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उत्पत्ति 5:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

22 मथूशेलह के जन्‍म के पश्‍चात् हनोक तीन सौ वर्ष तक परमेश्‍वर का सहचर बना रहा। उसको अन्‍य पुत्र-पुत्रियां भी उत्‍पन्न हुईं।

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पवित्र बाइबल

22 मतूशेलह के जन्म के बाद हनोक परमेश्वर के साथ तीन सौ वर्ष रहा। इन दिनों उसके दूसरे पुत्र पुत्रियाँ पैदा हुईं।

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Hindi Holy Bible

22 और मतूशेलह के जन्म के पश्चात हनोक तीन सौ वर्ष तक परमेश्वर के साथ साथ चलता रहा, और उसके और भी बेटे बेटियां उत्पन्न हुईं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

22 मतूशेलह के जन्म के पश्‍चात् हनोक तीन सौ वर्ष तक परमेश्‍वर के साथ साथ चलता रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं।

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नवीन हिंदी बाइबल

22 मतूशेलह के जन्म के बाद हनोक तीन सौ वर्ष तक परमेश्‍वर के साथ-साथ चलता रहा, तथा उसके और भी पुत्र-पुत्रियाँ उत्पन्‍न हुईं।

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सरल हिन्दी बाइबल

22 मेथुसेलाह के जन्म के बाद हनोख 300 वर्ष तक परमेश्वर के साथ साथ चलते रहे. उसके अन्य पुत्र-पुत्रियां भी पैदा हुए.

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उत्पत्ति 5:22
38 क्रॉस रेफरेंस  

उपदेश और सान्‍त्‍वना देते और अनुरोध करते थे कि आप उस परमेश्‍वर के योग्‍य जीवन बितायें, जो आप को अपने राज्‍य की महिमा के लिए बुलाता है।


जब अब्राम निन्‍यानबे वर्ष के थे तब प्रभु ने उन्‍हें दर्शन देकर कहा, ‘मैं सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर हूं। मेरी उपस्‍थिति में रहकर निर्दोष आचरण करने का प्रयत्‍न कर।


वे दोनों परमेश्‍वर की दृष्‍टि में धार्मिक थे। वे प्रभु की सब आज्ञाओं और नियमों का निर्दोष अनुसरण करते थे।


वह सत्‍य व्‍यवस्‍था उच्‍चारता था। उसके ओंठों से झूठ कभी नहीं निकलता था। वह शान्‍ति और धार्मिकता के साथ मेरा अनुसरण करता था। उसने अनेक लोगों को अधर्म से विमुख किया था।


यह नूह के परिवार का वृत्तान्‍त है। नूह भक्‍त पुरुष था। वह अपने समय के लोगों में सर्वाधिक निर्दोष था। वह परमेश्‍वर का सहचर था।


परन्‍तु यदि हम ज्‍योति में चलते हैं-जिस तरह वह स्‍वयं ज्‍योति में है − तो हमारी एक-दूसरे से सहभागिता है और उसके पुत्र येशु का रक्‍त हमें हर पाप से शुद्ध कर देता है।


ओ मानव, प्रभु ने तुझे बताया है कि उचित क्‍या है, और वह तुझसे क्‍या चाहता है। यही न कि तू न्‍याय-सिद्धान्‍त का पालन करे करुणा से प्रेम करे, और नम्रतापूर्वक अपने परमेश्‍वर के मार्ग पर चले?


मैं जीव-लोक में प्रभु के समक्ष चलता हूं।


मैं तुम्‍हारे मध्‍य विचरण करूंगा। मैं तुम्‍हारा परमेश्‍वर होऊंगा, और तुम मेरे लोग।


इस प्रकार आप प्रभु के योग्‍य जीवन बिता कर सब बातों में उसे प्रसन्न करेंगे, हर प्रकार के भले कार्य करते रहेंगे और परमेश्‍वर के ज्ञान में फलते और बढ़ते जायेंगे।


भाइयो और बहिनो! आप लोग हमसे यह शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं कि किस प्रकार आचरण करना और परमेश्‍वर को प्रसन्न करना चाहिए, और आप इसके अनुसार चलते भी हैं। अन्‍त में, हम प्रभु येशु के नाम पर आपसे आग्रह के साथ अनुनय करते हैं कि आप इस विषय में और आगे बढ़ते जायें।


अपने आचरण का पूरा-पूरा ध्‍यान रखें। मूर्खों की तरह नहीं, बल्‍कि बुद्धिमानों की तरह चल कर।


तदुपरान्‍त उन्‍होंने उनको आशीर्वाद दिया: ‘परमेश्‍वर, जिसकी उपस्‍थिति में रहकर मेरे पूर्वज अब्राहम और इसहाक आचरण करते थे, परमेश्‍वर, जिसने दीर्घायु में आज तक मेरा नेतृत्‍व किया,


तब उन्‍होंने मुझसे कहा, “प्रभु, जिसकी उपस्‍थिति में रहता हुआ मैं आचरण करता हूँ, अपना दूत तुम्‍हारे साथ भेजकर तुम्‍हारी यात्रा सफल करेगा, और तुम मेरे पुत्र के लिए मेरे कुटुम्‍बियों और मेरे पितृगृह से वधू लाओगे।


आप बाहरवालों के साथ बुद्धिमानी से व्‍यवहार करें। वर्तमान समय से पूरा-पूरा लाभ उठायें।


परमेश्‍वर के मन्‍दिर का देवमूर्तियों से क्‍या समझौता? क्‍योंकि हम जीवन्‍त परमेश्‍वर के मन्‍दिर हैं, जैसा कि परमेश्‍वर ने कहा है : “मैं उन के बीच निवास करूँगा और उनके साथ चलूँगा। मैं उनका परमेश्‍वर होऊंगा और वे मेरी प्रजा होंगे।


जो लोग येशु मसीह से संयुक्‍त हैं, उनके लिए अब कोई दण्‍डाज्ञा नहीं रह गयी है;


अब समस्‍त यहूदा, गलील तथा सामरी प्रदेशों में कलीसिया को शान्‍ति मिली और उसका निर्माण होता रहा। वह प्रभु के भय में आचरण करती हुई और पवित्र आत्‍मा की सान्‍त्‍वना प्राप्‍त कर वृद्धि करती गई।


राष्‍ट्र के लोग अपने-अपने देवता के नाम पर चलते हैं; पर हम सदा-सर्वदा अपने प्रभु परमेश्‍वर के नाम पर चलेंगे।


जब तक दो व्यक्‍ति पहले से समझौता न करें क्‍या वे एक-साथ चल सकते हैं?


जो मनुष्‍य बुद्धिमान है, वह इन बातों को समझे। जो व्यक्‍ति समझदार है, वह इन बातों को जाने : कि प्रभु का मार्ग सीधा है, और धार्मिक जन उस पर चलते हैं। पर अपराधी लड़खड़ाकर गिरते हैं।


मैंने कहा, “मुझे अपनी अनुचरी बना लो, आओ, हम शीघ्रता करें।” महाराज मुझे अपने कक्ष में ले गए और बोले, “हम तुममें उल्‍लसित और आनन्‍दित होंगे, हम अंगूर-रस से अधिक तुम्‍हारे प्रेम की प्रशंसा करेंगे।” कन्‍याएँ उचित ही तुमसे प्रेम करती हैं।


ओ प्रभु के भक्‍त! तू धन्‍य है, तू प्रभु के मार्ग पर चलता है!


हे प्रभु, मुझे अपना मार्ग दिखा, कि मैं तेरी सच्‍चाई पर चलूं; मेरे हृदय को एकाग्रचित् बना कि वह तेरे नाम से डरे।


तूने मृत्‍यु से मेरे प्राण को मुक्‍त किया है। निस्‍सन्‍देह तूने मेरे पैरों को फिसलने से बचाया है, जिससे मैं जीवन-ज्‍योति में तुझ-परमेश्‍वर के सम्‍मुख चलूं।


पर मेरा आचरण निर्दोष है; प्रभु, मेरा उद्धार कर, मुझ पर कृपा कर।


मैं प्रभु को निरन्‍तर अपने समक्ष रखता हूँ; वह मेरी दाहिनी ओर है, इसलिए मैं अटल हूँ।


‘हे प्रभु, स्‍मरण कर कि मैं सच्‍चाई और सम्‍पूर्ण हृदय से तेरे सम्‍मुख तेरे मार्ग पर चलता रहा। मैंने उन्‍हीं कार्यों को किया है, जो तेरी दृष्‍टि में उचित हैं।’ यह कहकर हिजकियाह फूट-फूटकर रोने लगा।


इस प्रकार प्रभु अपने वचन को, जो उसने मुझसे कहा था, पूर्ण करेगा। उसने यह कहा था: “यदि तेरे पुत्र अपने आचरण के प्रति सावधान रहेंगे, अपने सम्‍पूर्ण हृदय और प्राण से मेरे सम्‍मुख निष्‍ठा-पूर्वक चलते रहेंगे, तो इस्राएल के सिंहासन पर बैठने के लिए तेरे वंश में पुरुष का अभाव न होगा।


‘यदि तू अपने प्रभु परमेश्‍वर की आज्ञाओं का पालन करेगा, और उसके मार्ग पर चलेगा तो जैसी उसने तुझ से शपथ खाई है, उसके अनुसार वह तुझको अपने लिए पवित्र लोग के रूप में प्रतिष्‍ठित करेगा।


तू केवल अपने प्रभु परमेश्‍वर का अनुसरण करना, उसकी भक्‍ति करना, उसकी आज्ञाओं का पालन करना, और उसकी वाणी को सुनना। तू उसकी आराधना करना, और उससे सम्‍बद्ध रहना।


जिस मार्ग पर चलने की आज्ञा तुम्‍हारे प्रभु परमेश्‍वर ने दी है, तुम उस पर चलना। तब तुम जीवित रहोगे, तुम्‍हारा भला होगा, और जिस देश पर तुम अधिकार करने जा रहे हो, उसमें तुम बहुत दिन तक जीवित रह सकोगे।


प्रभु ने मूसा से कहा, ‘देख, मैं तुम्‍हारे लिए स्‍वर्ग से भोजन की वर्षा करूंगा। ये लोग प्रत्‍येक दिन बाहर निकलकर दैनिक भोजन एकत्र करेंगे। इससे मैं उनको परखूंगा कि वे मेरी व्‍यवस्‍था के अनुसार चलेंगे अथवा नहीं।


हनोक परमेश्‍वर का सहचर था। तत्‍पश्‍चात् वह यहाँ नहीं रहा; क्‍योंकि परमेश्‍वर ने उसे उठा लिया।


सामान्‍य नियम यह है कि हर एक व्यक्‍ति जिस स्‍थिति में परमेश्‍वर द्वारा बुलाया गया है, उसी में बना रहे और उसे प्रभु से जो वरदान मिला है, उसी के अनुरूप जीवन बिताये। मैं सभी कलीसियाओं के लिए यही नियम निर्धारित करता हूँ।


जब हनोक पैंसठ वर्ष का हुआ तब उसने मथूशेलह को उत्‍पन्न किया।


इस प्रकार हनोक कुल तीन सौ पैंसठ वर्ष जीवित रहा।


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