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अय्यूब 29:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

12 क्‍योंकि मैं दुहाई देने वाले गरीब को बचाता था, मैं अनाथ बच्‍चे को छुड़ाता था, जिसकी मदद करनेवाला कोई न था।

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पवित्र बाइबल

12 क्यों? क्योंकि जब किसी दीन ने सहायता के लिये पुकारा, मैंने सहायता की। उस बच्चे को मैंने सहारा दिया जिसके माँ बाप नहीं और जिसका कोई भी नहीं ध्यान रखने को।

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Hindi Holy Bible

12 क्योंकि मैं दोहाई देने वाले दीन जन को, और असहाय अनाथ को भी छुड़ाता था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

12 क्योंकि मैं दोहाई देनेवाले दीन जन को, और असहाय अनाथ को भी छुड़ाता था।

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सरल हिन्दी बाइबल

12 यह इसलिये, कि मैं उन दीनों की सहायता के लिए तत्पर रहता था, जो सहायता की दोहाई लगाते थे. तथा उन पितृहीनों की, जिनका सहायक कोई नहीं है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

12 क्योंकि मैं दुहाई देनेवाले दीन जन को, और असहाय अनाथ को भी छुड़ाता था।

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अय्यूब 29:12
20 क्रॉस रेफरेंस  

वे गरीबों को मार्ग से हटाते हैं; देश के सब गरीबों को छिपना पड़ता है।


‘कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो पितृहीन बालक को मां की छाती से छीन लेते हैं; वे गरीब कर्जदार के बच्‍चे को अपने पास बन्‍धक में रखते हैं।


‘क्‍या मैं उस व्यक्‍ति के लिए नहीं रोया जिस पर दुर्दिन आए थे? क्‍या मेरा प्राण गरीबों के लिए दु:खी नहीं हुआ था?


यदि मैंने अकेले ही कभी भोजन किया, और मेरे भोजन में अनाथ बालक सम्‍भागी नहीं हुआ;


(क्‍योंकि बचपन से ही मैंने उसका लालन- पालन पिता के समान किया है, मां के गर्भ से ही मैं उसका मार्ग-दर्शन करता रहा हूं।)


अथवा यदि मैंने नगर के प्रवेश-द्वार पर अपने सहायकों को देखकर किसी पितृहीन व्यक्‍ति पर हाथ उठाया है


उनके द्वारा सताए गए गरीबों की दुहाई परमेश्‍वर तक पहुँची, और उसने पीड़ितों की चीख-पुकार सुनी।


परमेश्‍वर अपने पवित्र निवास स्‍थान में है; वह अनाथ बच्‍चे का पिता, और विधवाओं का रक्षक है।


वह दुहाई देनेवाले दरिद्र को, पीड़ित और निस्‍सहाय व्यक्‍ति को मुक्‍त करता है।


मैं कबर में जाने वालों में गिना गया हूँ; मैं शक्‍तिहीन पुरुष के समान हूँ,


जो मनुष्‍य गरीब की दुहाई सुनकर कान बन्‍द कर लेता है, वह जब स्‍वयं सहायता के लिए पुकारेगा तब उसकी दुहाई भी नहीं सुनी जाएगी।


“मेरे पुत्र, दीन-दलित के न्‍याय के लिए अपना मुंह खोलना; अनाथों को उनका हक देना।


वह निर्धन और निस्‍सहाय लोगों का न्‍याय करता था, इसलिए उसका भला हुआ। ऐसा कार्य करना ही मुझे जानना है। मुझ-प्रभु की यह वाणी है!


वह पितृहीन और विधवा का न्‍याय करता है। वह तुम्‍हारे देश में रहने वाले प्रवासी व्यक्‍ति से प्रेम करता है, उसको भोजन-वस्‍त्र देता है।


पिता परमेश्‍वर की दृष्‍टि में शुद्ध और निर्मल धर्म यह है : विपत्ति में पड़े हुए अनाथों और विधवाओं की सहायता करना और अपने को संसार के दूषण से बचाये रखना।


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