9 सबेरे येहू महल से बाहर निकला। वह ढेरों के पास खड़ा हुआ। उसने लोगों से यह कहा, ‘तुम निरपराध हो। मैंने ही अपने स्वामी के विरुद्ध षड्यन्त्र रचा और उसकी हत्या की। पर किसने इनको मारा?
9 सुबह को येहू बाहर निकला और लोगों के सामने खड़ा हुआ। उसने लोगों से कहा, “तुम लोग निरपराध लोग हो। देखो, मैंने अपने स्वामी के विरुद्ध योजनाएं बनाई। मैंने उसे मार डाला। किन्तु अहाब के इन सब पुत्रों को किसने मारा तुमने उन्हें मारा!
9 बिहान को उसने बाहर जा खड़े हो कर सब लोगों से कहा, तुम तो निर्दोष हो, मैं ने अपने स्वामी से राजद्रोह की गोष्ठी कर के उसे घात किया, परन्तु इन सभों को किस ने मार डाला?
9 सबेरे उसने बाहर जा खड़े होकर सब लोगों से कहा, “तुम तो निर्दोष हो, मैं ने अपने स्वामी से राजद्रोह की गोष्ठी करके उसे घात किया, परन्तु इन सभों को किसने मार डाला?
9 सुबह जब येहू बाहर आया, उसने खड़े होकर सारी भीड़ से कहा, “आप सभी निर्दोष हैं. अपने स्वामी के विरुद्ध षड़्यंत्र मैंने रचा, और उनकी हत्या कर दी, मगर इन सत्तर की हत्या किसने की है?
9 सवेरे उसने बाहर जा खड़े होकर सब लोगों से कहा, “तुम तो निर्दोष हो, मैंने अपने स्वामी से राजद्रोह की युक्ति करके उसे घात किया, परन्तु इन सभी को किसने मार डाला?
येहू ने उनको दूसरा पत्र लिखा। उसने इस पत्र में यह लिखा : ‘यदि तुम मेरे पक्ष में हो, यदि तुम मेरे आदेश का पालन करने को तैयार हो, तो अपने भूतपूर्व स्वामी के पुत्रों के सिर धड़ से अलग करो, और उनको लेकर कल, इसी समय यिज्रएल नगर पहुंच जाओ।” उस समय राजकुमार, जो संख्या में सत्तर थे, नगर के प्रमुख व्यक्तियों के यहां रहते थे। ये व्यक्ति राजपुत्रों का पालन-पोषण कर रहे थे।
सन्देशवाहक येहू के पास आया। उसने येहू को बताया, ‘महाराज, वे राजकुमारों के सिर लाए हैं।’ येहू ने कहा, ‘उनको दो ढेर में नगर के प्रवेश-द्वार पर रख दो, और सबेरे तक वहीं रहने दो।’
उसके दो दरबारियों − योजाकर बेन-शिमआत और यहोजाबाद बेन-शोमेर − ने उस पर प्राणघातक प्रहार किया और वह मर गया। उन्होंने योआश को दाऊदपुर में उसके पूर्वजों के कब्रिस्तान में गाड़ा। योआश का पुत्र अमस्याह उसके स्थान पर राज्य करने लगा।
प्रभु ने होशे से यह कहा : ‘तू अपने पुत्र का नाम यिज्रएल रख; क्योंकि कुछ समय पश्चात् मैं राजा येहू के परिवार को यिज्रएल घाटी में बहाए गए रक्त के लिए दण्ड दूंगा। मैं इस्राएल वंश के राज्य का अंत करूंगा।
मैं तुम्हारे सामने प्रस्तुत हूँ : प्रभु और उसके अभिषिक्त राजा के सम्मुख साक्षी दो। मैंने किस व्यक्ति का बैल लिया? मैंने किस व्यक्ति का गधा लिया? मैंने किस व्यक्ति का दमन अथवा उस पर अत्याचार किया? क्या मैंने कभी किसी के हाथ से घूस ली? यदि तुम्हारी साक्षी सच होगी तो मैं उसको तुम्हें लौटा दूँगा।’