2 कुरिन्थियों 1:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)17 मेरा निश्चय यही था। तो, क्या मैंने अकारण ही अपना विचार बदल लिया? क्या मैं सांसारिक मनुष्य की तरह निश्चय करता हूँ? क्या मुझ में कभी ‘हां’ और कभी ‘नहीं’-जैसी बात है? अध्याय देखेंपवित्र बाइबल17 मैंने जब ये योजनाएँ बनायी थीं, तो मुझे कोई संशय नहीं था। या मैं जो योजनाएँ बनाता हूँ तो क्या उन्हें सांसारिक ढंग से बनाता हूँ कि एक ही समय “हाँ, हाँ” भी कहता रहूँ और “ना, ना” भी करता रहूँ। अध्याय देखेंHindi Holy Bible17 इसलिये मैं ने जो यह इच्छा की थी तो क्या मैं ने चंचलता दिखाई? या जो करना चाहता हूं क्या शरीर के अनुसार करना चाहता हूं, कि मैं बात में हां, हां भी करूं; और नहीं, नहीं भी करूं? अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)17 इसलिये मैं ने जो यह इच्छा की थी तो क्या मैं ने चंचलता दिखाई? या जो करना चाहता हूँ क्या शरीर के अनुसार करना चाहता हूँ कि मैं बात में ‘हाँ, हाँ’ भी करूँ और ‘नहीं, नहीं’ भी करूँ? अध्याय देखेंनवीन हिंदी बाइबल17 जब मैंने ऐसा करना चाहा तो क्या मेरा मन अस्थिर था? या जो निर्णय मैं लेता हूँ, क्या वह शरीर के अनुसार लेता हूँ कि मैं “हाँ, हाँ” भी कहूँ और साथ ही “नहीं, नहीं” भी? अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल17 क्या मेरी यह योजना मेरी अस्थिर मानसिकता थी? या मेरे उद्देश्य मनुष्य के ज्ञान प्रेरित होते हैं कि मेरा बोलना एक ही समय में हां-हां भी होता है और ना-ना भी? अध्याय देखें |
प्रभु की यह वाणी है, ‘देखो, मैं झूठी नबूवत, झूठे दर्शन की बातें करनेवाले नबियों के विरुद्ध हूं। मैंने इन नबियों को नहीं भेजा है, और न ही नबूवत सुनाने का दायित्व सौंपा है। ये अपने झूठ और व्यर्थ बातों से मेरे निज लोगों को पथ-भ्रष्ट करते हैं। इन झूठे नबियों से इस प्रजा को कुछ लाभ नहीं होता है;’ प्रभु की यह वाणी है।