उत्पत्ति 47:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)6 मिस्र देश तुम्हारे सम्मुख है। अपने पिता और भाइयों को मिस्र देश की सर्वोत्तम भूमि पर बसाओ। उन्हें गोशेन प्रदेश में रहने दो। यदि तुम जानते हो कि उनमें परिश्रमी पुरुष हैं तो उन्हें मेरे पशुओं के अधिकारी नियुक्त कर दो।’ अध्याय देखेंपवित्र बाइबल6 तुम मिस्र में कोई भी स्थान उनके रहने के लिए चुन सकते हो। अपने पिता और अपने भाईयों को सबसे अच्छी भूमि दो। उन्हें गोशेन प्रदेश में रहने दो और यदि ये कुशल चरवाहे हैं, तो वे मेरे जानवरों की भी देखभाल कर सकते हैं।” अध्याय देखेंHindi Holy Bible6 और मिस्र देश तेरे साम्हने पड़ा है; इस देश का जो सब से अच्छा भाग हो, उस में अपने पिता और भाइयों को बसा दे; अर्थात वे गोशेन ही देश में रहें: और यदि तू जानता हो, कि उन में से परिश्रमी पुरूष हैं, तो उन्हें मेरे पशुओं के अधिकारी ठहरा दे। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)6 और मिस्र देश तेरे सामने पड़ा है; इस देश का जो सबसे अच्छा भाग हो, उसमें अपने पिता और भाइयों को बसा दे, अर्थात् वे गोशेन ही देश में रहें; और यदि तू जानता हो, कि उनमें से परिश्रमी पुरुष हैं, तो उन्हें मेरे पशुओं के अधिकारी ठहरा दे।” अध्याय देखेंनवीन हिंदी बाइबल6 और मिस्र देश तेरे सामने है; इस देश के सब से अच्छे भाग में अपने पिता और अपने भाइयों को बसा दे। वे गोशेन देश में बस जाएँ; और यदि तू उनमें से योग्य पुरुषों को जानता हो तो उन्हें मेरे पशुधन पर अधिकारी नियुक्त कर दे।” अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल6 पूरा मिस्र देश तुम्हारे लिए खुला है; अपने पिता एवं अपने भाइयों को गोशेन के सबसे अच्छे भाग में रहने की सुविधा दे दो. और भाइयों में से कोई समझदार हो तो उसे मेरे पशुओं की देखभाल की पूरी जवाबदारी दे दो.” अध्याय देखें |
इसी प्रकार उसने निर्जन प्रदेश में भी मीनारें बनाईं। राजा उज्जियाह खेती-किसानी पसन्द करता था। उसके पहाड़ी क्षेत्रों और उपजाऊ भूमिक्षेत्र में अनेक किसान और अंगूर-उद्यान के माली थे, जो अंगूर-रस निकालते थे। उसके पास शफेलाह के चरागाह तथा मैदानी इलाके में विशाल रेवड़ थे, जिनके लिए उसने वहां कुएँ खुदवाए थे।
अब देखिए, मैं आप की हथकड़ियां खोलता हूं, और आपको मुक्त करता हूं। यदि आपको मेरे साथ बेबीलोन जाना अच्छा लगे, तो मेरे साथ बेबीलोन जाना अच्छा लगे, तो मेरे साथ आइए। मैं अच्छे से आपकी देखभाल करूंगा। और अगर आप को बेबीलोन जाना पसन्द न हो तो मत जाइए। आपके सामने सारा देश है। जहां आप जाना अच्छा समझें, आपको उचित लगे, वहां आप जा सकते हैं।