5 जब भोज-उत्सव के दिन समाप्त हो जाते, तब अय्यूब सन्देश भेजता और अपने पुत्रों को बुलवाकर उनको शुद्ध करता था। वह उनकी शुद्धि के लिए सबेरे उठता और अपने सात पुत्रों की गिनती के अनुसार, सात अग्नि-बलि चढ़ाता था, क्योंकि अय्यूब सोचता था, ‘यह हो सकता है कि मेरे पुत्रों ने पाप किया हो, और अपने हृदय में ईश-निन्दा की हो।’ अय्यूब प्रत्येक भोज-उत्सव पर हर बार ऐसा ही किया करता था।
5 अय्यूब के बच्चे जब जेवनार दे चुकते तो अय्यूब बड़े तड़के उठता और अपने हर बच्चे की ओर से होमबलि अर्पित करता। वह सोचता, “हो सकता है, मेरे बच्चे अपनी जेवनार में परमेश्वर के विरुद्ध भूल से कोई पाप कर बैठे हों।” अय्यूब इसलिये सदा ऐसा किया करता था ताकि उसके बच्चों को उनके पापों के लिये क्षमा मिल जाये।
5 और जब जब जेवनार के दिन पूरे हो जाते, तब तब अय्यूब उन्हें बुलवा कर पवित्र करता, और बड़ी भोर उठ कर उनकी गिनती के अनुसार होमबलि चढ़ाता था; क्योंकि अय्यूब सोचता था, कि कदाचित मेरे लड़कों ने पाप कर के परमेश्वर को छोड़ दिया हो। इसी रीति अय्यूब सदैव किया करता था।
5 जब जब भोज के दिन पूरे हो जाते, तब तब अय्यूब उन्हें बुलवाकर पवित्र करता, और बड़े भोर को उठकर उनकी गिनती के अनुसार होमबलि चढ़ाता था; क्योंकि अय्यूब सोचता था, “कदाचित् मेरे लड़कों ने पाप करके परमेश्वर को छोड़ दिया हो।” इसी रीति अय्यूब सदैव किया करता था।
5 जब उत्सवों का समय समाप्त हो जाता था, तब अय्योब अपनी इन संतानों को अपने यहां बुलाकर उन्हें पवित्र किया करते थे. वह बड़े भोर को उठकर उनकी संख्या के अनुरूप होमबलि अर्पित करते थे. उनकी सोच थी, “संभव है मेरे पुत्रों से कोई पाप हुआ हो और उन्होंने अपने हृदय में ही परमेश्वर के प्रति अनिष्ट किया हो और परमेश्वर को छोड़ दिया हो.” अय्योब यह सब नियमपूर्वक किया करते थे.
5 और जब जब दावत के दिन पूरे हो जाते, तब-तब अय्यूब उन्हें बुलवाकर पवित्र करता, और बड़ी भोर को उठकर उनकी गिनती के अनुसार होमबलि चढ़ाता था; क्योंकि अय्यूब सोचता था, “कदाचित् मेरे बच्चों ने पाप करके परमेश्वर को छोड़ दिया हो।” इसी रीति अय्यूब सदैव किया करता था।
अब तुम्हारे अपराध का यह प्रायश्चित्त है कि तुम सात बछड़े और सात मेढ़े लेकर मेरे सेवक अय्यूब के पास जाओ, और अपनी ओर से मुझको अग्नि-बलि चढ़ाओ। मेरा सेवक अय्यूब तुम्हारे लिए मुझसे प्रार्थना करेगा, और मैं उसकी प्रार्थना स्वीकार करूँगा। तब मैं तुम्हारी मूर्खतापूर्ण बातों के लिए तुम्हें दण्ड न दूँगा। तुमने मेरे विषय में सच नहीं कहा, किन्तु मेरे सेवक अय्यूब ने सच कहा है।’
शमूएल ने उत्तर दिया, ‘हाँ, मित्रभाव से। मैं प्रभु के लिए बलि चढ़ाने आया हूँ। तुम अपने आप को शुद्ध करो, और बलि चढ़ाने के लिए मेरे साथ चलो।’ यों शमूएल ने यिशय और उसके पुत्रों को शुद्ध किया और उन्हें बलि-भोज के लिए निमन्त्रित किया।
आप लोग हर समय पवित्र आत्मा में सब प्रकार की प्रार्थना तथा निवेदन करते रहें। आप लोग जागते रहें और सब सन्तों के लिए लगन से निरन्तर प्रार्थना करते रहें।
तब दो गुण्डे आए। वे नाबोत के सम्मुख बैठ गए। गुण्डों ने जनता की उपस्थिति में नाबोत के विरुद्ध साक्षी दी। उन्होंने कहा, ‘नाबोत ने परमेश्वर और राजा को अपशब्द कहे थे।’ अत: धर्मवृद्ध और अभिजात वर्ग के लोग नाबोत को पकड़ कर नगर के बाहर ले गए। उन्होंने उसको पत्थरों से मारा, और उसका वध कर दिया।
उसके सम्मुख दो गुण्डों को बैठाना। ये नाबोत के विरुद्ध गवाही देंगे, और यह कहेंगे, “तुमने परमेश्वर और राजा को अपशब्द कहे थे।” तब आप नाबोत को नगर से बाहर निकालना, उसको पत्थरों से मारना और उसका वध कर देना।’
अब्राहम सबेरे उठे। उन्होंने अपने गधे पर जीन कसी, अपने साथ दो सेवकों एवं अपने पुत्र इसहाक को लिया, अग्नि-बलि के लिए लकड़ी काटी और उस स्थान की ओर चले जिसकी चर्चा परमेश्वर ने उनसे की थी।
इसलिए समय से पूर्व, प्रभु के आने तक, आप किसी बात का न्याय मत कीजिए। वही अन्धकार में छिपी हुई बातों को प्रकाश में लायेंगे और मनुष्यों के हृदय के गुप्त अभिप्राय प्रकट करेंगे। उस समय हर एक को परमेश्वर की ओर से यथायोग्य श्रेय दिया जायेगा।
अत: पौलुस उन व्यक्तियों को ले गये। दूसरे दिन उनके साथ स्वयं को शुद्ध करने के बाद पौलुस ने मन्दिर में प्रवेश किया तथा यह सूचित किया कि किस तिथि को शुद्धीकरण की अवधि पूरी होगी और उन में से प्रत्येक के लिए भेंट चढ़ायी जायेगी।
तुम्हारे हाथ में जो भी काम आए, उसको पूरी शक्ति से करो, क्योंकि अधोलोक में, जहाँ अपनी मृत्यु के बाद तुम जाओगे, न काम है, न विचार। वहाँ न ज्ञान है, न बुद्धि।
तत्पश्चात् मूसा के ससुर यित्रो ने परमेश्वर को अग्नि-बलि एवं पशु-बलि चढ़ाई। हारून तथा इस्राएल के सब धर्मवृद्ध मूसा के ससुर के साथ परमेश्वर के सम्मुख रोटी खाने आए।
मैं जितनी तत्परता से आप लोगों की चिन्ता करता हूँ, वह परमेश्वर की चिन्ता-जैसी है। मैंने आपके एकमात्र दूल्हे मसीह के साथ आपकी सगाई सम्पन्न की, जिससे मैं आप को पवित्र कुआँरी की तरह उनके सामने प्रस्तुत कर सकूँ।
एलियाह ने याकूब के बारह पुत्रों के कुलों की संख्या के अनुसार बारह पत्थर लिये। उसी याकूब को प्रभु का यह वचन सुनाई दिया था, ‘अब से तेरा नाम इस्राएल होगा।’
अय्यूब के पुत्र बारी-बारी से एक-दूसरे के घर में जाकर भोज-उत्सव में सम्मिलित हुआ करते थे। वे सन्देश भेजकर अपनी तीनों बहिनों को भी भोज-उत्सव में खाने-पीने के लिए निमन्त्रित कर लिया करते थे।
यदि ऐसे अधर्मी देश में नूह, दानिएल और अय्यूब जैसे धार्मिक व्यक्ति होते हैं, तो वे अपने धर्म के कारण अपने ही प्राण बचाते हैं, दूसरों के नहीं।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।