2 योशिय्याह ने वे काम किये जिन्हें यहोवा ने अच्छा बताया था। योशिय्याह ने परमेश्वर का अनुसरण अपने पूर्वज दाऊद की तरह किया। योशिय्याह ने परमेश्वर की शिक्षाओं को माना, और उसने ठीक वैसा ही किया जैसा परमेश्वर चाहता था।
यदि तू मेरी सब आज्ञाओं को सुनेगा, मेरे मार्ग पर चलेगा, जो कार्य मेरी दृष्टि में उचित हैं, उसको करेगा, और जैसा मेरा सेवक दाऊद मेरी संविधियों और आज्ञाओं का पालन करता था, वैसा ही तू करेगा, तो मैं तेरे साथ रहूंगा। जैसा मैंने दाऊद के लिए राज-वंश का निर्माण किया था वैसा ही तेरे लिए करूंगा। मैं तुझे इस्राएली राष्ट्र दे दूंगा।
जो कार्य प्रभु की दृष्टि में उचित था, वह दाऊद ने किया था। उसने अपने जीवन-भर उन आज्ञाओं का उल्लंघन नहीं किया था, जो प्रभु ने उसे दी थीं। हां, उसने हित्ती जाति के ऊरियाह के विषय में एक बार आज्ञा-उल्लंघन किया था।
सुलेमान ने उत्तर दिया, ‘तू अपने सेवक, मेरे पिता दाऊद पर बड़ी करुणा करता रहा; क्योंकि वह तेरे सम्मुख सच्चाई, धार्मिकता और सरल हृदय से चलते थे। तूने उन पर सबसे बड़ी करुणा यह की, कि उनको एक पुत्र प्रदान किया जो आज उनके सिंहासन पर बैठा है।
अमस्याह ने वही किया, जो प्रभु की दृष्टि में उचित था। फिर भी उसने अपने पूर्वज दाऊद के समान कार्य नहीं किया। उसने अपने सब कार्यों से अपने पिता योआश का अनुसरण किया,
जब आहाज ने राज्य करना आरम्भ किया तब वह बीस वर्ष का था। उसने राजधानी यरूशलेम में सोलह वर्ष तक राज्य किया। उसने अपने पूर्वज दाऊद के आचरण का अनुसरण नहीं किया। उसने वे कार्य नहीं किए जो प्रभु परमेश्वर की दृष्टि में उचित हैं।
प्रभु राजा यहोशाफट के साथ था; क्योंकि राजा यहोशाफट ने अपने पिता के राज्य-काल के आरम्भिक दिनों के आचरण का अनुसरण किया था। वह बअल देवता के पीछे नहीं गया,
सफन्याह के पिता का नाम कूशी और दादा का नाम गदल्याह था। सफन्याह का परदादा अमर्याह था। सफन्याह के परदादा के पिता का नाम हिजकियाह था। प्रभु का सन्देश सफन्याह को यहूदा प्रदेश के राजा योशियाह बेन-आमोन के राज्य-काल में मिला।
तू साहसी और शक्तिशाली बन! जिस व्यवस्था का आदेश मेरे सेवक मूसा ने तुझे दिया है, उसका पालन कर और उसके अनुसार कार्य कर। उस व्यवस्था से न दाहिनी ओर मुड़ना, और न बायीं ओर। तब तू जहाँ-जहाँ जाएगा, वहाँ-वहाँ सफल होगा।