ऊरियाह ने दाऊद को उत्तर दिया, ‘महाराज, मंजूषा तथा इस्राएल और यहूदा प्रदेशों के सैनिक झोपड़ियों में निवास कर रहे हैं। मेरे स्वामी योआब और उनके सेवक खुले मैदान में पड़ाव डाले हुए हैं। ऐसी स्थिति में मैं अपने घर जाऊं? खाऊं-पीऊं और अपनी पत्नी के साथ सोऊं? जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! मैं यह कार्य कदापि नहीं करूँगा।’
उसने यह कहा था, “जिस दिन मैंने अपने निज लोग इस्राएलियों को मिस्र देश से बाहर निकाला, उस दिन से आज तक मैंने इस्राएली कुलों का कोई भी नगर नहीं चुना कि मैं एक भवन बनाऊं और वहां मेरा नाम प्रतिष्ठित हो। परन्तु मैंने अपने निज लोगों पर शासन करने के लिए दाऊद को चुना।”
“वास्तव में, निर्जन प्रदेश में हमारे पूर्वजों के पास साक्षी का तम्बू था। परमेश्वर ने मूसा को इसके विषय में यह आदेश दिया था, ‘तूने जो नमूना देखा है, उसी के अनुसार उसे बनाना।’
परमेश्वर के मन्दिर का देवमूर्तियों से क्या समझौता? क्योंकि हम जीवन्त परमेश्वर के मन्दिर हैं, जैसा कि परमेश्वर ने कहा है : “मैं उन के बीच निवास करूँगा और उनके साथ चलूँगा। मैं उनका परमेश्वर होऊंगा और वे मेरी प्रजा होंगे।
तेरा प्रभु परमेश्वर तेरी रक्षा करने, और तेरे शत्रुओं को तेरे हाथ में सौंप देने के लिए तेरे पड़ाव के मध्य चलता-फिरता है। इसलिए तेरा पड़ाव निश्चय ही स्वच्छ रहे। ऐसा न हो कि वह तेरे मध्य अशोभनीय वस्तु देखे, और तेरे साथ न जाकर लौट जाए।
इस्राएली समाज की समस्त मंडली शिलोह नगर में एकत्र हुई। उन्होंने वहाँ मिलन-शिविर की स्थापना की। समस्त देश पर उनका अधिकार हो चुका था। देश उनके सम्मुख प्रस्तुत था।
“इफिसुस की कलीसिया के दूत को यह लिखो : “जो अपने दाहिने हाथ में सात तारों को धारण किये है और सोने के सात दीपाधारों के बीच घूम रहा है, उसका सन्देश इस प्रकार है :
उन दिनों में परमेश्वर के विधान की मंजूषा वहाँ थी और हारून का पौत्र तथा एलआजर का पुत्र पीनहास प्रभु के सम्मुख उपस्थित रहकर सेवा करता था। इस्राएली लोगों ने प्रभु से पूछा, ‘क्या हम अपने जाति-भाई बिन्यामिनियों से युद्ध करने के लिए फिर जाएँ अथवा युद्ध बन्द कर दें?’ प्रभु ने उत्तर दिया, ‘चढ़ाई करो; क्योंकि मैं कल उन्हें तुम्हारे हाथ में सौंप दूँगा।’