हमारे संघर्ष के अस्त्र-शस्त्र सांसारिक नहीं हैं, बल्कि उन में परमेश्वर का सामर्थ्य विद्यमान है, जिससे वे हर प्रकार के किले नष्ट कर सकते हैं। हम कुतर्कों और घमण्ड से उत्पन्न उन सब बातों का खण्डन करते हैं, जो परमेश्वर को जानने में बाधक हैं। हम प्रत्येक विवेकशील मनुष्य को मसीह की अधीनता स्वीकार करने को बाध्य करते हैं।
इसलिए आप परमेश्वर के अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित हों, जिससे आप दुर्दिन में शत्रु का सामना करने में समर्थ हों और अन्त तक अपना कर्त्तव्य पूरा कर विजय प्राप्त करें।
इस प्रकार हम बालक नहीं बने रहेंगे और भ्रम में डालने के उद्देश्य से निर्मित धूर्त्त मनुष्यों के प्रत्येक सिद्धान्त के झोंके से विचलित हो कर बहकाये नहीं जायेंगे।
मुझे डर है कि जिस प्रकार सांप ने अपनी धूर्तता से हव्वा को धोखा दिया था, उसी प्रकार आप लोगों का मन भी न बहका दिया जाए और आप मसीह के प्रति अपनी निष्कपट और सच्ची भक्ति न खो बैठें;
सत्य के प्रचार तथा परमेश्वर के सामर्थ्य से स्वयं को परमेश्वर के योग्य सेवक प्रमाणित किया है। धार्मिकता के शस्त्र से हमने न केवल अपना बचाव किया, वरन् आक्रमण भी किया।
थुआतीरा के शेष लोगों से, जो इस शिक्षा को नहीं मानते और शैतान के तथा-कथित गहरे भेदों को नहीं जानते, उन सब से मैं यह कहता हूँ : मैं तुम लोगों पर कोई नया बोझ नहीं डालूँगा।
यही कारण है कि जो लोग उनके द्वारा परमेश्वर की शरण लेते हैं, वह उन्हें पूर्णत: बचाने में समर्थ हैं; क्योंकि वह उनकी ओर से निवेदन करने के लिए सदा जीवित हैं।
इस युग-संसार के देवता ने अविश्वासियों का मन इतना अन्धा कर दिया है कि वे परमेश्वर के प्रतिरूप, अर्थात् मसीह के तेजोमय शुभ समाचार की ज्योति को देखने में असमर्थ हैं।
आप को अब तक ऐसा प्रलोभन नहीं दिया गया है, जो मनुष्य की शक्ति से परे हो। परमेश्वर सत्यप्रतिज्ञ है। वह आप को ऐसे प्रलोभन में पड़ने नहीं देगा, जो आपकी शक्ति से परे हो। वह प्रलोभन के समय आप को उससे निकलने का मार्ग दिखायेगा, जिससे आप उसे सहन कर सकें।
पशु बन्दी बनाया गया और उसके साथ वह झूठा नबी भी, जिसने पशु के निरीक्षण में चमत्कार दिखा कर उन लोगों को बहकाया था, जिन्होंने पशु की छाप ग्रहण की थी और उसकी प्रतिमा की आराधना की थी। वे दोनों जीवित ही धधकते गन्धक के अग्निकुण्ड में डाल दिये गये।
यह इस्राएल की पीढ़ियों के हित में था कि वे युद्ध का ज्ञान प्राप्त करें। कम से कम वे इस्राएली लोग युद्ध-कला को सीखें जिन्हें पहले से युद्ध का व्यावहारिक ज्ञान नहीं था।