशलेम में परमेश्वर के भवन को, जहां बलियां अर्पित की जाती हैं, पुनर्निर्मित किया जाए. इसकी नींवों को पूर्ववत ही रखा जाए. इसकी ऊंचाई सत्ताईस मीटर तथा चैड़ाई सत्ताईस मीटर होगी. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20193 “राजा कुस्रू के पहले वर्ष में उसी कुस्रू राजा ने यह आज्ञा दी, कि परमेश्वर के भवन के विषय जो यरूशलेम में है, अर्थात् वह भवन जिसमें बलिदान किए जाते थे, वह बनाया जाए और उसकी नींव दृढ़ता से डाली जाए, उसकी ऊँचाई और चौड़ाई साठ-साठ हाथ की हो; अध्याय देखें |
नबी हग्गय तथा जकर्याह बेन-इद्दो की उत्साहवर्धक नबूवत से प्रेरणा प्राप्त कर यहूदी समाज के धर्मवृद्धों ने प्रभु का भवन बनाया, और यों वे अपने कार्य में सफल हुए। उन्होंने इस्राएली कौम के परमेश्वर की आज्ञा से तथा फारस देश के सम्राट कुस्रू, दारा और अर्तक्षत्र के आदेशों के अनुसार प्रभु के भवन का निर्माण-कार्य पूरा किया।