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उत्पत्ति 1:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

7 परमेश्‍वर ने मेहराब बनाया, तथा मेहराब के ऊपर के जल को, उसके नीचे के जल से अलग किया। ऐसा ही हुआ।

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पवित्र बाइबल

7 इसलिए परमेश्वर ने वायुमण्डल बनाया और जल को अलग किया। कुछ जल वायुमण्डल के ऊपर था और कुछ वायुमण्डल के नीचे।

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Hindi Holy Bible

7 तब परमेश्वर ने एक अन्तर करके उसके नीचे के जल और उसके ऊपर के जल को अलग अलग किया; और वैसा ही हो गया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

7 तब परमेश्‍वर ने एक अन्तर बनाकर उसके नीचे के जल और उसके ऊपर के जल को अलग अलग किया; और वैसा ही हो गया।

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नवीन हिंदी बाइबल

7 तब परमेश्‍वर ने एक अंतर स्थापित किया, तथा उस अंतर के नीचे के जल को अंतर के ऊपर के जल से अलग किया; और ऐसा ही हो गया।

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सरल हिन्दी बाइबल

7 इस प्रकार परमेश्वर ने नीचे के जल और ऊपर के जल को अलग किया. यह वैसा ही हो गया.

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उत्पत्ति 1:7
15 क्रॉस रेफरेंस  

तब परमेश्‍वर ने पृथ्‍वी को आज्ञा दी कि वह वनस्‍पति, बीजधारी पौधे और फलदायक वृक्ष उगाए। पृथ्‍वी पर उन वृक्षों की जाति के अनुसार उनके फलों में बीज भी हों। ऐसा ही हुआ।


पृथ्‍वी पर प्रकाश करने के लिए आकाश के मेहराब में ज्‍योति-पिण्‍ड हों।’ ऐसा ही हुआ।


परमेश्‍वर ने कहा, ‘पृथ्‍वी जीव-जन्‍तुओं को उनकी जाति के अनुसार उत्‍पन्न करे, अर्थात् प्रत्‍येक की जाति के अनुसार पालतू पशु, रेंगने वाले जन्‍तु, और धरती के वन पशु।’ ऐसा ही हुआ।


परमेश्‍वर ने मेहराब को ‘आकाश’ नाम दिया। सन्‍ध्‍या हुई, फिर सबेरा हुआ। इस प्रकार दूसरा दिन बीत गया।


परमेश्‍वर ने कहा, ‘आकाश के नीचे का जल एक स्‍थान में एकत्र हो, और सूखी भूमि दिखाई दे।’ ऐसा ही हुआ।


वह जल को अपने घने बादलों में बाँध कर रखता है; फिर भी बादल जल के भार से नहीं फटता!


तू झरनों को घाटियों में बहाता है; वे पहाड़ों के मध्‍य बहते हैं।


बुद्धि से आकाश बनाने वाले की सराहना करो, उसकी करुणा शाश्‍वत है।


ओ आकाश, सर्वोच्‍च आकाश, ओ आकाश से ऊपर के जल, उसकी स्‍तुति करो!


आकाश परमेश्‍वर की महिमा का वर्णन कर रहा है, आकाश का मेहराब उसके हस्‍त-कार्य को प्रकट करता है।


दिन से दिन निरन्‍तर वार्तालाप करता है, और रात, रात को ज्ञान प्रदान करती है।


यदि बादल जल से भरे हैं, तो वे स्‍वत: भूमि पर बरसेंगे। चाहे वृक्ष दक्षिण की ओर गिरे, चाहे वह उत्तर की ओर गिरे, वह जिस स्‍थान पर गिरा है, वह वहीं पड़ा रहेगा।


इस पर वे लोग अचम्‍भे में पड़ गये, और बोल उठे, “आखिर यह कैसे मनुष्‍य हैं? वायु और समुद्र भी इनकी आज्ञा मानते हैं।”


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