4 फिर एलियाह ने एलीशा से कहा, ‘प्रभु मुझे यरीहो नगर को भेज रहा है, इसलिए तू यहीं ठहर।’ पर एलीशा ने उत्तर दिया, ‘जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! आपके जीवन की सौगन्ध! मैं आपको कदापि अकेला नहीं छोड़ूंगा।’ अत: वे यरीहो नगर में आए।
4 एलिय्याह ने एलीशा से कहा, “कृपया यहीं ठहरो क्योंकि यहोवा ने मुझे यरीहो जाने को कहा है।” किन्तु एलीशा ने कहा, “जैसा कि यहोवा की सत्ता शाश्वत है और आप जीवित हैं, इसको साक्षी करके मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं आपका साथ नहीं छोडूँगा!” इसलिये दोनों लोग यरीहो गए।
4 और एलिय्याह ने उस से कहा, हे एलीशा, यहोवा मुझे यरीहो को भेजता है; इसलिये तू यहीं ठहरा रह: उसने कहा, यहोवा के और तेरे जीवन की शपथ मैं तुझे नहीं छोड़ने का; सो वे यरीहो को आए।
4 एलिय्याह ने उससे कहा, “हे एलीशा, यहोवा मुझे यरीहो को भेजता है; इसलिये तू यहीं ठहरा रह।” उसने कहा, “यहोवा के और तेरे जीवन की शपथ मैं तुझे नहीं छोड़ने का।” अत: वे यरीहो को आए।
4 एलियाह ने एलीशा से कहा, “एलीशा, यहीं ठहरो, क्योंकि याहवेह मुझे येरीख़ो को भेज रहे हैं.” मगर एलीशा ने उनसे कहा, “जीवित याहवेह की शपथ, और आपकी शपथ, मैं आपका साथ नहीं छोडूंगा.” तब वे दोनों ही येरीख़ो पहुंच गए.
4 एलिय्याह ने उससे कहा, “हे एलीशा, यहोवा मुझे यरीहो को भेजता है; इसलिए तू यहीं ठहरा रह।” उसने कहा, “यहोवा के और तेरे जीवन की शपथ मैं तुझे नहीं छोड़ने का।” अतः वे यरीहो को आए।
उसके राज्य-काल में बेत-एल नगर के निवासी हीएल ने यरीहो नगर का पुन: निर्माण किया। उसने यरीहो नगर की नींव में अपने पहलौठे पुत्र अबीराम को जिन्दा गाड़ा! नगर-द्वार खड़ा करते समय उसने अपने सबसे छोटे पुत्र सगूब को जिन्दा गाड़ा। यह प्रभु के वचन के अनुसार हुआ जैसा उसने यहोशुअ बेन-नून के माध्यम से कहा था।
एलियाह ने एलीशा से कहा, ‘प्रभु मुझे बेत-एल नगर को भेज रहा है, इसलिए तू यहीं ठहर।’ पर एलीशा ने उत्तर दिया, ‘जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! आपके जीवन की सौगन्ध! मैं आपको कदापि अकेला नहीं छोड़ूंगा।’ अत: वे बेत-एल नगर को गए।
जब बरनबास ने वहाँ पहुच कर परमेश्वर का अनुग्रह देखा, तो वह आनन्दित हो उठे। उन्होंने सब को प्रोत्साहित किया कि वे सम्पूर्ण हृदय से प्रभु के प्रति निष्ठावान बने रहें;
इस्राएलियों के कारण यरीहो नगर में मोर्चाबन्दी कर ली गई। प्रवेश-द्वार बन्द कर दिए गए। कोई भी व्यक्ति नगर के भीतर न आ सकता था, और न नगर के बाहर जा सकता था।
उस समय यहोशुअ ने इस्राएली लोगों को यह शपथ दी : ‘जो व्यक्ति इस यरीहो नगर का पुन: निर्माण करने का प्रयत्न करेगा, उसको प्रभु श्राप देगा। वह अपने ज्येष्ठ पुत्र की लाश पर नगर की नींव रखेगा, वह अपने कनिष्ठ पुत्र की लाश पर नगर के प्रवेश-द्वार खड़े करेगा।’
रूत ने कहा, ‘आप मुझसे विनती मत कीजिए कि मैं आपको छोड़ दूँ, आपके पीछे-पीछे न आऊं और लौट जाऊं। जहाँ-जहाँ आप जाएँगी, वहाँ-वहाँ मैं भी जाऊंगी। जहाँ आप रहेंगी, वहाँ मैं भी रहूँगी। आपके लोग, मेरे लोग होंगे। आपका परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा।