महाराज, आपने देखा कि एक पत्थर को किसी अज्ञात हाथ ने (मनुष्य के हाथ ने नहीं) पहाड़ से खोदा और उस पत्थर ने लोहा, पीतल, मिट्टी, चांदी और सोने को चूर-चूर कर डाला। महान परमेश्वर ने महाराज पर यह बात प्रकट की है कि भविष्य में क्या होनेवाला है। महाराज, आपका स्वप्न सच्चा और उसका अर्थ भी निश्चित है।’
इसके बाद मैने एक दिव्य दृश्य देखा। मैंने देखा कि स्वर्ग में एक द्वार खुला है और वह तुरही-जैसी वाणी, जिसे मैंने पहले अपने से बातें करते सुना था, बोल रही है : “यहाँ, ऊपर आओ। मैं तुम्हें दिखाऊंगा कि इसके पश्चात क्या होने वाला है।”
राजा ने दानिएल से कहा, ‘निस्सन्देह तुम्हारा परमेश्वर ही सब देवताओं का ईश्वर और राजाओं का स्वामी है, वही सब रहस्यों का भेद खोलनेवाला है। केवल तुम ही मेरे रहस्य पर से परदा उठा सके।’
विश्व के सब राष्ट्र एकत्र हों, समस्त कौमें इकट्ठी हों। उनमें से कौन ऐसा राष्ट्र है, जो यह बात बता सकता है? कौन ऐसी कौम है, जो बीती हुई घटनाएँ हमें दिखा सकती है? अपने को निर्दोष प्रमाणित करने के लिए वे अपने गवाह पेश करें। लोग उनकी गवाही सुनें और तब वे यह कह सकें, “यह सच है।” ’
प्रभु ने यहोशुअ से कहा, ‘इनसे मत डर; क्योंकि मैं कल, इस समय तक, इस्राएलियों के कारण इनका वध कर चुका हूंगा। तू इनके घोड़ों को पंगु बना देना, इनके रथों में आग लगा देना।’
अन्यथा मैं इस बार अपनी सब विपत्तियां तुझ पर, तेरे कर्मचारियों और तेरी प्रजा पर भेजूंगा जिससे तुझे ज्ञात हो जाए कि समस्त पृथ्वी पर मुझ जैसा कोई नहीं है।
उन्होंने यूसुफ से कहा, ‘हमने स्वप्न देखे हैं। किन्तु यहाँ उनका अर्थ बतानेवाला कोई नहीं है।’ यूसुफ बोला, ‘क्या यह सच नहीं है कि स्वप्नों के अर्थ बताना केवल परमेश्वर का कार्य है? कृपाकर, मुझे सुनाइए।’