5 अत: वे सीरियाई सेना के पड़ाव पर जाने के लिए सन्ध्या समय उठे। परन्तु जब वे पड़ाव की सीमा पर पहुंचे तब उन्होंने देखा कि पड़ाव में एक भी सैनिक नहीं है!
यदि हम यह कहेंगे, “आओ हम नगर में प्रवेश करें” तो नगर में अकाल फैला है, और हम वहां मर जाएंगे। परन्तु यदि हम यहां बैठे रहेंगे, तो यहां भी हम भूख से मर जाएंगे। इसलिए, आओ, चलें। हम सीरियाई सेना के पड़ाव पर जाएंगे। यदि वे हमें जीवित छोड़ देंगे तो हम जीवित रहेंगे। यदि वे हमें मार डालेंगे, तो हम मर जाएंगे।’
इसका कारण यह था : प्रभु ने सीरियाई सेना को रथों और घोड़ों का स्वर, विशाल सेना का स्वर सुनाया। उसको सुनकर सीरियाई सैनिकों ने परस्पर यह कहा, ‘देखो, इस्राएल के राजा ने हम पर चढ़ाई करने के लिए हित्ती और मिस्र देश के राजाओं की सेना को भाड़े पर बुलाया है।’
तुम्हारा शासक अंधेरे में अपने कंधे पर अपना सामान उठाएगा और चला जाएगा। तुम दीवार को फोड़ोगे और वह उससे निकल जाएगा। उसकी आंखों पर पट्टी बांधी जाएगी, ताकि वह अपने देश को न देख सके।
यदि मन्नत मानने वाला व्यक्ति इतना दरिद्र है कि वह तुम्हारे द्वारा आंके गए मूल्य को चुका नहीं सकता है, तो तुम उस व्यक्ति को पुरोहित के सम्मुख प्रस्तुत करना, और पुरोहित उसका मूल्य आंकेगा। पुरोहित मन्नत माननेवाले व्यक्ति की आर्थिक स्थिति के अनुसार उसका मूल्यांकन करेगा।
कैसे एक व्यक्ति हजार सैनिकों का पीछा कर सकता है, कैसे दो व्यक्ति दस हजार सैनिकों को भगा सकते हैं, यदि उनकी “चट्टान” उनको बेच न देती, यदि प्रभु उनसे आत्म-समर्पण न कराता?
दाऊद ने उन पर आक्रमण कर दिया। उसने उन्हें सन्ध्या से लेकर दूसरे दिन की शाम तक मारा। चार सौ युवकों को छोड़कर, जो ऊंट पर सवार हो कर भाग गए, एक भी मनुष्य जीवित नहीं बचा!